मंत्री गिरिराज बोले, उन्मादी भीड़ रोकने को लाएंगे सीमन, सिर्फ बछड़ी पैदा होंगी
पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में किसानों की जमीन कम होती जा रही है।
By Edited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 01:02 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हिसार : पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में किसानों की जमीन कम होती जा रही है। वर्ष 2018-19 में भारत में गेहूं और चावल से चार लाख करोड़ प्रतिवर्ष किसानों को आमदनी हुई तो वहीं दूध से किसानों की छह लाख करोड़ प्रति वर्ष की आमदनी हुई है। ऐसे में किसानों को किस तरफ आगे बढ़ना चाहिए यह साफ है। वे शुक्रवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के फैकल्टी हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री डा. संजीव बाल्यान, एचएयू के कुलपति प्रो. केपी ¨सह, लुवास के कुलपति डा. गुरदियाल ¨सह मौजूद रहे। गिरीराज ¨सह ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्मादी भीड़ जैसी घटनाएं रोकने को ऐसा सीमन देश में तैयार किया जा रहा है जिससे सिर्फ बछड़ियां व कटड़ियां ही पैदा होंगी। इससे किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पहले फेज में एक करोड़ डोज तैयार की जाएंगी जिससे 30 लाख बछड़ियां पैदा होंगी। 2025 तक इसका लक्ष्य रखा गया है। इससे करीब 10 लाख करोड़ प्रतिवर्ष तक की आमदनी दूध से हो सकेगी। हरियाणा में मछली उत्पादन को देंगे बढ़ावा केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हरियाणा सहित उत्तर भारत के राज्यों में झींगा मछली उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए बड़े स्तर पर काम किया जाएगा। झींगा मछलियों के बीजों को विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए 47 हजार मछलियों का आयात किया जा रहा है। 370 खत्म होने से तीन परिवारों का नहीं पूरे जम्मू-कश्मीर का विकास होगा गिरीराज ¨सह ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने से सिर्फ तीन परिवारों को नुकसान हुआ है और पूरे जम्मू-कश्मीर को फायदा हुआ है। तीन परिवार इसलिए दुखी नहीं है कि अनुच्छेद 370 खत्म हो गया वे इसलिए दुखी हैं उनकी कमाई रूक गई और जांच शुरू हो गई है। एचएयू में फिर लौटी हरियाली : डा. बाल्यान इस मौके पर एचएयू के पूर्व छात्र एवं पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री डा. संजीव बाल्यान ने कहा कि वे 1989-90 में एचएयू में पढ़ाई करते थे तब एचएयू में काफी हरियाली थी मगर उसके बाद यहां से हरियाली कम होती गई। मगर अब विश्वविद्यालय को देखकर ऐसा लगता है जैसे पुरानी यूनिवर्सिटी हो। पहले जैसी हरियाली यहां है। एचएयू विदेशी विद्यार्थियों की पहली पसंद : प्रो केपी ¨सह प्रो. ¨सह ने बताया कि हकृवि अपने शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रमों को विस्तार देने के लिए देश-विदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने की ओर अग्रसर है और इन शैक्षणिक संस्थानों के साथ आपसी रूचि के क्षेत्रों की पहचान करके आगे बढ़ रहा है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर का शिक्षण एवं शोध कार्य कर रहा है इसलिए यह विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों की पहली पसंद है। यहां पर 21 देशों जिनमें अफगानीस्तान, श्रीलंका, मयांमार, बोतसवाना, लाइबेरिया, तनजानिया, मारीशस, नेपाल, वियतनाम, तजाकिस्मतान, सोमालिया, नाइजारिया, भूटान, सूडान, फिजी, मंगोलिया, इथोपिया, मोजांबिक आदि शामिल हैं, के छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन छात्रों को समय-समय पर भारतीय संास्कृतिक कार्यक्रमों व उत्सवों में भागीदार बनाया जाता है।
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