कम कीमत में बाजरा खरीदकर 2150 रुपये में सरकारी एजेंसियों को बेचा : गर्ग
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सरकार के चहेतों ने सरसों व धान खरीद में भी करोड़ों रुपये का घोटाला किया। उन्होंने सरसों 3500 से लेकर 3700 रुपये में अनाज खरीदकर 4425 रुपये में हैफेड की सरकारी एजेंसी को बेचा था। बजरंग गर्ग ने कहा कि किसान अपना बाजरा बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार बाजरा खरीद में किसानों को तंग करने में लगी हुई है। सरकार के चहेते किसान व पड़ोसी राज्य राजस्थान का बाजरा 1200 से लेकर 1400 रुपये में खरीद कर सरकारी एजेंसियों को एमएसपी रेट 2150 में बेचकर करोड़ों रुपये का घोटाला कर रहे हैं। जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सरकार के चहेतों ने सरसों व धान खरीद में भी करोड़ों रुपये का घोटाला किया। उन्होंने सरसों 3500 से लेकर 3700 रुपये में अनाज खरीदकर 4425 रुपये में हैफेड की सरकारी एजेंसी को बेचा था। बजरंग गर्ग ने कहा कि किसान अपना बाजरा बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहे हैं। सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा बाजरा की खरीद ना करने से किसानों को भारी दिक्कत आ रही हैं। सरकार को अपने वादे अनुसार किसान का बाजरा का एक-एक दाना खरीद करना चाहिए। बाजरा खरीद के नाम पर किसानों को तंग ना किया जाए। प्राकृतिक आपदा के कारण किसान पहले ही काफी नुकसान झेल चुके हैं। सरकार नुकसान की गिरदावरी भी नहीं करा रही।
बजरंग गर्ग ने कहा कि फसल पोर्टल के माध्यम से खरीद करने से किसान को इसे बेचने और बाद में भुगतान लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पोर्टल एक ढकोसला है। सरकार ने खुद माना है कि 48 हजार किसानों के खाते के नंबर मेल नहीं खा रहे, ऐसे में सरकारी एजेंसी किसान को फसल का भुगतान कैसे करेगी।