एचएयू में रिकॉर्ड बनाने की बात पर मंत्री ने सुनाए ऐसे किस्से कि शर्म से पानी-पानी हो गए प्रोफेसर
अधिकारी अपने रिकॉर्ड गिनवाने लगे तो एचएयू से पढ़े केंद्रीय राज्य मंत्री संजीय बालियान ने तो ऐसे रिकार्ड भी गिना दिए। जिसे सुनकर सभी ठहाके लगाते दिखे
हिसार, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा गांधी सभागार में स्वर्ण जयंती स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा था। कार्यक्रम में केन्द्रीय पशुपालन राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर एचएयू के पूर्व छात्र उपस्थित रहे। मगर काॅलेज में लौटे छात्र अपने पुराने दिनों की यादें ताजा करते नजर आए। मगर इसके बाद जो हुआ वो अपने आप में भी अजग-गजब था। अधिकारी अपने रिकॉर्ड गिनवाने लगे तो एचएयू से पढ़े केंद्रीय राज्य मंत्री संजीय बालियान ने तो ऐसे रिकार्ड भी गिना दिए। जिसे सुनकर सभी ठहाके लगाते दिखे। तो वहीं प्रोफेसर शर्म से पानी-पानी हो गए। मगर माहौल खुशनुमा रहा।
केन्द्रीय मंत्री ने गिनाए एचएयू के बनाए अजब-गजब रिकार्ड
1- आइएएस अमरजीत सिंह मान बोले-मेरे नाम पांच साल तक बोरी दौड़ में प्रथम स्थान पर आने का रिकार्ड रहा है, इसे कोई नहीं तोड़ पाया। इस बात को सुनकर मंच पर पहुंचे केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कई प्रकार के रिकार्ड गिना दिए।
2- मंत्री बोले-यह हमारा मित्र बैठा है, पानू। इसके पास चार साल की डिग्री को 10 साल में करने का रिकार्ड है।
3- मंत्री बोले-यह ऑडिटोरियम में पीछे कुंडू साहब बैठे हैं, इनके नाम पांच साल में एक ही जर्सी पहनने का रिकार्ड है।
4- मंत्री बोले-एक प्रोफेसर गांधी हैं, आपके यहां इनके नाम छह महीने न नहाने का रिकार्ड है।
5- एक नवीन भी हैं, जो पांच साल घूमते रहे, एक शब्द भी नहीं पढ़े, इनके नाम भी रिकार्ड है।
6- मंत्री ने कहा-मैंने खुद 15 साल एक पेड़ के नीचे बैठकर गुजार दिए, इसका भी एक रिकार्ड है।
एचएयू में पढ़ाई की यादें की ताजा
- केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा कि 1986 में फिल्म जाबांज आई, उसे देखने मैं चला गया। इसमें घोड़ों के स्टंट थे, मुझे बहुत पसंद आए। मुझे किसी ने बताया कि इसको करने के लिए वेटरनरी डाक्टर होना चाहिए तो मैंने ऐसे वेटरनरी में दाखिला ले लिया। यही नहीं केन्द्रीय मंत्री ने कालेज के दिनों के कई किस्से सुनाए।
- कार्यक्रम में आईं एचएयू की पूर्व छात्र व मौजूदा समय में चीफ विजिलेंस कमिशन में अतिरिक्त सचिव डा. प्रवीन ङ्क्षसह ने बताया कि जब वह एचएयू में आईं तब लगभग 17 वर्ष की होंगी। उन्हें इस विश्वविद्यालय के प्रागंण में कदम रखने पर ऐसी भावात्मकता व संवेदनशीलता महसूस होती है जैसे एक बच्चा अपनी माता की गोद में हो। उन्होंने छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि तकनीकी संयंत्रों का प्रयोग जैसे मोबाइल इत्यादि का आत्यधिक प्रयोग करना, हमें दासता की तरफ धकेलता है। इससे बचना जरूरी है।
एचएयू ने इन पूर्व छात्रों को किया सम्मानित
- डा. अजय भड़, असिस्टेंट डायरेक्टर, सीन ऑफ क्राइम
- डा. विश्वनाथ, आइएफएस, ओडिशा काडर
- डा. वीपी चहल, सहायक महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद
- डा. राजबीर बरार, निदेशक, अटारी
- कर्नल संत कुमार, ओलंपियन एथलीट
- ज्ञान पहलवान, ओलंपियन पहलवान
- राज कुमार गोयल, बिजनेस डायरेक्टर, साउथ एशिया, साइटोजिम लैब, यूएसए
- डा. सूर्या प्रकाश, अधिवक्ता, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
- डा. रतन यादव, रीडर, जेनेटिक एवं प्लांट ब्रीङ्क्षडग, यूके
- डा. आरएस सोलंकी, अतिरिक्त निदेशक, पशुपालन विभाग
- उमेश सैनी, अंत्रप्रन्योर