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हरियाणा के राखीगढ़ी में हड़प्‍पाकाल के और राज आए सामने, जानें क्या था खानपान, आप भी चख सकेंगे

हरियाणा के राखीगढ़ी में हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता के कई और राज सामने आए हैं। राखीगढ़ी में खोदाई में हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता के मिले अवशेषों के विश्‍लेषण से यह खुलासा हुआ है कि उस समय के लोग खट्टी दाल केला और शहद से बने मीठे चावल खाते थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 09:22 AM (IST)
हरियाणा के राखीगढ़ी में हड़प्‍पाकाल के और राज आए सामने, जानें क्या था खानपान, आप भी चख सकेंगे
राखीगढी में खोदाई के दौरान हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता के मिले अवशेष।

हिसार, [वैभव शर्मा]। हरियाणा के राखीगढ़ी में खोदाई के दौरान अवशेषों से हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता के कई और राज सामने आए हैं। विश्‍लेषण में खुलासा हुआ है कि हड़प्पा संस्कृति के लोग खाने में बड़े ही रोचक व्यंजनों का प्रयोग करते थे। वे खट्टी दाल तो विशेष रूप से पसंद करते थे, वहीं शहद और केले से बने मीठे चावल भी उनके भोजन में शामिल थे।

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खट्टी दाल, केला और शहद से बने मीठे चावल खाते थे हड़प्पाकालीन लोग

इसकी पुष्टि हिसार की राखीगढ़ी व हड़प्पा की अन्य साइटों पर शोध कर रहे पुरातत्वविदों ने की है। अब इन व्यंजनों का स्वाद आप भी चख सकेंगे।दरअसल पहली बार राखीगढ़ी में लोगों के लिए हैरिटेज वॉक आयोजित होने जा रही है। हरियाणा दिवस यानि एक नवंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में कई विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो आपको राखीगढ़ी से जुड़े तथ्यों व अपनी शोध को साझा करेंगे।

राखीगढ़ी में पहली बार हरियाणा दिवस पर आयोजित होगी हैरिटेज वॉक

खास बात है कि हड़प्पा संस्कृति पर काम करने वाले पुणे के डेक्कन कालेज के पूर्व वीसी प्रो. वसंत शिंदे पहली बार राखीगढ़ी में लोगों से रूबरू होकर अपने शोध कार्य साझा करेंगे। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसी कार्यक्रम के एक भाग में उन व्यंजनों का भी रखा गया है जो हड़प्पा संस्कृति के दौरान बनाए जाते थे, ताकि लोगों को वैसा ही अनुभव हो।

हड़प्पा काल की सबसे बड़ी साइट है राखीगढ़ी

हिसार के राखीगढ़ी में खोदाई के दौरान पूर्व में हड़प्पा संस्कृति से जुड़े कई सुबूत मिल चुके हैं। कई पुरातत्वविद भी यहां लगातार खोज कर रहे हैं। इसके साथ यहां अत्याधुनिक म्यूजियम भी तैयार हो रहा है। इस वॉक को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य है कि राखीगढ़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन क्षेत्र बनाया जाएगा। क्योंकि हड़प्पा की सबसे बड़ी राखीगढ़ी है।

हड़प्पन मेन्यु में ये व्यंजन हैं शामिल

- इंडस वैली खिचड़ी।

- लाल चावल की खिचड़ी।

- केला और शहद के साथ मीठे चावल।

- स्लो कुक्ड व्हीट फ्लोर।

- रागी लड्डू।

- खट्टी दाल।

- बाटी।

- चूरमा।

- कचरी की चटनी।

- हलवा।

- काला चना।

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कैसे जाना हड़प्पाकालील लोगों के भोजन के बारे में

शोधकर्ता बताते हैं कि अब तक हड़प्पा काल के दौरान के जो बर्तनों के अवशेष मिले हैं, उनमें मसाले या दूसरे खाद्य पदार्थों के सुबूत भी प्राप्त हुए हैं। उनके आंकलन कर पुरातत्वविदों ने हड़प्पाकालीन लोगों भोजन की एक सूची तैयार की। इसे कुछ समय पहले दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में भी पेश किया था।

कार्यक्रम में ये विशेषज्ञ होंगे शामिल

हैरिटेज वॉक में मुख्य अतिथि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) के डायरेक्टर जनरल डा. शेखर सी मांडे, विशिष्ट अतिथि इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आट््र्स में सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के चेयरमैन तरुण विजय, विशेष अतिथि नेशनल मेरिटाइम हैरिटेज कांप्लेक्स (गांधी नगर) के डायरेक्टर जनरल व पुणे की डेक्कन कालेज के पूर्व प्रोफेसर व वाइस चांसलर प्रो. वसंत शिंदे मुख्य रूप से शामिल होंगे। वे हैरिटेज वॉक के दौरान हड़प्पा संस्कृति से जुड़े तथ्यों को साझा करेंगे। कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शुरू होगा।

हैरिटेज वॉक यह कार्यक्रम रहेंगे शामिल

- राखीगढ़ में पांच पुरातन टीलों का भ्रमण।

- हड़प्पा संस्कृति के समय का सामान। 

- हड़प्पन भोजन।

- हरियाणवी भोजन।

- हरियाणा दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम।

- राखीगढ़ी के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी।

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