बेटी को बेस्ट रेस्लर बनाने के लिए मां ने छोड़ा गांव, पति से दूर हो रहने लगी शहर
बेटी के लिए मां ने छोड़ा गांव, छह माह से रह रहीं हिसार और बेटी अंतिम महाबीर स्टेडियम में चार साल से कर रही है अभ्यास, अब तक जीत चुकी कई मेडल
हिसार [अश्वनी कुमार] बच्चों को परिजनों का साथ मिले तो उन्हें आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता। ऐसा ही उदाहरण है कुश्ती खिलाड़ी अंतिम का। उनकी माता कृष्णा देवी ने अपनी बेटी अंतिम को बेस्ट खिलाड़ी बनाने और उसकी खुराक न्यूट्रिशन युक्त बनाने और सारा ध्यान खेल पर केंद्रित करने के लिए अपना गांव तक छोड़ दिया। वह पिछले छह माह से हिसार के प्रेम नगर में बेटी अंतिम के साथ किराए के मकान में रहती हैं। जबकि पिता रामनिवास गांव भगाना में रह रहे हैं। वह खेती-बाड़ी का काम करते हैं।
अंतिम के पिता रामनिवास ने बातचीत में बताया कि उनका सपना है कि वह बेटी को कुश्ती में एक बेहतरीन खिलाड़ी बनाए। वैसे तो अंतिम पिछले ढाई साल से हिसार में अपनी बड़ी बहन के साथ रह रही थी, लेकिन छह माह पहले गांव के लोगों ने अंतिम के पिता को टोकना शुरू कर दिया कि बेटी आगे तो बढ़ रही है, लेकिन इसकी खाने की खुराक नहीं है। बेटी पर ध्यान देना जरूरी है। उसके बाद पिता को बेटी को लेकर चिंता सताने लगी और कृष्णा को बेटी के साथ हिसार में रहने का फैसला ले लिया। अब माता कृष्णा बेटी के साथ हिसार रहकर उसका खाने-पीने का पूरा ध्यान रखती है।
एशियन कुश्ती चैंपियनशिप के लिए हुआ चयन
वहीं अंतिम का एशियन कुश्ती चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ है। हाल ही में दिल्ली में ट्रायल हुए थे। इसमें अंतिम ने गोल्ड मेडल जीता है। अब वह जापान में 14 नवंबर से 16 नवंबर तक होने वाली एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेगी। वह महाबीर स्टेडियम में कुश्ती कोच रोशनी देवी की देखरेख में चार साल से अभ्यास ले रही है। इससे पहले भी अंतिम कई मेडल जीतकर अपने गांव का नाम भी रोशन कर चुकी है। वहीं अंतिम के मेडल जीतने पर जिला खेल अधिकारी गंगादत्त यादव, हवा ङ्क्षसह खारिया और कोच रोशनी देवी ने बधाई दी।
अंतिम की उपलब्धियां
- वर्ष 2017 में स्कूली नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक
- वर्ष 2017 में स्कूली स्टेट कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
- वर्ष 2018 में नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
बेटी के लिए कुछ भी करना मंजूर
अंतिम के पिता रामनिवास ने कहा कि छह महीने पहले बेटी के साथ प्रैक्टिस करने वाली खिलाडिय़ों ने कहा था कि अंतिम की खुराक बहुत कम है। इसकी तरफ ध्यान दो। उसके बाद मैंने अंतिम के साथ उसकी माता कृष्णा देवी को हिसार में रहने के लिए छोड़ दिया। अब वह बेटी के साथ हिसार में रह रही है। बेटी की तरक्की के लिए कुछ भी करना मंजूर है।