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लुवास गोमूत्र पर करेगा शोध

लुवास के कुलपति डा. गुरदयाल सिंह ने बताया कि विज्ञानी गोमूत्र पर शोध करेंगे। वह फार्माक्लोजी विभाग के जरिए इस बाबत प्रोजेक्ट भेजेंगे। इसके पास होने के बाद ही विज्ञानी शोध प्रारंभ करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 08:41 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 08:41 AM (IST)
लुवास गोमूत्र पर करेगा शोध
लुवास गोमूत्र पर करेगा शोध

जागरण संवाददाता, हिसार : राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डा. वल्लभभाई कथीरिया लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय व चौधरी चरण सिंह हरियाणा विवि में पहुंचे। जहां उन्होंने विज्ञानियों से गायों के संवर्धन व संरक्षण को लेकर सुझाव भी लिए।

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लुवास के कुलपति डा. गुरदयाल सिंह ने बताया कि विज्ञानी गोमूत्र पर शोध करेंगे। वह फार्माक्लोजी विभाग के जरिए इस बाबत प्रोजेक्ट भेजेंगे। इसके पास होने के बाद ही विज्ञानी शोध प्रारंभ करेंगे। वहीं आयोग के अध्यक्ष ने एचएयू को कृषि विज्ञान केंद्रों पर किसानों व पशुपालकों के लिए एक ऐसी यूनिट लगाने को कहा है, जहां उन्हें पता चले कि गाय से कई उत्पाद व खाद तक तैयार की जा सकती है। इसको लेकर कुलपति प्रो. समर सिंह ने आश्वस्त किया है। इस दौरान हरियाणा गो सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग व हरियाणा गो सेवा आयोग के सचिव डा. कल्याण सिंह भी साथ में मौजूद रहे।

लुवास की हरधेनु गाय को मिली सराहना

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डा. वल्लभभाई कथीरिया ने लुवास विश्वविद्यालय के एलपीएम विभाग के भैंस फार्म एवं पशु प्रजनन विभाग के गाय फार्म का दौरा किया। पशुचिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. दिवाकर प्रकाश शर्मा ने अनुसंधान के कार्यो की जानकारी दी। डा. कथीरिया ने विश्वविद्यालय फार्म पर भ्रमण के दौरान लुवास द्वारा विकसित हरधेनु गाय की काफी प्रशंसा की। गाय फार्म पर अध्यक्ष डा. कथीरिया व श्रवण गर्ग ने त्रिवेणी का पौधा लगाया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. गुरदियाल सिंह भी उनके साथ उपस्थित रहे।

पंचगव्य शोध संस्थान बनाने का लेकर दिया मांग पत्र

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष को आर्य नगर के सरपंच जगदीश चंद्र इंदल सहित अन्य ग्रामीणों ने एक मांग पत्र सौंपा। जिसमें उन्होंने मांग की कि आर्य नगर में गायों के संवर्धन व संरक्षण को लेकर ग्रीन इकॉनोमी इंसेटिव प्रोग्राम के तहत पंचगव्य शोध संस्थान स्थापित किया जा सकता है। आयोग नियमानुसार इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाए तो आर्य नगर की पंचायत जमीन से लेकर हर तरह की मदद करने के लिए तैयार है। गायों से निकलने वाले उत्पादों के जरिए पंचगव्य क्रिया अच्छी और फायदेमंद है। इसके जरिए नए-नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं। इसके साथ-साथ गोसेवा प्रमुख रणधीर हिदवान के माध्यम से एक मेमोरेंडम सौंपा गया। जिसमें भारत सरकार, कामधेनु आयोग व प्रदेश सरकार से अपील की गई है कि हिसार में राष्ट्रीय कामधेनु एवं पंचगव्य शोध संस्थान स्थापित करने को लेकर बहुत संभावनाएं हैं।


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