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निकायमंत्री ने आखिरकार क्यों किया श्मशानभूमि के सुधार पर फोक्स, जानें वजह

निकायमंत्री कमल गुप्ता ने श्मशानभूमि सुधार अभियान शुरू कर दिया है। कमल गुप्ता हिसार में 12 क्वार्टर भूमि का निरीक्षण करेंगे। हिसार शहर से प्रदेश मुख्यमंत्री ने भी 2 अप्रैल 2018 को प्रदेश के सभी श्मशानभूमि में सुधार की घोषणा की थी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 03:11 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 03:11 PM (IST)
निकायमंत्री ने आखिरकार क्यों किया श्मशानभूमि  के सुधार पर फोक्स, जानें वजह
हरियाणा के नगर निकाय मंत्री कमल गुप्ता।

जागरण संवाददाता, हिसार। प्रदेश के शहरी निकायमंत्री डा. कमल गुप्ता ने प्रदेश के सभी श्मशान भूमियों के सुधार की दिशा में अभियान शुरू किया हुआ है। इसी कड़ी में वे सोमवार को 12 क्वार्टर श्मशानभूमि का अफसरों के साथ निरीक्षण करेंगे ताकि वहां पर सुविधाओं का जायजा लिया जा सकें। इस दौरान सुविधाओं के संबंध में जो कमियां होगी उन्हें दूर करवाया जाएगा। इस दौरान मेयर गौतम सरदाना से लेकर वार्ड पार्षद व क्षेत्रवासी मौजूद रहेंगे।

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हिसार से ही प्रदेश मुख्यमंत्री ने श्मशानभूमि के सुधार के लिए की थी घोषणा

हिसार शहर से प्रदेश मुख्यमंत्री ने भी 2 अप्रैल 2018 को प्रदेश के सभी श्मशानभूमि में सुधार की घोषणा की थी। उन्होंने सेक्टर-14 में पंजाबी धर्मशाला के शिलान्यास पर आयोजित कार्यक्रम में अफसरों को दिशा निर्देश दिए थे कि 500 या एक हजार करोड़ लग जाए लेकिन प्रदेश के सभी श्मशान भूमि में चारदीवारी, पानी का प्रबंध, शेड लगवाने से लेकर पक्के रास्ता का निर्माण करवाया जाए। उसी कड़ी में अब डा. कमल गुप्ता श्मशानभूमि के सुधार के लिए अभियान आगे बढ़ा रहे है।

क्यों सीएम ने की थी श्मशान भूमि पर सुधार की घोषणा, जानें कहानी

2 अप्रैल 2018 का दिन था। सीएम मनोहर लाल पंजाबी धर्मशाला के शिलान्यास कार्यक्रम में हिसार आए थे। उस दौरान जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहाकि मेरे पास एक मेरा पुराना जानकार आया। वह मुझसे बोला कि गांव के लोग मुझे कहते हैं कि प्रदेश का मुख्यमंत्री तो आपका जानकार हैं। अब तो सरकार आपकी है। जब बरसात आती है तो गांव के श्मशानघाट का कच्चा रास्ता खराब हो जाता है। शव लेकर जाते हैं तो कीचड़ में से जाना पड़ता है। श्मशान में कोई शेड भी नहीं है बरसात आती है लकड़ियां गीली हो जाती हैं।

पानी की भी नहीं है व्यवस्था

शव का दाह संस्कार भी ठीक से नहीं कर पाते। परेशानी झेलनी पड़ती है। जहां बच्चों का शव दफनाया जाता है वहां चारदीवारी नहीं होने के कारण कुत्तों से रखवाली करनी पड़ती है। श्मशान में पानी की व्यवस्था भी नहीं है, हमारे यहां श्मशान घाट में तो कुछ भी नहीं है। श्मशानभूमि में सुधार तो करवा दीजिए। सब कुछ ठीक हो जाएगा। जानकारी ने मुझे श्मशानभूमि की पूरी बात कहीं। उनकी बात सुन मैंने विचार किया, कितने ऐसे गांव या शहर हैं जहां ऐसी जरूरत है।

अधिकारियों को दिए है निर्देश

मैंने सभी डीसी को कहा कि वे जानकारी जुटाए की कहां कहां पर श्मशानघाट हैं। उनमें क्या-क्या जरूरत है। मैंने उन्हें हर एक गांव, हर एक शहर में 4 जरूरतें चारदीवारी, पानी प्रबंध, शेड लगवाया व रास्ता बनवाने के आदेश दिए है। साथ ही अफसरों को कहा है कि इसमें 500 या एक हजार करोड़ रूपये की लागत आए इस कार्य को किया जाए।

सुविधाओं का प्रबंध किया जाए

श्मशानघाटों पर सुविधाओं का प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को आदेश दिए गए है।

- डा. कमल गुप्ता, निकायमंत्री, हरियाणा।


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