एमडीयू ने बनाया डिजिटल लर्निंग सेंटर, ऑनलाइन स्टडी से वंचित नहीं होगा कोई विद्यार्थी
कोविड-19 महामारी के चलते विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन शिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। एक डायरेक्टर तीन डिप्टी डायरेक्टर और प्रत्येक फैकल्टी में एक नोडल अधिकारी होगा।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ] कोविड-19 महामारी में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) ने डिजिटल लर्निंग सेंटर स्थापित किया है। यह सिस्टम सीधे फैकल्टी और विद्यार्थियों से जुड़ेगा। इससे प्रत्येक विद्यार्थी शैक्षणिक गतिविधियों में घर बैठे ही भाग ले सकेगा। सेंटर में एक डायरेक्टर व तीन डिप्टी डायरेक्टर की नियुक्ति कर दी है, जो प्रत्येक फैकल्टी में नियुक्त नोडल अधिकारियों से सीधे संपर्क करेंगे।
एमडीयू में शैक्षणिक सत्र 2020-2021 दस अगस्त से शुरू हो रहा है। कैंपस में कक्षाएं लगाने की अभी कोई गाइडलाइन सरकार की तरफ से नहीं है। ऐसे में विश्वविद्यालय ने डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देते हुए सेंटर स्थापित किया है।
दिया जा जा चुका है प्रशिक्षण
विश्वविद्यालय प्रशासन ऑनलाइन टीचिग-लर्निग के लिए 30 जुलाई को डिजिटल लर्निंग सेंटर के संदर्भ में विभागाध्यक्षों तथा विश्वविद्यालय प्राध्यापकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा चुका है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राध्यापकों को ऑनलाइन टीचिंग के लिए उपलब्ध विभिन्न माध्यमों की जानकारी तथा तकनीकी बारीकियां सिखाई गई थी। विभागाध्यक्षों ने अगले दो महीनों का पाठ्यक्रम शिक्षण शेड्यूल और ऑनलाइन टीचिंग का टाइम टेबल भी तैयार किया है। इंटरमीडियट सेमेस्टर कक्षाओं में प्रत्येक दिन तीन घंटे ऑनलाइन कक्षा होगी। इसमें 45 मिनट की चार कक्षाएं होंगी
इनको सौंपी गई है अलग-अलग जिम्मेदारी
कंप्यूटर साइंस विभाग से प्रो. नसीब ङ्क्षसह गिल को सेंटर का डायरेक्टर बनाया गया है। जबकि पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग से नवीन कुमार, सेंटर फॉर बायोइंर्फोमेटिक्टस डा. अजीत और लाइब्रेरी साइंस विभाग अनिल सिवाच को डिप्टी डायरेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा विभिन्न विभागों में 42 नोडल अधिकारी बनाए बनाए गए हैं। एलएमएस की व्यवहारिक जानकारी के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी नोडल अधिकारियों को बनाया गया है।
ऐसे होगी डिजिटल लर्निंग
- ब्लेंडेड मैथेड : क्लास रूम के साथ ही ऑनलाइन लर्निंग-टीचिंग
- फ्लिप मैथेड : यह ब्लेंडेड मैथड से मिलता-जुलता है। विद्यार्थियों को क्लास रूम के साथ ही ऑनलाइन लेक्चर की सुविधा दी जाएगी। परंपरागत तरीकों से हटकर थ्योरी से ज्यादा प्रेक्टिकल और एक्टिविटी के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।
स्टैंड एलोन मैथेड : एलएमएस पर उपलब्ध कंटेंट या स्टडी मैटेरियल को किसी भी समय एक्सेस करने की छूट विद्यार्थी को रहेगी। इसका मतलब यह है कि किसी भी लर्निंग के लिए तय समय सीमा नहीं रहती। विद्यार्थी जब चाहे लर्निंग शुरू कर सकता है और बीच में छोड़ सकता है। फिर वहीं से शुरू कर सकता है। पढ़ाई में फलेक्सिबिलिटी प्राप्त होगी।
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एमडीयू विद्यार्थियों में गुणवत्तापरक डिजिटल टीचिग-लर्निंग इको-सिस्टम मुहैया कराएगा। भविष्योन्मुखी योजना तथा डिजिटल रोड मैप तैयार किया गया है।
प्रो. राजबीर सिंह, कुलपति, एमडीयू