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अमित पंघाल के पंच का जादू बरकरार, फ्रांस में जीता गोल्ड

52 किलोग्राम में दुनिया के नंबर एक बॉक्सर हैं अमित। फ्रांस के नांत में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में अमेरिका के बॉक्सर पैरेज को 5-0 से चित कर उन्होंने अपना रुतबा कायम रखा है। इसी साल मार्च में अमित को ओलंपिक कोटा मिला है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 02:27 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 02:27 PM (IST)
अमित पंघाल के पंच का जादू बरकरार, फ्रांस में जीता गोल्ड
कोरोना के दौरान भी सेहत का ख्याल रखते हुए अमित ने गांव में जमकर पसीना बहाया है।

हिसार/रोहतक, जेएनएन। लॉकडाउन में लंबे समय तक घर पर रहने वाले अमित पंघाल के पंच का जादू अब भी बरकरार है। उन्होंने फ्रांस में हुए एलेक्सिस वास्टीन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में तीसरे और अंतिम दिन गोल्ड मेडल जीत कर इसकी बानगी दिखा दी है। 

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52 किलोग्राम में दुनिया के नंबर एक बॉक्सर अमित ने फ्रांस के नांत में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में अमेरिका के बॉक्सर पैरेज को 5-0 से चित कर अपना रुतबा कायम रखा है। मायना गांव निवासी अमित पंघाल के चाचा राजनारायण ने बताया कि इसी साल मार्च में अमित को ओलंपिक कोटा मिला। जिसके बाद लॉकडाउन हुआ तो अमित ने अपने गांव में ही रहकर फिटनेस पर पूरा ध्यान दिया। कोरोना काल में भी सेहत का ख्याल रखते हुए अमित ने गांव में ही जमकर पसीना बहाया। आने वाले टोकयो ओलंपिक को देखते हुए भारतीय खेल प्राधिकरण ने ओलंपिक कोटा प्राप्त इस बॉक्सर को ट्रेनिंग एवं आमंत्रित टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए यूरोप भेजा। बता दें कि लॉकडाउन के चलते इस भारतीय बॉक्सर को लंबे समय से कोई भी टूर्नामेंट खेलने का अवसर नहीं मिला था। लेकिन अब जो अवसर उनको मिला तो उन्होंने अपना सिक्का जमाकर देश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। 

मायना गांव के रहने वाले हैं अमित

बॉक्सर अमित पंघाल रोहतक के मायना गांव के रहने वाले हैं। पिता विजंदर सिंह पंघाल किसान हैं। बड़े भाई अजय पंघाल आर्मी में हैं। अजय भी पहले बॉक्सिंग खेल चुके हैं। बड़े भाई की प्रेरणा से अमित ने बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखे और सफलता का पंच लगाया। 

लंबी है कारनामों की फेहरिस्त

इससे पहले अमित पंघाल पिछले वर्ष वर्ल्ड बॉक्सिंग चैपियनशिप के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच चुके हैं। वे ऐसा करने वाले पहले भारतीय बॉक्सर हैं। रूस के एकातेरिनबर्ग में हुए मुकाबले में उन्होंने कजाखस्तान के साकेन बिबोसिनोव को 3-2 से हराया था। उन्होंने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाकर भारत का नाम रोशन किया था। 2017 में नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल के साथ ही उन्होंने नेशनल बॉक्सिंग में डेब्यू किया था। उनके कारनामों की फेहरिस्त काफी लंबी है।


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