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रामबाण है बकरी का दूध, लुवास विशेषज्ञों ने बताया- कई रोगों से लड़ने की रखता है क्षमता

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के विज्ञानियों के अनुसार बकरी के दूध में अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति होती है। बकरी के दूध में कई ऐसे प्रोटीन पाए जाते हैं जो आम भोजन में नहीं पाए जाते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:18 PM (IST)
रामबाण है बकरी का दूध, लुवास विशेषज्ञों ने बताया- कई रोगों से लड़ने की रखता है क्षमता
हिसार में लुवास में बकरी व्‍यवसाय का प्रशिक्षण देकर दूध का महत्‍व समझाया जा रहा है

जागरण संवाददाता, हिसार। बकरी के दूध को स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह सुपाच्य है। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के विज्ञानियों की मानें तो इसमें अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति होती है। बकरी के दूध में कई ऐसे प्रोटीन पाए जाते हैं जो आम भोजन में नहीं पाए जाते हैं। यही कारण है कि कई बीमारियों से लड़ने में बकरी का दूध काम में आता है। कई बार तो इसके रेट भी काफी अधिक चले जाते हैं। अगर युवा इसे व्यवसाय के रूप में लेंगे तो बेरोजगारी दूर कर सकेंगे। इसको लेकर लुवास में वह प्रशिक्षण भी प्राप्त किया जा सकता है। हाल ही में कुछ युवाओं को लुवास के विज्ञानियों ने प्रशिक्षण भी दिया है।

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आंतों में गुड बैक्‍टीरिया को बढ़ाता है बकरी का दूध

बकरी का दूध प्रीबायोटिक और एंटी इनफेक्शन गुणों से लैस होता है। यह नवजात शिशुओं में होने वाले गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल इनफेक्शन से रक्षा करता है। रिसर्च में कहा गया है कि बकरी के दूध में oligosaccharides (एक कार्बोहाइड्रेट जिसके अणु अपेक्षाकृत कम संख्या में मोनो सैकेराइड इकाइयों से बने होते हैं) नाम का एक तरह का प्रीबायोटिक होता है, जो आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ने में मदद करता है। इसके साथ ही यह खतरनाक बैक्टीरिया से बचाने में अहम रोल अदा करता है। शोध के मुताबिक बकरी के दूध में प्राकृतिक रूप से 14 प्रीबायोटिक oligosaccharides होते हैं। इनमें से 5 मां के दूध में भी होते हैं।

अच्छी नस्लों की बकरियों के साथ शुरू करें व्यवसाय

वर्तमान समय में बकरी पालन एक बेहतर और कम जोखिम भरा उचित व्यवसाय है। इससे किसान आसानी से अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। व्यवसायिक तरीके से बकरी पालन करने पर किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। बकरियां चराई के माध्यम से अपने शरीर का पोषण करके उत्तम किस्म के दूध का उत्पादन करती है। आजकल बकरी पालन का व्यवसायिक स्वरूप विकसित हो रहा है। इसके फलस्वरूप पूरे देश में अच्छी नस्लों पर आधारित बकरी फार्म खोले जा रहे हैं।

कम पूंजी में अधिक मुनाफा कमाएं

भेड़-बकरी पालन व्यवसाय से कम पूंजी एवं कम साधन से आरंभ कर परिवार के भरण-पोषण के लिए नियमित आय प्राप्त की जा सकती है। बकरी पालक उचित रख-रखाव, संतुलित पोषाहार और बेहतर प्रबंधन के द्वारा बकरियों को रोगाग्रस्त होने से बचाकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि बकरी पालक आधुनिक तकनीक से बकरी पालन व प्रबंधन करें तो निश्चित ही उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा।


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