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इस बार मॉनसून में होगी झमाझम बारिश, तीन दिन पहले आने का अनुमान, गर्मी से मिलेगी राहत

पिछले साल 19 दिन देरी से आने के कारण देरी से ही गया था मानसून बारिश भी हुई थी कम। इस बार सामान्य से सात फीसद अधिक बारिश होने का अनुमान। 27-28 जून को आ सकता है माॅनसून

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 12:54 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 12:54 PM (IST)
इस बार मॉनसून में होगी झमाझम बारिश, तीन दिन पहले आने का अनुमान, गर्मी से मिलेगी राहत
इस बार मॉनसून में होगी झमाझम बारिश, तीन दिन पहले आने का अनुमान, गर्मी से मिलेगी राहत

हिसार, जेएनएन। इस बार प्रदेश में मानसून अपने समय से आने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने 27 से 28 जून के आसपास मानसून हरियाणा में आने की संभावना जताई है। इसके बाद जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में पूरी तरह से मानसून सक्रिय हो जाएगा। अक्सर मानसून हरियाणा में एक जुलाई के आसपास आता है, मगर इस बार तीन दिन पहले ही मानसून आने की संभावना है।

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2019 से तुलना करें तो पिछले वर्ष 19 दिन की देरी से मानसून हरियाणा में आया था। 19 जुलाई को मानसून ने दस्तक दी थी। इसके साथ ही देरी से 9 अक्टूबर के आसपास रवाना हुआ था। इस बार समय से मानसून अगर आ गया तो समय से ही रवाना होने का पूरा-पूरा अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले 9 वर्षों में चार बार समय पर मानसून का आगमन हुआ।

सामान्य से सात फीसद अधिक बारिश की संभावना

इस बार मानसून में सामान्य के आस पास बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर गौर करें तो इस बार सामान्य से सात फीसदी अधिक बारिश होने की संभावना जताई है। हालांकि यह मौसम की दिशा व दशा पर निर्भर करेगा। यदि समय पर मानसून आया तो यह किसानों के लिए फायदेमंद रहेगा। भारत मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम क्षेत्र यानि राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर आदि में मानसून ऋतु की वर्षा दीर्घावधि औसत के 107 फीसद, मध्य भारत में 103 फीसद, दक्षिणी प्रायद्वीप में 102 फीसद तथा पूर्वोत्तर भारत में 96 फीसद होने की संभावना है। इसमें 8 फीसद की मॉडल त्रुटि हो सकती है। समूचे देश के लिए जुलाई माह में दीर्घावधि औसत के 103 फीसद तथा अगस्त माह में 97 फीसद वर्षा होने की संभावना है। इसमें 9 फीसद की मॉडल त्रुटि हो सकती है।

हिसार में पिछले 9 वर्षों में कब-कब आया है मानसून

वर्ष- मानसून आया- बारिश के दिन- बारिश हुई (एमएम)

2011- 8 जुलाई- 19- 359.4

2012- 9 जुलाई- 18- 418.8

2013- 16 जून- 20- 679.1

2014- 3 जुलाई- 15- 262.0

2015- 25 जून- 25- 391.7

2016- 2 जुलाई- 19- 418.5

2017- 12 जुलाई- 23- 518.9

2018- 28 जून- 14- 353.9

2019- 16 जुलाई- 15- 351.5

नोट- पिछले 30 वर्षों का औसत देखें तो साउथ वेस्ट मानसून में जून से लेकर सितंबर तक 352 मिली मीटर बारिश और 20 बारिश के दिन होने चाहिए।

2019 में साउथ वेस्ट मानसून में प्रदेश के जिलों में बारिश की स्थिति

शहर- सामान्य बारिश- बारिश हुई

अंबाला- 837.5- (- 20 से -59 फीसद तक)

भिवानी- 333.6- (- 20 से -59 फीसद तक)

फरीदाबाद- 573.8- (- 20 से -59 फीसद तक)

फतेहाबाद- 274.5- (-60 फीसद कम)

गुरुग्राम- 500.8- (- 20 से -59 फीसद तक)

हिसार- 307.5- (- 20 से -59 फीसद तक)

झज्जर- 374.9- (- 20 से -59 फीसद तक)

जींद- 398.4- (- 20 से -59 फीसद तक)

कैथल- 343.9- (- 20 से -59 फीसद तक)

करनाल- 538.7- (- 20 से -59 फीसद तक)

कुरुक्षेत्र- 494.9- (- 20 से -59 फीसद तक)

महेंद्रगढ़- 406.3- (- 20 से -59 फीसद तक)

मेवात- 501.2- (- 20 से -59 फीसद तक)

पलवल- 423.9- (- 20 से -59 फीसद तक)

पंचकूला- 915.7- (-60 फीसद से भी कम)

पानीपत- 475.1- (-60 फीसद से भी कम)

रेवाड़ी- 430.8- (-60 फीसद से भी कम)

रोहतक- 500.2- (-60 फीसद से भी कम)

सिरसा- 210.1- (19 फीसद)

सोनीपत- 521.8- (- 20 से -59 फीसद तक)

यमुनानगर- 816.8- (19 फीसद)

कुल- 435.5- (- 20 से -59 फीसद तक)

आगे तीन दिन तापमान बढऩे की संभावना

चौधरी चरण ङ्क्षसह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में राज्य में आगामी दो से तीन दिन मौसम खुश्क व गर्म तथा तापमान में बढ़ोतरी संभावित है। इसके साथ ही प्री मानसून आने में चार से पांच दिन का समय शेष रह गया है। इसके बाद मौसम में नरमी देखने को मिलेगी। तापमान में हल्की गिरावट होगी।


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