फतेहाबाद में 15 करोड़ से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स दबाए बैठे सरकारी विभाग, कैसे होगा शहर का विकास
फतेहाबाद में नगर परिषद का 20 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। इनमें 15 करोड़ से ज्यादा के बकायेदार सरकारी विभाग हैं। लघु सचिवालय सबसे बड़ा डिफॉल्टर है। नगर परिषद की कमाई का सबसे बड़ा जरिया प्रॉपर्टी टैक्स ही है। नप के पास शहर के विकास के लिए पैसे नहीं।
फतेहाबाद, विनोद कुमार। नगर परिषद अधिकारी बजट न होने का हवाला देकर शहर का विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। नप की इनकम का सबसे बड़ा आय क्षेत्र प्रॉपर्टी टैक्स है। इस टैक्स की वसूली के लिए नगर परिषद फतेहाबाद के अधिकारियों के पास कोई प्लान तक नहीं है।
अगर प्लान होता तो शहर के विकास के लिए उच्चाधिकारियों से स्पेशल ग्रांट नहीं मांगनी पड़ती। शहरवासियों की तरफ करीब 20 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया पड़ा है। शहरवासी तो समय समय पर प्रोपर्टी टैक्स भरते रहते है। लेकिन सरकारी भवनों का प्रॉपर्टी टैक्स नहीं आ रहा है। यहीं कारण है कि उनकी तरफ एरियर भी बकाया पड़ा है।
सरकारी भवनों का जिक्र करें तो सबसे अधिक लघु सचिवालय भवन का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया बड़ा है। नगर परिषद की तरफ करीब 9 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स पड़ा है। इसके अलावा जनस्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग व राजस्व विभाग की तरफ एक करोड़ रुपये से अधिक का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया पड़ा है। हर साल यह ब्याज लगने के साथ बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों नगर परिषद अधिकारियों ने सरकारी भवनों के प्रॉपर्टी टैक्स की फाइल निकलवाई है। यही कारण है कि अब इन विभागों का एरियर भी सबके सामने आया है। अब देखना होगा कि नगर परिषद सरकारी भवनों के संचालकों को नोटिस जारी करता है या नहीं। अगर नोटिस जारी कर वसूली की जाए तो पूरे शहर का विकास कार्य करवाया जा सकता है।
शहरवासियों की तरफ 5 करोड़ रुपये की अदायगी
नगरपरिषद का शहरवासियों की तरफ 5 करोड़ रुपये से अधिक का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया पड़ा है। यह टैक्स कम नहीं हो रहा बल्कि बढ़ता जा रहा है। कोविड-19 के बाद सरकार ने हाउस टैक्स भरने वालों को छूट भी दी थी। लोग टैक्स भरने के लिए आ भी रहे थे लेकिन इसका लाभ कुछ ही लोगों ने उठाया था। लेकिन कुछ ऐसे लोग है जो कई सालों से टैक्स नहीं भर रहे है। दो साल पहले नोटिस भी दिए गए थे। लेकिन इस नोटिस का कोई असर तक नहीं हुआ।
अब जरा यूनिट पर डालें नजर
शहरवासियों की तरफ बकाया पड़ा प्रोपर्टी टैक्स : 5 करोड़
सरकारी विभाग की तरफ बकाया पड़ा प्रोपर्टी टैक्स : 15 करोड़
शहर में यूनिट : 27 हजार
आवास : 16 हजार
प्लाट : 6 हजार
अन्य : 5 हजार
ये भी हैं : दुकानें, कॉमर्शियल जगह व सरकारी आवास।
सरकारी विभाग की तरह ये बकाया पड़ा प्रोपर्टी टैक्स
विभाग बकाया
स्वास्थ्य विभाग 1,085,5,761
दूरसंचार विभाग 3,20,039
सिंचाई विभाग 33,17,289
जनस्वास्थ्य विभाग 1,061,8,429
राजस्व विभाग 1,27,53,509
पीडब्ल्यूडी विभाग 24,31,870
वन विभाग 18,48,653
विजिलेंस विभाग 9,60,931
पुलिस विभाग 1,30,42,902
उच्च शिक्षा विभाग 1,24,088
रक्षा विभाग 1,24,088
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग 1,63,183
लघु सचिवालय 9,28,47,977
हाउसिंग बोर्ड 52,326
पैक्स 4,49,882
कृषि विभाग 1,99,490
कराधान विभाग 37,55,230
हाउस विभाग 1,67,252
कुल 15,40,32,899
प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी के लिए बना रहे योजना
ईओ नगरा परिषद फतेहाबाद अरविंद बाल्यान ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी के लिए हम योजना बना रहे हैं। पहले कोरोना आ गया था। इस कारण लोग भर भी नहीं रहे थे। लेकिन अब आने वाले समय में इन लोगों को नोटिस जारी किया जाएगा। शहरवासियों की तरफ सरकारी भवनों का भी प्रॉपर्टी टैक्स वसूल किया जाएगा।
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