मेयर की दो टूक, समय पर हो काम, यदि कोई अधिकारी नहीं सुनता हम सुना देंगे
जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम में जनता को हो रही परेशानी और शहर में काम नहीं होने से मेयर पहली ब
जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम में जनता को हो रही परेशानी और शहर में काम नहीं होने से मेयर पहली बैठक में ही गुस्से में दिखाए दिए। मेयर ने स्पष्ट शब्दों में दो टूक कहा कि समय पर यदि कोई काम नहीं करता और कोई अधिकारी नहीं सुनता तो वह उसको सुना देंगे। जो सीधे मेयर के चुनाव हुए है वह भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ही हुए है। मेयर ने सभी को समय सीमा में काम खत्म करने और जनता की परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए। साथ ही नगर निगम में आने वाली जनता के लिए हेल्प डेस्क बनाने के आदेश दिए है। वह सोमवार को नगर निगम में पार्षदों और अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।
निगम अधिकारियों द्वारा पार्षदों के काम बताने के बाद उनको लटकाने और फोन नहीं उठाने की शिकायत मिली थी। साथ ही शिकायतों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है। मेयर ने कहा कि शिकायतों को निपटारा करने में निगम की तरफ से काफी समय लगाया जा रहा है। समय सीमा में काम नहीं हो रहा है। मेयर ने कहा कि कोई अधिकारी किसी पार्षद की नहीं सुन रहा है तो वह उसको सुना देंगे बस सभी उनके नाम बता दे।
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पत्नी का फोन आए तो सुन लेते है, हमारा फोन दिखता भी नहीं
पार्षद महेंद्र जुनेजा ने अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा कि यदि अधिकारी या कर्मचारियों की पत्नी का फोन आता है तो वह उसे सुन लेते है। जब हम फोन करते है तो वह नहीं देखते। बाद में कहते है कि वह भीड़ में थे। उन्होंने कहा कि वह ऐसा काम न करें और उनके फोन का जवाब दे। बाद में अधिकारियों को सीटीएम ने पार्षदों के फोन अटैंड करने के आदेश दिए।
नगर निगम में बनेगा हेल्प डेस्क
नगर निगम में आने वाली जनता को परेशानी न हो और एप्लीकेशन लिखने व फार्म भरने में मदद मिल इसको लेकर हेल्प डेस्क बनाने के आदेश दिए। इस पर सक्षम के तहत युवा बैठाए जाएंगे। अभी लोग निगम में आते है लेकिन उनको फार्म भरना नहीं आता, जिससे उनको चक्कर काटने पड़ते है।
हर रोज ईओ को दे सकेंगे पार्षद हाउस टैक्स की शिकायत
निगम की तरफ से भेजे गए हाउस टैक्स में काफी खामियां है। साथ ही पार्षदों के पास लगातार शिकायत आ रही है। इन सबका निपटारा करने के लिए हर रोज दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक पार्षद ईओ शिकायत दे सकेंगे। उसके बाद दो से तीन दिन में उन शिकायतों का ईओ की तरफ से निपटारा किया जाएगा। मेयर ने कहा कि उनके पास ही 150 शिकायतें आई हुई है। लोग परेशान है। हाउस टैक्स की डिटेल अधिकारियों के पास नहीं होने के कारण लोगों को पुराना बिल में राशि एड कर भेजी जा रही है। वहीं ईओ ने कहा कि वह दो घंटे तक ऑफिस के काम से दूर होकर इन शिकायतों का निपटारा करेंगे। ईओ ने बताया कि हाउस टैक्स के मामले में एक साल पुराना बैकलॉग को दूर करने में लगे है। यदि किसी प्रकार की हाउस टैक्स बिल को ठीक करने में दिक्कत आ रही है उसे अन्य ब्रांच की मदद लेकर ठीक किया जा सकेगा।
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पार्क को देंगे गोद : शहर में इस समय 283 पार्क हैं। इसमें काफी पार्क अभी किसी भी संस्था और सोसयटी ने गोद नहीं लिया हुआ है। मेयर ने उन पार्क की लिस्ट मांगी जो गोद नहीं दिए गए है। उनको समितियों को गोद दिया जाएगा ताकि उनको सुंदर बनाया जा सके।
गंदे पानी के क्षेत्र की बनाए लिस्ट
पार्षदों की तरफ से शहर के अनेक वार्ड में पीने के पानी सीवरेज युक्त पानी की सप्लाई होने की शिकायत की। इस पर मेयर ने सभी पार्षदों को ऐसे मोहल्लों की लिस्ट बनाकर देने के लिए कहा है जहां गंदा पानी सप्लाई आ रहा है। वह लिस्ट जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी जाएगी ताकि वह समस्या दूर हो सके। जन स्वास्थ्य विभाग जब नगर निगम में आ जाएगा तो सभी समस्याएं दूर हो जाया करेंगी।
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सब कमेटी बनाकर बेसहारा पशुओं का निकाले स्थाई हल
शहर को बेहसारा पशुओं से निजात दिलवाने के लिए सब कमेटी का गठन कर उसका स्थाई हल निकालने के आदेश हुए है। नगर निगम की अधिकारियों ने दिसंबर माह में 1537 और जनवरी में अभी तक 1600 से ज्यादा नंदी पकड़ने की बात कही। मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि 50 एकड़ भूमि उनके पास हैं। ठोस योजना बनाकर इस समस्या को दूर किया जाएगा।
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मेयर का कमरा होगा बड़ा, उसमें बैठेंगे पार्षद
नगर निगम की हाउस की बैठक में सभी पार्षदों ने मेयर से उनके वार्ड अनुसार कार्यालय बनाने और कर्मचारी देने की बात कही। साथ ही निगम में बैठने की व्यवस्था करने के लिए कहा। सीटीएम शालिनी चेतन ने कहा कि मेयर के कमरे में ज्वाइंट कमिश्नर और एक अन्य कमरे को जोड़ कर नया बना रहा है। उसमें पार्षदों के बैठने की व्यवस्था होगी।
सीटीएम खुद करती फोन पर बात
नगर निगम की पहली बैठक में सिटीएम शालिनी ने आते ही फोन साइड में रखने की बात कही। लेकिन बीच-बीच में वह खुद ही फोन पर बात करती रही। अधिकारियों को फोन पर बात नहीं करने की बैठक शुरू होने से पहले ही मना कर दिया गया था।