Move to Jagran APP

हरियाणा में 30 जून से फिर सक्रिय होगा मानसून, आज से करवट बदलेगा मौसम

राज्य में 29 जून के बीच मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व बीच-बीच में आंशिक बादल तथा राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश संभावित है। मगर 30 जून से मानसून फिर सक्रिय होने की संभावना है

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 11:37 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 11:37 AM (IST)
हरियाणा में 30 जून से फिर सक्रिय होगा मानसून, आज से करवट बदलेगा मौसम
हरियाणा में 30 जून से फिर सक्रिय होगा मानसून, आज से करवट बदलेगा मौसम

हिसार, जेएनएन। 26 जून को हुए मौसम में बदलाव के बाद से ही मानसून की हवाएं कमजोर पड़ी हुई हैं। तीन दिन से तेज धूप के साथ भयंकर गर्मी पड़ रही है। मगर अब राहत मिलने की उम्‍मीद नजर आ रही है। राज्य में 29 जून के बीच मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व बीच-बीच में आंशिक बादल तथा राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश संभावित है। मगर 30 जून से फिर से मानसून सक्रिय होने की संभावना है। इस दौरान राज्य में तापमान सामान्य के आसपास रहने की संभावना है।

loksabha election banner

वहीं 26 जून के बाद से ही मानसूनी हवा कमजोर पड़ने का प्रमुख कारण मानसून की टर्फ रेखा हिमालय की तलहटियों व उत्तर पूर्व भारत की तरफ बढ़ना है, जिससे प्रदेश में मानसूनी हवा कुछ कमजोर हो गई। एक ही दिन बारिश होने से लगभग सभी जिलों के तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। मगर बीते दो दिनों में फिर से तापमान बढ़ा हुआ है, जिसके बाद अब राहत मिलने के आसार हैं।

दक्षिण पश्चिमी मानसून की यह है प्रगति

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि दक्षिण पश्चिमी मानसून अनुकूल परिस्थितियों के कारण आगे बढ़ता हुआ 26 जून को उत्तरी सीमा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा होते हुए पूरे भारतवर्ष को पूरी तरह पहुंच गया था। इस वर्ष मानसून सामान्य तिथि 8 जुलाई से 12 दिन पहले आ गया, फिर शुक्रवार को पूरे देश को कवर कर लिया। इससे पहले 2013 में 16 जून को ही पूरे देश में मानसून पहुंच गया था। वहीं उत्तरपूर्व राजस्थान में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन तथा मानसूनी टर्फ रेखा मध्य पाकिस्तान से उत्तर पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश से बिहार तक बनी हुई है जिससे हरियाणा में कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज हुई है।

मौसम आधारित कृषि सलाह

- अगले दो -तीन मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना को देखते हुए धान की रोपाई पानी की उपलब्धता अनुसार करें।

- जिन क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है, वहां खेत तैयार करें तथा बाजरा, ग्वार आदि फसलों के उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध करें तथा बिजाई मौसम साफ होने पर ही करें।

- नरमा-कपास में बारिश का पानी ज्यादा देर तक खड़ा न रहने दें।

- प्रमाणित नर्सरी से उत्तम किस्मों के फलदार पौधों को लेकर खेतों में लगाना शुरू करें ।

- जिन क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई है, वहां फसलों , सब्जियों व फलदार पौधों में आवश्यकतानुसार हल्की ङ्क्षसचाई करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.