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हिसार जेल में बेधड़क चल रहा बदमाशों का मोबाइल फोन नेटवर्क, छापेमारी में खुलासा

लॉकडाउन में चेकिंग के दौरान काफी मोबाइल मिले 10 मामले हुए दर्ज। लगातार अब प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ करने की तैयारी। हाल ही में लाए युवक बोले दूसरा बंदी देता था मोबाइल

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 07:10 AM (IST)
हिसार जेल में बेधड़क चल रहा बदमाशों का मोबाइल फोन नेटवर्क, छापेमारी में खुलासा
हिसार जेल में बेधड़क चल रहा बदमाशों का मोबाइल फोन नेटवर्क, छापेमारी में खुलासा

हिसार, जेएनएन। हिसार जेल से अपराधियों का नेटवर्क बेधड़क चल रहा है। वह आराम से मोबाइल का प्रयोग कर रहे है। जेल में चल रहे मोबाइल के खेल का खुलासा प्रोडक्शन वारंट पर लिए गए बंदी ने किया है। आरोपित ने पुलिस के समक्ष कई राज खोले है। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि उसको मोबाइल अपराधी विनोद उर्फ गूंगा से मिलता था। अब पुलिस उसको प्रोडक्शन वारंट पर लाने की तैयारी में है। अब वह बताएगा कि जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा। वहीं अभी तक जेल में मोबाइल मिलने के लॉकडाउन के दौरान 10 मामले दर्ज हो चुके है। बारी-बारी से प्रोडक्शन वारंट पर बंदियों को लाने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई हुई है।

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सेंट्रल जेल-1 में आए दिन मोबाइल मिलने की घटनाएं सामने आ रही है। सोमवार को भी एक मामला दर्ज किया गया है। उससे पहले एफआइआर नंबर 150 में पुलिस ने आरोपित को प्रोडक्शन वारंट पर लिया था। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि उसको मोबाइल को कभी कभार जेब में मिलता है। वह अपने दोस्तों और परिवार से बातचीत करता था।

उसके साथ वाले दोस्त भी उसका प्रयोग कर लेते थे। पुलिस ने मोबाइल जेल में आया कहां से उसके बारे में पूछा तो आरोपित ने विनोद उर्फ गूंगा नाम के बंदी का मोबाइल बताया। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि उसको मोबाइल कभी कभार मिलता था। वह उसका प्रयोग कर लेता था। लेकिन बड़ा सवाल की मोबाइल में फोन कहां से आया।

अब गूंगा को प्रोडक्शन वारंट पर लाने की तैयारी

सेंट्रल जेल एक में बंद आरोपित विनोद उर्फ गूंगा को पुलिस अब प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी। उससे पूछताछ की जाएगी कि जेल में उसके पास मोबाइल फोन कैसे आया। पुलिस की तरफ से उससे पूछताछ के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

10 मामले हुए दर्ज

जेल में इन दिनों लगातार मोबाइल फोन मिल रहे है। पीएलए चौकी में इसको लेकर 10 मामले दर्ज किए गए है। इसमें कुछ मोबाइल जेल प्रांगण में गंदे नाले के पास मिले तो कुछ बैरक के अंदर छिपाए हुए। जेल प्रशासन मोबाइल फोन के प्रयोग से अभी तक अनभिज्ञ रहा। अब छापे में पकड़े गए तो सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे है।

यह है मामला

सेंट्रल जेल एक प्रशासन ने चेङ्क्षकग में ब्लॉक नंबर दो में बंदी अरङ्क्षवद से मोबाइल मिला था। सोनीपत के सदर थाना में दर्ज हत्या के मामले में अरङ्क्षवद जेल में है। उसमें आठ और केस भी दर्ज है। इस मामले में जेल प्रशासन ने जांच की तो सामने आया कि बंदी आशीष, कपिल, विकास और जगदीप भी प्रयोग करते थे। पुलिस ने उन पर मामला दर्ज किया हुआ है। जेल प्रशासन इन आरोपितों पर झूठी शिकायत करने के भी आरोप लगा चुका है।

---जेल में मिले मोबाइल के मामले में आरोपित को प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया था। मामले की जांच चल रही है। कुछ और मामलों में आरोपित प्रोडक्शन वारंट पर लिए जाएंगे।

- रमेश कुमार, चौकी प्रभारी, पीएलए


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