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दो दशक से प्रतिद्वंद्वी रहे महाजन और सैनी परिवार अब एक साथ भाजपा के मंच पर

सीएम मनोहर की मौजूदगी में साल 1982 से राजनीति में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे स्वर्गीय ओमप्रकाश महाजन और पूर्वमंत्री हरिसिंह सैनी का परिवार राजनीति में एक हो गया।

By manoj kumarEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 12:25 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 12:25 PM (IST)
दो दशक से प्रतिद्वंद्वी रहे महाजन और सैनी परिवार अब एक साथ भाजपा के मंच पर
दो दशक से प्रतिद्वंद्वी रहे महाजन और सैनी परिवार अब एक साथ भाजपा के मंच पर

हिसार, जेएनएन। प्रदेश मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव के प्रचार मैदान में उतरे। हिसार से भाजपा प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह के लिए जनता से वोट की अपील करने और पार्टी को मजबूती प्रदान करने हिसार पहुंचे। सीएम के आगमन के साथ ही हिसार के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है। साल 1982 से राजनीति में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे स्वर्गीय ओमप्रकाश महाजन और पूर्वमंत्री हरिसिंह सैनी का परिवार राजनीति में एक हो गया।

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ओमप्रकाश महाजन के परिवार से उनके बेटे प्रद्युमन और पौत्र लोकेश ने भाजपा का दामन थामा। वहीं पूर्वमंत्री हरिसिंह सैनी ने सीएम की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। करीब 20 साल राजनीति में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे इन दोनों ही परिवारों ने जनता से भाजपा के वोट की अपील की। इसके साथ ही हिसार में जहां पंजाबी समुदाय पहले ही सीएम के पक्ष में था वहीं सैनी समुदाय में भी सीएम ने अपनी पैठ बना ली है। ये दोनों ही समाज हिसार में बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में सीएम के आगमन पर शहरी क्षेत्र में भाजपा ने अपनी पार्टी को मजबूत करने का काम किया है।

सीएम ने चिकित्सकों को जोड़ा

सीएम मनोहर लाल ने हरिसिंह चौ. हरि सिंह सैनी के कार्यक्रम से पहले आइएमए प्रधान जेपीएस नलवा के आग्रह पर उनके कार्यक्रम में पहुंचे। जहां आइएमए के जुड़े चिकित्सकों के अलावा अन्य कई एसोसिएशनों के सदस्य मौजूद थे। जिनसे सीएम ने बातचीत की और उनका भाजपा के समर्थन के लिए धन्यवाद किया। वहां हास्यपद तरीके से उन्होंने खांसते हुए कहा कि मुझे खांसी हो गई मेरी खांसी ठीक कर दो। यह बात कहने के बाद उन्होंने वोट की अपील की।

परिवारों का ये है राजनीति सफर

पूर्व विधायक स्वर्गीय ओम प्रकाश महाजन

ओपी महाजन ने साल 1967 में चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा। निर्दलीय 1982 में जीत दर्ज की और राजनीति में चमके। राजनीति में यहीं से हरी सिंह के प्रतिद्वंद्वी बने। साल 1987 में हरिसिंह सैनी ने उन्हें हराया। साल 1991 में ओपी जिंदल के सामने आए लेकिन हारे। एक वक्त ऐसा लग रहा था जैसे राजनीति में उनका कैरियर थम गया हो। लेकिन साल 1996 में उन्होंने जनता का समर्थन मिला और निर्दलीय लड़ते हुए जीत दर्ज की। साल 2000 में हारे और 25 नवंबर 2001 को 69 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। साल 2002 में उनकी पत्नी सुमित्रा महाजन राज्यसभा सदस्य बनी। साल 2007 में उनके देहांत के बाद यह परिवार राजनीति से दूर हो गया था।

पूर्व मंत्री हरिसिंह सैनी 

83 वर्षीय हरिसिंह सैनी पूर्वमंत्री है। वे 40 साल से राजनीति में है। साल 1982 में राजनीति में आए। उस दौरान ओपी महाजन को जीत हासिल हुई थी। साल 1987 में ओपी महाजन के खिलाफ लोकदल के बैनर तले चुनाव लड़ा और जीत हासिल हुई। साइंस एंड टेक्नोलॉजी और उड्यन मंत्रालय के क्षेत्र की उन्हें जिम्मेदारी मिली। इसके बाद साल 1996, साल 2002 और साल 2005 में चुनावी मैदान में रहे लेकिन जीत हासिल नहीं हुई। हालांकि उन्होंने इस समय अवधि में जिंदल परिवार को हर बार कड़ी टक्कर दी। हरी सिंह सैनी का राजनीति में काफी दूतबा है। उनकी पुत्रवधु रेखा सैनी पूर्व पार्षद है। मेयर के चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी।

बृजेंद्र बोले- मेरी माताओं बहनों, बस यहां बैठी मेरी बीवी को छोड़कर

. बृजेंद्र सिंह ने हरि सिंह सैनी के कार्यक्रम में कहा कि यहां मौजूद मेरी माताओं और बहनों फिर एक बार अटके और फिर बोले यहां मेरी बीबी बैठी है। उनको छोड़कर।

. सीएम के संबोधन में जनता के लिए परेशानी का सबब बनी बेसहारा पशु भी वहां पहुंच गई। सीएम को भाषण बीच में रोककर लोगों को कहना पड़ा प्यार से इन्हें बाहर भेजे।

. हरि सिंह ने मुख्यमंत्री को मोदी की फोटो लगा शॉल भेंट किया।


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