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MDU में कर्मचारी संघ के चुनाव में दोनों उम्मीदवारों को मिले बराबर वोट, 6-6 माह का होगा कार्यकाल

एमडीयू रोहतक में गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के चुनाव हुए। प्रधान पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में थे। दोनों उम्मीदवारों को चुनाव में बराबर वोट मिले। कर्मचारी संघ के चुनाव में इतिहास में पहली बार दो उम्मीदवारों को प्रधान पद के लिए बराबर वोट मिले।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 04:49 PM (IST)
MDU में कर्मचारी संघ के चुनाव में दोनों उम्मीदवारों को मिले बराबर वोट, 6-6 माह का होगा कार्यकाल
एमडीयू रोहतक में गैर शिक्षक कर्मचारी संघ का चुनाव रहा बेनतीजा।

जागरण संवाददाता, रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के चुनाव के इतिहास में पहली बार दो उम्मीदवारों को प्रधान पद के लिए बराबर वोट मिले। कर्मचारी स्वाभीमान मंच के कुलवंत मलिक और कर्मचारी विकास मंच के सुमेर सिंह अहलावत को समान रूप से 277-277 मत मिले। दोनों उम्मीदवारों ने काफी समय सोच-विचार कर छह-छह माह संघ की प्रधानी का कार्यकाल संभालने पर रजामंदी जताई। हालांकि, इस पर हालांकि, इसपर विशेषज्ञों व कई कर्मचारियों ने ऐतराज जताया है। कर्मचारियों ने कहा कि जब प्रधान के लिए एक पद है तो दो प्रधान नहीं चुने जा सकते। छह-छह माह के कार्यकाल को कानूनी रूप से अवैध कहा। हालांकि, आखिरी फैसला बुधवार देर शाम तक आने की उम्मीद है।

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दो उम्मीदवारों को बराबर वोट मिले

एमडीयू में अधीक्षक एसपी राठी ने कहा कि गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के इतिहास में यह पहली बार है जब प्रधान पद के चुनाव में दो उम्मीदवारों को बराबर वोट मिले हैं। संघ का संविधान इस बाबत साइलेंट (मूक) है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिणाम घोषणा एक दिन के लिए रोक ली है। इन हालात में फैसला कानूनी रूप से सिर्फ द रिप्रजेंटेशन आफ द पीपल एक्ट 1951 के प्रावधान के अनुसार ही हो सकता है। जिसमें कहा गया है कि ऐसे हालात में लाटरी से फैसला किया जाएगा। लाटरी में जिसका नाम आएगा वही विजेता होगा। इसके अलावा किसी भी तरीके से अगर चुनाव का परिणाम घोषित किया जाता है तो वह कानूनी रूप से सही नहीं होगा। संघ में प्रधान का एक ही पद है। ऐसे में छह-छह माह के कार्यकाल से चुनाव की वैधता पर प्रश्नचिह्न रहेगा। 

तीन बार हुई काउंटिंग, दो बार बराबर रही मतों की गणना

एमडीयू गैर शिक्षक कर्मचारी संघ का मंगलवार को चुनाव हुअा। शाम करीब छह बजे मतों की गणना शुरू हुई। कर्मचारी स्वाभिमान मंच और कर्मचारी विकास मंच में कड़ा मुकाबला रहा। कर्मचारी स्वाभिमान मंच से तीन और कर्मचारी विकास मंच से एक उम्मीदवार जीते। जबकि, प्रधान पद के लिए दोनों पैनल से कुलवंत मलिक और सुमेर सिंह अहलावत के बीच टाइ रहा। दोनों को बराबर मत मिले। हालांकि, तीन बार काउंटिंग कराई गई। पहली बार काउंटिंग में कुलवंत मलिक एक या दो मत से आगे थे। इसके बाद एक बार फिर काउंटिंग हुई इस बार एक मत को रद किया गया। दोनों उम्मीदवार बराबरी पर रहे।

समर्थकों के कहने पर फिर से हुई काउंटिंग

समर्थकों के कहने पर तीसरी और अंतिम बार काउंटिंग हुई। एक बार फिर दोनों उम्मीदवार को समान मत मिलने की बात कही गई। दोनों ने चुनाव परिणाम पर सहमति जता दी। इसपर संघ प्रधानी के लिए किसके सर पर ताज सजे यह लेकर विवि अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में पड़ गए। मुख्य चुनाव अधिकारी सतीश जैन, कुलसचिव गुलशन लाल तनेजा व अन्य अधिकारियों से इसपर चर्चा कि व एक दिन का समय मांगा। 

ये रहे विजेता

पद नाम                                          प्राप्त वोट

प्रधान कुलवंत मलिक व सुमेर अहलावत 277-277 (आधिकारिक घोषण नहीं हुई है)

उपप्रधान विकास गिल                      283

महासचिव सुरेश शर्मा                      276

सहसचिव सुनील सैनी                    297

कोषाध्यक्ष अजमेर                                267


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