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EVM आने के बाद पहली बार रात में घोषित होंगे लोकसभा चुनाव के विजेताओं के नाम

वीवीपैट और ईवीएम के मिलान के कारण लोकसभा चुनावों के परिणाम रात 9 बजे के बाद आ सकते हैं। ईवीएम काउंटिंग पूरी होने पर विजेता का नाम तो प्रस्‍तावित होगा। मगर फाइनल मुहर नहीं लगेगी।

By manoj kumarEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 05:03 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 05:03 PM (IST)
EVM आने के बाद पहली बार रात में घोषित होंगे लोकसभा चुनाव के विजेताओं के नाम
EVM आने के बाद पहली बार रात में घोषित होंगे लोकसभा चुनाव के विजेताओं के नाम

हिसार [सुनील बैनीवाल] ईवीएम आने के बाद पहली बार लोकसभा चुनावों में रंगों की होली दूधिया रोशनी में विजेता प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खुशी मनाते नजर आएंगे। मतगणना प्रक्रिया में किए गए बदलाव के कारण इस बार तीन से चार घंटे की देरी होना संभावित है।

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दरअसल वीवीपैट से मिलान के कारण देरी होना स्‍वभाविक है। वीवीपैट का इस्‍तेमाल हुआ तो 2014 के चुनाव में भी था मगर इस बार वीवीपैट और ईवीएम का मिलान भी होगा जो कि पहली बार हाे रहा है। हालांकि ईवीएम मशीन काउंटिंग पूरी होने पर विजेता का नाम तो प्रस्‍तावित होगा। मगर नाम पर फाइनल मुहर वीवीपैट से मिलान करने के बाद ही लग सकेगी।

इसी आधार पर प्रशासनिक अधिकारियों ने 23 मई को होने वाली मतगणना की तैयारियां की है। रात्रि के अनुरूप मतगणना का रोड मैप बनाया गया है। पुनर्गणना करवाने से लेकर आपत्तियों तक को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग की गई है। वहीं सुरक्षा इंतजाम को लेकर भी प्रबंध करने होंगे।

जिससे की परिणाम में देरी की संभावनाओं को कम किया जाए। बावजूद इसके इस बार लोकसभा चुनावों के परिणाम सूरज ढलने के बाद आएंगे। रात के अंधेरे में दूधिया रोशन में सांसद की जीत का सूरज उदय होगा। रात्रि के समय परिणाम घोषित होने से हारने वाले प्रत्याशियों को लोगों का कम सामना करना पड़ेगा और उन्हें खिसकने में आसानी होगी।

ये है देरी मुख्य कारण

1. ऑन बैलेट पेपर सिस्टम से बढ़ेगा मतदान

पहले ऑनलाइन बैलेट पेपर सिस्टम सरकार ने लागू किया है। बैलेट पेपर के लिए आवेदन करने वाले सभी लोगों को ऑनलाइन बैलेट पेपर भेजे गए हैं। अधिकारियों को अनुमान है कि इस बार पूर्व के मुकाबले 50 फीसद अधिक ऑनलाइन बैलेट पेपर मतदान में बढ़ोतरी होगी। क्योंकि पूर्व में डाक के माध्यम से 50 फीसद से भी कम मतदाताओं को बैलेट पेपर मिलते थे। ऑनलाइन सिस्टम से अधिक मतदान होने और उसकी गणना में इस बार ज्यादा समय लगेगा। अधिकारियों ने इसके लिए एक स्पेशल टीम बनाने की मांग इलेक्शन कमीशन से की है।

2. वीवीपैट से मिलान में लगेगा वक्त

पहली बार निष्पक्ष मतदान को देखते हुए वीवीपैट मशीनों से निकलने वाली पर्चियों का मिलान ईवीएम के साथ किया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच -पांच मतदान केंद्रों की ईवीएम का मिलान वीवीपैट मशीनों से निकलने वाली पर्ची के साथ किया जाएगा। इस प्रक्रिया में पहले सभी प्रत्याशियों की अलग - अलग पर्चियों की छंटनी की जाएगी। उसके बाद ईवीएम के अनुसार मिलान होगा। ईवीएम में किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले है, वह वीपीपैट से निकलने वाली पर्ची से मिलना जरूरी है। दोनों में समान होने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया में इस बार वक्त लगेगा।

3. सभी प्रत्याशियों को साथ-साथ करनी होगी कागजी प्रक्रिया

मतगणना के दिन रि काउंटिंग नहीं करनी पड़े। इसको लेकर इस बार विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस दौरान सभी प्रत्याशियों के ईवीएम की गिनती पूरी होने के साथ कागजी प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। जिससे बाद में प्रत्याशी अपना विरोध गलत मतगणना होने को लेकर न उठाए।

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