हिसार में पशु डेयरियों से निगम उठाएगा गोबर, ड्रेनेज या सीवरेज में बहाया तो लगेगा जुर्माना
हिसार में पशु डेयरी संचालकों को हर माह प्रति पशु 50 रुपये निगम को गोबर कलेक्शन शुल्क का करना होगा भुगतान। अब सीवरेज जाम की कम होगी समस्या।
हिसार [पवन सिरोवा] पशु डेयरियों के संचालकों को अब अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। नगर निगम ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग (यूएलबी) के आदेश पर नया प्रपोजल तैयार किया है। जिसके तहत एक अगस्त से नगर निगम शहर के पशु डेयरियों से गोबर संग्रहण करेगा। इसके एवज में डेयरी संचालकों को हर माह प्रत्येक पशु 50 रुपये निगम को गोबर संग्रहण शुल्क देना होगा। इसके लिए सोमवार से निगम डेयरी पशु संचालकों को जागरूक करेगा। पहले निगम जागरूकता फैलाएगा फिर जो डेयरी संचालक पशु गोबर को ड्रेनेज, नाला या सीवरेज में बहाते पाए जाएंगे, उनके चालान किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि गाय व भैंस के मलमूत्र से फैल रहे जल और वायु प्रदूषण को मात देने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के बाद अब यूएलबी ने भी प्लाङ्क्षनग की है। यूएलबी ने प्रदेश के निगम कमिश्नर, ईओ और सचिव को आदेश जारी कर कहा है कि पशु डेयरियों का गोबर डोर-टू-डोर मैकेनिजम के तहत संग्रहण कर सुरक्षित तरीके से उसका निस्तारण किया जाए। इसका खर्च डेयरी संचालकों से वसूला जाए।
सर्वे में शहर में डेयरियों की स्थिति
साल 2019 में 5 या इससे अधिक पशु वाली डेयरी: 354
साल 2010 में 5 या इससे अधिक पशु वाली डेयरी: 292
साल 2012-13 में 5 या इससे अधिक पशु वाली: 316
20 साल में तीन बार कागजों में डेयरी शिङ्क्षफ्टग प्रोजेक्ट की घोषणा
इनेलो : इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने साल 2000 में घोषणा की।
कांग्रेस : कांग्रेस सरकार में साल 2004-05 में प्रपोजल फिर शुरू हुआ। साल 2010 में सर्वे तक कागजों में सिमटा।
भाजपा : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 29 दिसंबर 2014 को घोषणा की। प्रपोजल पर कागजों में हो रहा काम।
गोबर का वैज्ञानिक पद्धति से होगा निस्तारण
- स्वच्छ पर्यावरण के लिए गोसेवा आयोग ने पशु गोबर को (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) सीएनजी गैस में परिवर्तित के लिए प्लांट लगाने की प्लाङ्क्षनग की है। भविष्य में शहर से एकजुट गोबर का प्रयोग गोअभयाण्य में लगने वाले बायोगैस सीएनजी प्लांट में होगा।
- डेयरी से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूएन (एनजीटी) ने 24 सितंबर 2019 तक यूएलबी से पशु डेयरियों के संबंध में रिपोर्ट ली, ताकि इन पर शिकंजा कसा जा सके। अब सीपीसीबी ने पशु मलमूत्र का निस्तारण वैज्ञानिक पद्धति से करने के आदेश दिए हैं।
प्रपोजल सिरे चढऩे पर ये होंगे लाभ
- पशुओं के गोबर के कारण सीवरेज व ड्रेनेज जाम की समस्या से राहत मिल पाएगी।
- गोबर के कारण बदबूदार माहौल व मच्छरों की समस्या से काफी हद तक राहत मिलेगी।
- खाली प्लाटों में गोबर के कारण गंदगी के ढेर से मुक्ति मिलेगी।
- सड़कों पर फैले गोबर से आमजन को राहत मिलेगी।
-----नगर निगम अगस्त माह से पशु डेयरियां से गोबर संग्रहण करेगा। गोबर उठाने के एवज में प्रत्येक डेयरी से हर माह प्रति पशु 50 रुपये गोबर कलेक्शन शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए पहले डेयरी संचालकों को जागरूक किया जाएगा। पहले उन डेयरियों का निगम टीम गोबर कलेक्शन करेगी, जिनके संचालक शुल्क अदा करेंगे। जो संचालक गोबर ड्रेनेज, नालों या सीवरेज में बहाते पाए गए, उन पर आगामी समय में निगम कार्रवाई करेगा।
- शालिनी चेतल, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम हिसार।