Move to Jagran APP

किसान आंदोलन में बिगड़ी कई व्यवस्थाएं अब तक नहीं सुधरी, सड़कों के गड्ढे तक नहीं भरे गए

किसान आंदोलन के दौरान बिगड़ी कई व्यवस्थाएं अब तक नहीं सुधरी है। जिस सड़क पर किसान आंदोलनकारियों का सबसे ज्यादा जमघट था वहां पर बड़े हिस्से में गड्ढे आज भी ज्यों के त्यों हैं। आंदोलन की वजह से इस हिस्से में भी सड़क पर कई जगह गड्ढे बन गए थे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 08:08 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 08:08 AM (IST)
किसान आंदोलन में बिगड़ी कई व्यवस्थाएं अब तक नहीं सुधरी, सड़कों के गड्ढे तक नहीं भरे गए
किसान आंदोलन के दौरान टिकरी बार्डर और बहादुरगढ़ में बनी अव्‍यवस्‍थाएं आज भी बनी हुई है

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : टीकरी बार्डर पर एक साल से ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन के दौरान बिगड़ी कई व्यवस्थाएं अब तक नहीं सुधरी है। जिस सड़क पर किसान आंदोलनकारियों का सबसे ज्यादा जमघट था, वहां पर बड़े हिस्से में गड्ढे आज भी ज्यों के त्यों हैं। यह हाल तो नेशनल हाइवे का है। ऐसे में बाकी बिंदुओं पर तो कुछ उम्मीद रखना बेमानी है।

loksabha election banner

टीकरी बार्डर से लेकर बहादुरगढ़ के सेक्टर नौ मोड़ तक का सड़क का हिस्सा नेशनल हाइवे 9 का हिस्सा है। आंदोलन की वजह से इस हिस्से में भी सड़क पर कई जगह गड्ढे बन गए थे। उनको ठीक नहीं किया गया। इस सड़क के साथ जो नाला है, वह भी आंदोलन में बदहाल हो गया था। उसकी भी सुध नहीं ली गई। मामला अधिकारियों के संज्ञान में भी पहुंचा, बावजूद इसके महकमे में कोई हलचल नहीं है ।

दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से आंदोलन खत्म होने के बाद दिल्ली-रोहतक रोड (नेशनल हाइवे-नौ) पर कारपेट लेयर तो बिछवाई गई, मगर उसको सेक्टर-नौ मोड़ के टी-प्वाइंट के पास तक ही सीमित रखा गया। उससे आगे टीकरी बार्डर की तरफ करीब डेढ़ किमी के हिस्से को छोड़ दिया गया। कायदे से तो नेशनल हाइवे टीकरी बार्डर से ही शुरू होता है। मगर डेढ़ किमी के हिस्से को क्यों छोड़ दिया गया।

यह बड़ा सवाल है। अब पीडब्ल्यूडी बीएंडआर (लोक निर्माण विभाग भवन एवं सड़क शाखा) की ओर से शहर के अंदर से गुजर रहे दिल्ली रोहतक रोड का पुनर्निर्माण करवाया जाएगा। लगभग साढ़े आठ किलोमीटर का यह हिस्सा पहले तो नेशनल हाइवे-नौ का ही हिस्सा होता था, मगर जब से बहादुरगढ़ का दक्षिणी बाईपास बना, तब से इस हिस्से की देखरेख का जिम्मा लोकल पीडब्ल्यूडी को दे दिया गया। अब पीडब्ल्यूडी ने साढ़े आठ किलोमीटर के इस हिस्से पर कारपेटिग और पुनर्निर्माण के कार्य के लिए 20 करोड़ का प्रस्ताव भेजा हुआ है। उसमें भी टीकरी बार्डर से लेकर सेक्टर-नौ मोड़ तक का हिस्सा शामिल नही है।

अब सवाल उठता है कि सड़क का इस हिस्से की मरम्मत आखिर कौन करेगा। पिछले दिनों यह मामला संज्ञान में लाये जाने के बाद एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आनंद दहिया का कहना था कि इस बारे में पता किया जाएगा कि टीकरी बार्डर से बहादुरगढ़ के सेक्टर-नौ मोड़ तक का हिस्सा किसके अंतर्गत आता है। इस बारे में डीएमआरसी से भी पता किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि एनएचएआइ के अंतर्गत है तो इस हिस्से की भी मरम्मत करवाई जाएगी। मगर यह मसला बिल्कुल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया । अब दिक्कत यह ही कि सड़क के गड्ढे लोगों को परेशान कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.