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Millet purchase: सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे किसान, अब प्राइवेट मंडी में बेच रहे बाजरा

किसानों को एक अक्टूबर से बाजरे की सरकारी खरीद शुरू होने की उम्मीद थी। जो पूरी नहीं हो पाई। इसके बाद 11 अक्टूबर को शुरू होने का इंतजार किया। लेकिन 11 अक्टूबर तक भी बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई तो किसान अब प्राइवेट मंडी में बेचने लगे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 06:20 PM (IST)
Millet purchase: सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे किसान, अब प्राइवेट मंडी में बेच रहे बाजरा
झज्‍जर में एमएसपी से 950-1150 रुपये कम में खरीदा जा रहा बाजरा

जागरण संवाददाता,झज्जर : बाजरे की सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे किसान अब प्राइवेट मंडी में बाजरा बेचने के लिए मजबूरन पहुंचने लगे हैं। किसानों को एक अक्टूबर से बाजरे की सरकारी खरीद शुरू होने की उम्मीद थी। जो पूरी नहीं हो पाई। इसके बाद 11 अक्टूबर को शुरू होने का इंतजार किया। लेकिन 11 अक्टूबर तक भी बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई तो किसान अब बाजरे को प्राइवेट मंडी में बेचने के लिए पहुंचने लगे हैं। दिन-प्रतिदिन किसानों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। काफी किसान बाजरे को लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। सरकारी खरीद शुरू नहीं होने का किसानों को खामयाजा भुगतना पड़ रहा है।

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स्थिति यह है कि अब किसानों को अपनी खून-पसीने की मेहनत से उपजाया बाजरा करीब 950-1150 रुपये प्रति क्विंटल कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। जिससे किसान को सीधा घाटा हो रहा है। प्रति एकड़ का अनुमान लगाए तो किसान को करीब चार-पांच हजार का घाटा उठाना पड़ रहा है। जिन किसानों ने बाजरे को एमएसपी पर बेचने के लिए फसल का आनलाइन पंजीकरण करवाया हुआ था, वे भी अब प्राइवेट मंडी में बाजरा बेचने को पहुंच रहे हैं। जहां उन्हें अपने बाजरे की कीमत 1100-1300 रुपये प्रति क्विंटल तक ही मिल रही है। जबकि सरकार ने 2250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से एमएसपी निर्धारित किया था।

बाजरे की प्राइवेट खरीद की बात करें तो झज्जर अनाज मंडी में जारी है। सरकारी खरीद शुरू नहीं होने के कारण किसान प्राइवेट में ही बाजरे को बेच रहे हैं। वीरवार तक कुल 258 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की जा चुके हैं। वहीं धान की बात करें तो 228.8 मीट्रिक टन की खरीद हुई है। धान की खरीद केवल बेरी मंडी में ही चल रही है। अब तक केवल छह गांवों के कुल 21 किसानों का धान खरीदा गया है। जिसमें से 29 मीट्रिक टन धान का ही उठान हो पाया है।

सरकारी खरीद के लिए जिले में सात मंडी बनाई गई थी। जिनमें हैफेड व हरियाणा वेयर हाउस को बाजरे की खरीद करनी थी। लेकिन बाजरे की सरकारी खरीद शुरू ही नहीं हो पाई। जिले में झज्जर, बेरी, ढाकला, मातनहेल, बहादुरगढ़, बादली व पाटौदा खरीद केंद्र बने थे। जहां पर बाजरे की सरकारी खरीद शुरू होनी थी। इनमें से झज्जर व बहादुरगढ़ दोनों मंडियों में हैफेड व हरियाणा वेयर हाउस को बाजरा खरीदना था। वहीं बेरी, ढाकला व मातनहेल में हरियाणा वेयर हाउस तथा बादली व पाटौदा में हैफेड द्वारा बाजरा खरीदा जाना था। लेकिन सरकार ने अभी तक बाजरे की सरकारी खरीद शुरू ही नहीं की, जिस कारण से किसान केवल इंतजार ही कर रहे हैं।


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