छह वर्षीय मासूम से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने 10 महीने में ही उम्रकैद की सुनाई सजा
झज्जर में तत्कालीन एडिशनल एसपी शशांक कुमार ने चार दिन में जांच करते हुए मात्र 6 दिन में पुलिस की ओर से अदालत में चालान दिया था। दोषी व्यक्ति पर 30 हजार रूपये जुर्माना भी लगाया है
हजार रूपये जुर्माना - बहादुरगढ़ में 6 वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में अदालत ने सुनाया फैसला
झज्जर, जेएनएन। पहले जहां दुष्कर्म के केसाें में फैसला आने में समय लग जाता था, वहीं अब केसों में त्वरित प्रभाव से फैसला सुनाया जा रहा है। महिलाओं में इससे सुरक्षा का भाव भी बढ़ रहा है। वहीं झज्जर में छह साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने के करीब 10 माह पुराने मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बहादुरगढ़ थाना में सितंबर 2018 में दर्ज किए गए मामले में तत्कालीन एडिशनल एसपी शशांक कुमार सावन ने चार दिन में जांच करते हुए मात्र 6 दिन में पुलिस की ओर से अदालत में चालान दे दिया था। दोषी व्यक्ति पर कोर्ट की ओर से 30 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
सितंबर 2018 में मूल रूप से उत्तर प्रदेश से संबंध रखने वाले एक पिता ने थाना शहर बहादुरगढ़ में शिकायत देते हुए बताया था कि उसकी दो बेटियां है। मजदूरी का काम करने वाला पिता शहर में ही किराए के मकान में रहता था। उसी मकान की ही एक अन्य मंजिल पर आरोपित भी रहता था।
वारदात की रात करीब साढ़े 8 बजे छह वर्षीय बेटी घर में रोते हुए आई। मासूम की हालात काफी खराब हो रखी थी, जिसने रोते हुए पूरा घटनाक्रम बताया। दर्ज हुए मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार दिन में तत्कालीन एएसपी शशांक कुमार सावन की अगुवाई में जांच पूरी कर दी गई।
इधर, अदालत के स्तर पर भी तेजी से चली कार्रवाई में आरोपित को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है। भांदस की अलग-अलग तीन धाराओं में दर्ज किए गए मामले में एएसजे सुधीर जीवन की अदालत ने कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रूपये का जुमा्रना भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि तत्कालीन समय में बतौर एएसपी थाना शहर बहादुरगढ़ की जिम्मेवारी संभाल रहे शशांक कुमार सावन मौजूदा समय में डीसीपी हैडक्वाटर गुरुग्राम की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं। मामले में पीडि़त परिवार को तत्काल न्याय दिलाने के उद्देश्य से गंभीरता से कार्रवाई करते हुए 6 दिन में ही मामले की पूरी इन्वेस्टिगेशन व गहनता से तहकीकात करके चालान अदालत में दे दिया गया था।
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