खुली लिफ्ट और दीवार के बीच गर्दन फंसने से व्यापारी की मौत, सदमें में परिवार
लिफ्ट जैसे ही ऊपर जाने लगी तो उन्हें सामान गिरने की आवाज आई। वह लिफ्ट से गर्दन बाहर निकाल कर नीचे देखने लगे। तो उनकी गर्दन दीवार और लिफ्ट के बीच फंस गई।
हिसार, जेएनएन। सेक्टर 14 निवासी करियाणा व्यापारी ब्रह्मानंद बंसल की दुकान में लगी खुली लिफ्ट में फंसने से मौत हो गई। वह खुली लिफ्ट से दूसरी मंजिल पर बने शौचालय में शौच के लिए जा रहे थे। दूसरी मंजिल पर पहुंचने से दो से ढाई फीट पहले आवाज सुन गर्दन बाहर निकालकर नीचे देखने लगे। जिससे उनकी गर्दन दीवार और लिफ्ट के बीच फंस गई। परिजनों ने उन्हें गंभीर हालत में शहर के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने इत्तेफाकिया कार्रवाई की।
पुलिस ने बताया कि मृतक 65 वर्षीय ब्रह्मानंद सेक्टर-14 में मकान नंबर 1386 में रहते थे। उनकी पड़ाव चौक पर श्रीगणेश इंटरप्राजिज के नाम से करियाणा की होलसेल की दुकान है। ब्रह्मानंद अपनी दुकान में बनी खुली लिफ्ट से दूसरी मंजिल पर बने शौचालय में शौच के लिए जा रहे थे। लिफ्ट जैसे ही ऊपर जाने लगी तो उन्हें सामान गिरने की आवाज आई। वह लिफ्ट से गर्दन बाहर निकाल कर नीचे देखने लगे। तो उनकी गर्दन दीवार और लिफ्ट के बीच फंस गई। वह दूसरी मंजिल से दो से ढ़ाई फीट दूर ही थी। ब्रह्मानंद की आवाज सुनकर उनके बेटे अनिल ने भागकर लिफ्ट का बटन बंद किया। अनिल ने लिफ्ट को नीचे किया और ब्रह्मानंद को गंभीर हालत में निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
जहां पर उपचार के दौरान ब्रह्मानंद की मौत हो गई। रविवार को ब्रह्मानंद का पोस्टमार्टम करवाने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने इत्तेफाकिया कार्रवाई इस मामले में की है।
पिता को नहीं बचा पाया
घटना के समय मौजूद लोगों के अनुसार अनिल ने अपने पिता को लिफ्ट से बाहर निकाला था। अपने पिता को देखकर उसने मदद के लिए आवाज लगाई। अनिल की आंखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। पिता की मौत के बाद अनिल बस यही कह रहा था कि मैं अपने पिता को नहीं बचा पाया।
---पार्टनर पवन कुमार ने बताया कि ब्रह्मानंद साल 2008 में हिसार आए थे। वह पहले फतेहाबाद के नजदीक भट्टू मंडी में अपना व्यापार करते थे। हिसार आने के बाद पड़ाव चौक पर उन्होंने अपना पुस्तैनी चावल और चीनी का व्यापार शुरू कर दिया। पवन ने बताया कि वह और ब्रह्मानंद आपस में घनिष्ठ मित्र बन गए। मेरे साथ मिलकर उन्होंने प्रॉपर्टी का काम भी शुरू कर दिया। मौजूदा समय में श्रीगणेश इंटरप्राइजिज के नाम करियाणे और श्री श्याम बाबा इंटरप्राइजिज के नाम से चावल और चीनी का व्यापार शुरू कर लिया। उनका एक बेटा अनिल करियाणा और दूसरा बेटा सुनील चालव व चीनी का व्यापार संभालता है। उन्होंने बताया कि साल 2013 में मेरे बेटे और अनिल ने मिलकर एक मई 2013 में श्रीगणेश इंटरप्राजिज के नाम से दुकान खोली थी। मृतक ब्रह्मानंद के दो बेटे और दो बेटियां है।
सभी को देते थे शिक्षा
पवन कुमार ने बताया कि ब्रह्मानंद दुकान में काम करने वाले लड़कों, बेटों और मुझे भी संभल कर लिफ्ट पर चढऩे की सलाह देते थे। वह कहते थे कि लिफ्ट से हाथ और सिर बाहर नहीं निकालना चोट लग सकती है। छोटी सी लापरवाही भी बड़ी भारी पड़ सकती है। हमें यकीन नहीं हो रहा है कि सभी को संभलने की बात कहने वाले ब्रह्मानंद खुद लिफ्ट में फंस गए और उनकी मौत हो गई।