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Tiddi Dal Attack: टिड्डियों के हर मूवमेंट पर नजर, एक दल चूरू के पास

टिड्डियों के दल को लेकर किसान और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। एक दल सुबह चूरू के पास देखा गया है। जबकि एक हवा के साथ वापस लौट गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 01:39 PM (IST)
Tiddi Dal Attack: टिड्डियों के हर मूवमेंट पर नजर, एक दल चूरू के पास
Tiddi Dal Attack: टिड्डियों के हर मूवमेंट पर नजर, एक दल चूरू के पास

हिसार, जेएनएन। मौसम बदला तो टिड्डियों से कुछ राहत जरूर मिली, क्योंकि टिड्डियों का एक दल हवा के साथ ही वापस लौट गया। मगर अभी खतरा टला नहीं है। अधिकारियों को राजस्थान से मिली जानकारी के अनुसार टिड्डियों के एक दल चूरू समीप सरदार शहर में रुका हुआ है। ऐसे में मौसम के बदलाव से कुछ राहत जरूर मिली है मगर टिड्डियों के आने का खतरा अभी भी टला नहीं है। ऐसे में इस काम को देख रहे अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं। वह सुबह और सायं दोनों समय टिड्डियों की स्थिति ले रहे हैं। इसके साथ ही हिसार में तो कृषि विभाग ने कीटनाशक दवाओं का स्टॉक बढ़ाना भी शुरू कर दिया है। जिला में क्लोरोपाइरीफास दवाई की उपलब्धता को 1500 लीटर से बढ़ाकर 3500 लीटर कर दिया गया है। इसके साथ ही लगातार दल बनाकर टिड्डियां पाकिस्तान की तरफ से आ रही हैं। अगर मौसम में बदलाव के बाद कोई और दल भी आया तो इसको लेकर अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। 

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एक एकड़ में कुछ टिड्डियां देखकर घबराएं न किसान

सहायक पौध संरक्षण अधिकारी डा. अरुण यादव ने बताया कि किसान घबराएं न। अभी कुछ टिड्डियों को लेकर भी किसान घबरा जाते हैं। अगर एक एकड़ में 20 या 30 टिड्डियां आ भी जाएं तो किसान घबराएं न। क्योंकि हजारों टिड्डियों का दल बड़ा नुकसान पहुंचाता है। कुछ टिड्डी अधिक प्रभाव नहीं डालती। हम सुबह व सायं कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर सर्विलांस का काम कर रहे हैं। अभी हालात काफी काबू में हैं। मगर यह हवाओं के प्रभाव पर ही निर्भर करेगा।

टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए ऐसे किया जा रहा है काम 

- हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों व केंद्रीय टिड्डी नियंत्रण संस्थान के समन्वय व सलाह से ठोस रणनीति तैयार की गई है। 

- कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा राजस्थान के कृषि विभाग से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। 

केन्द्रीय टिड्डी नियंत्रण संस्थान ने वेबिनार से प्रशिक्षण 

केंद्रीय टिड्डी नियंत्रण संस्थान, नई दिल्ली के उपनिदेशक डॉ. केएल गुज्जर द्वारा जिला के कृषि अधिकारियों व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को वेबीनार के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि टिड्डी दल रात्रि को एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए सफर नहीं करता है बल्कि सूर्यास्त होते ही यह खेतों में बैठ जाता है। उसी समय इस पर कीटनाशक का स्प्रे करके इसे समाप्त किया जा सकता है। 

टिड्डी दल दिखने पर यह नंबर मिलाएं

जिला के किसी गांव में टिड्डी दल के आने की सूचना मिले तो किसान तुरंत कृषि विभाग की किसान बंधु नामक हेल्पलाइन नंबर 01662-225713 पर फोन करके अथवा कृषि विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. अरूण कुमार (9215809009) को फोन करके सूचना दें। जिला में टिड्डी दल पर नियंत्रण लगाने के लिए व्यापक रणनीति बनाई गई है। सभी उपमंडलों में इस संबंध में आवश्यक प्रबंधों के लिए संबंधित एसडीएम को अपने-अपने उपमंडल का नोडल अधिकारी लगाया गया है। 

उपायुक्त के आदेशानुसार जिला में ग्राम स्तर पर जागरूकता के लिए टीमों का गठन कर अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। इसके साथ ही सभी सरपंचों को सचेत रहने व इस संबंध में ग्रामीणों को भी सूचना प्रेषित करने को कहा गया है।।

डा. विनोद फोगाट, कृषि उपनिदेशक


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