बुजुर्गों का कवच बनेगा निर्मल रक्षा बैंड, बटन दबाते ही हर मुसीबत में मिलेगी मदद
बुजुर्गों को स्वास्थ्य व अन्य समस्याएं होने पर परेशानी का सामना करना पड़ता है। इमरजेंसी में उनको समय पर मदद न मिलना बेहद घातक हो जाता है। अब एक हैंडबैंड उनके लिए कवच बनेगा।
रोहतक, [अरुण शर्मा]। अकेले रह रहे बुजुर्गों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आपातकालीन स्थितियों में उनको समय पर मदद नहीं मिल पाना बेहद घातक होता है। ऐसे में एक हैंडबैंड उनके लिए वरदान साबित हो सकता है। यह 'निर्मल रक्षा बैंड' घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्गों का कवच बनेगा। इस बैंड से बुजुर्गों को तुरंत मदद मिलेगी।
बैंड में हरे बटन से वॉयस चैट हो सकेगी और लाल बटन से लोकेशन चल सकेगी पता, मिलेगी मदद
इस कलाई बैंड में लाल और हरे रंग के दो बटन होंगे। इसमें सिम डालकर इसे जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) से कनेक्ट किया जाएगा। अचानक बीमार होने की स्थित में कलाई में पहने जाने वाले बैंड के लाल बटन को पांच सेकंड तक दबाने पर बुजुर्गों की मदद के लिए तुरंत टीम टीम पहुंचेगी। हरे बटन को दबाने पर वॉयस चैट के जरिए भी बुजुर्ग आपात स्थिति में मदद मांग सकेंगे।
ऐसा है खास निर्मल रक्षा बैंड।
बेंगलुरु से तैयार कराए गए ये खास तरह के कलाई बैंड श्रीराम सरन भ्याना मेमोरियल ट्रस्ट बुजुर्गों को मुफ्त में वितरित करेगा। ट्रस्ट के संस्थापक सुमित भ्याना ने बताया है कि हार्ट अटैक, अल्जाइमर या फिर डिमेंशिया जैसी बीमारियों की चपेट में आने वाले बुजुर्गों का यह डिवाइस सहारा बनेगी।
बुजुर्गों को वितरित किए जाएंगे जीपीएस से अटैच खास कलाई बैंड, मुफ्त की एंबुलेंस सेवा भी मिलेगी
इस खास कलाई बैंड में बुजुर्ग शारीरिक बीमारियों की जांच जैसे वॉकिंग स्टेप्स, ब्लड प्रेशर, पल्स रेट की जांच कर सकेंगे। डिवाइस को स्मार्ट फोन से जोड़कर ट्रस्ट के कार्यालय में अटैच कर दिया जाएगा। यहां फोन सुनने और 24 घंटे एंबुलेंस सेवा है। योजना के बारे में ट्रस्ट के सुमित ने बताया कि पिछले साल अप्रैल में इस ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। 19 मई 2019 को रोहतक के सेक्टर-1, सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर-34, सेक्टर-35, सेक्टर-36 व निकट क्षेत्र में नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा शुरू की गई थी। इस विशेष बैंड के लिए अब तक 400 लोगों को पंजीकृत किया जा चुका है।
ऐसा है खास निर्मल रक्षा बैंड।
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10 देशों के मेहमान भी आएंगे
सुमित ने बताया है कि कुछ माह पहले ट्रायल के लिए पांच निर्मल बैंड मंगाए गए थे। ट्रायल सफल रहा है। इसलिए पहले चरण में 100 बुजुर्गों को करीब 10 देशों के मेहमानों व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में यह बैंड 16 फरवरी को सेक्टर-1 स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में आयोजित होने वाले समारोह में वितरित करेंगे।
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पिता की मौत के बाद सामाजिक बदलाव का लिया फैसला
बीते साल 16 फरवरी को सुमित के पिता रामशरण दास का शौचालय में हार्ट अटैक से निधन हो गया था। परिवार और सुमित को इस घटना से गहरा आघात लगा। इसलिए सामाजिक बदलाव का फैसला लिया। सुमित कहते हैं फिलहाल सेक्टर-1 के कार्यालय में 24 घंटे एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है। किसी भी आपात स्थिति में बुजुर्गों को अस्पताल तक पहुंचाने और उन्हें वापस लाने के लिए गाडिय़ों व सहायकों की तैनाती की जा चुकी है। अब बैंड वितरित होने के बाद बुजुर्गों को राहत मिलेगी।
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