जिस पार्टी से खफा हो बनाया नया दल, उसी इनेलो के लिए एमपी दुष्यंत चौटाला ने मांगे वोट
जींद में उपचुनाव होने जा रहा है। 28 जनवरी को इसके लिए मतदान होना है।नेता प्रचार में जुटे हुए हैं दुष्यंत चौटाला भी प्रचार कर रहे थे जब उन्होंने चश्मे पर मुहर लगाने की बात कह दी।
हिसार, जेएनएन। इंडियन नेशनल लोकदल में तकरार के बाद नई पार्टी बनाने वाले अजय सिंह चौटाला के बेटे एवं हिसार लोकसभा सांसद दुष्यंत चौटाला की जींद उपचुनाव में प्रचार के दौरान जुबान फिसल गई। जननायक जनता दल यानि जेजेपी पार्टी बनाने के बाद उन्होंने पुरानी पार्टी आइएनएलडी के लिए ही वोट मांग डाले। जेजेपी पार्टी के लिए मिले कपप्लेट चुनाव निशान की जगह उन्होंने इनेलो पार्टी के चुनाव निशान चश्मे पर मुहर लगाने की बात कह दी। यह सुन जनसभा में मौजूद सभी कार्यकर्ता हैरान हो गए, मगर जल्द ही यह भी समझ गए कि यह जुबान फिसलने से ही हुआ है।
इसके तुरंत बाद पीछे से किसी ने आवाज लगाई कि चश्मा नहीं कप प्लेट के निशान पर मुहर लगाएं। इसके बाद एमपी दुष्यंत चौटाला ने बात संभालते हुए कहा कि चश्मे के निशान पर नहीं कप प्लेट के निशान पर मुहर लगाकर जेजेपी के प्रत्याशी को विजयी बनाएं। मगर इसके तुरंत बाद सभी एक दम जोर से हंस पड़े, ऐसा होने पर एमपी दुष्यंत चौटाला खुद भी नहीं रोक पाए और वो भी हंस पड़े। काफी देर तक यह वाकया मनोरंजित बना रहा।
मगर इस दौरान सारा घटनाक्रम वीडियो में कैद हो गया। इस वीडियो काे साेशल मीडिया पर वायरल भ्ाी कर दिया गया। वहीं विरोधी पार्टी के नेता और लोग इस वीडियो को देखकर चुटकियां ले रहे हैं। तो वहीं कुछ का यह भी कहना है कि दुष्यंत चौटाला इनेलो पार्टी से अलग तो हो गए मगर अभी भी उनके अंदर इनेलो को लेकर हमदर्दी बची हुई है। यही कारण है कि कई बार इनेलो का नाम उनकी जुबान पर आ चुका है।
बता दें कि जींद में उपचुनाव होने जा रहा है। 28 जनवरी को इसके लिए मतदान होना है। कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला, बीजेपी की ओर से कृष्ण मिड्ढा, इनेलो की ओर से उमेद रेड्ढू और जेजेपी पार्टी की ओर से एमपी दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला मैदान में है। सभी पार्टियों के नेता प्रचार में जुटे हुए हैं और इसी दौरान दुष्यंत चौटाला भी प्रचार कर रहे थे जब उन्होंने चश्मे पर मुहर लगाने की बात कह दी। जबकि उन्हें अपनी पार्टी के लिए कप प्लेट का चुनाव निशान मिला है।
तरह शुरू हुआ था पार्टी में विवाद
इनेलो में फूट की शुरुआत में संघर्ष अभय चौटाला और उनके भतीजे दुष्यंत के बीच सामने आया था। 7 अक्तूबर 2018 को सोनीपत ज़िले में इनेलो की रैली थी। दो हफ़्ते की पैरोल पर ओम प्रकाश चौटाला भी जेल से बाहर आए थे और वो भी रैली में मंच पर मौजूद थे। भीड़ के एक हिस्से ने अभय चौटाला के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी शुरू कर दी. इसका नतीजा ये हुआ कि ओम प्रकाश चौटाला ने दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से निकाल दिया साथ ही इनेलो के युवा मोर्चे को भी भंग कर दिया। इसका नेतृत्व दिग्विजय सिंह चौटाला कर रहे थे दुष्यंत और दिग्विजय ने फ़ैसला मानने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि इस तरह की कार्रवाई केवल उनके पिता अजय सिंह चौटाला ही कर सकते हैं। इस घटना के बाद दुष्यंत चौटाला ने पूरे हरियाणा में घूमकर बैठकें शुरू कीं और ये मांग की कि पार्टी उन्हें बताये कि उन्होंने कौनसा अनुशासन तोड़ा है। बात बिगड़गी गई दोनों पक्षों में तीखी बयानबाजी शुरू हो गई और फिर अजय चौटाला ने इनेलो से अलग हो नई पाटी जेजेपी बना ली।