Lockdown effect : घर बैठे तनावग्रस्त हो रहे लोग, चिकित्सकों को फोन कर पूछ रहे उपाय
मेंटल हेल्थ के चिकित्सकों के पास प्रतिदिन सौ से अधिक आ रहे फोन कॉल्स। अधिकतर लोग घरों में बैठकर हो रहे तनाव के शिकार नहीं मिल रहीं दवाइयां
रोहतक [पुनीत शर्मा] कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण लोग घरों में बैठकर तनावग्रस्त हो रहे हैं। स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (एसआइएमएच) के चिकित्सकों के पास प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में फोन कॉल और मैसेज आ रहे हैं। जिस पर चिकित्सक लोगों को स्वस्थ्य और तनावमुक्त रहने की सलाह दे रहे हैं। वहीं लॉकडाउन के बाद अचानक मरीजों की संख्या बढऩे को लेकर अभी से चिकित्सकों की छह टीमों का गठन किया गया है। जो मरीजों का अस्पताल में पहुंचने पर उपचार करेंगी।
कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया था। 14 अप्रैल तक चलने वाले लॉकडाउन के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिसके कारण वह तनाव के शिकार भी हो रहे हैं। ऐसे में एसआइएमएच के निदेशक व सीईओ डा. राजीव गुप्ता ने लगातार आती फोन कॉल के मध्य चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने फोन पर आने वाले किसी भी फोन को अवश्य उठाएं और यदि लोग तनाव से मुक्ति आदि के बारे में पूछते हैं तो उन्हें परामर्श दें।
जबकि इससे पहले चिकित्सकों को निर्देश नहीं थे कि वह किसी भी व्यक्ति या मरीज को फोन पर परामर्श दें। चिकित्सकों के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लोग संस्थान की वेबसाइट से चिकित्सकों के नंबर लेकर सोशल मीडिया या फोन कॉल के माध्यम से संपर्क कर रहे हैं और तनाव मुक्ति के उपाय या दवाइयां पूछ रहे हैं।
इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग चिकित्सकों से दवाइयां बताने का भी आह्वान कर रहे हैं, लेकिन चिकित्सक किसी भी व्यक्ति को फोन पर दवाई न बताते हुए लॉकडाउन खुलने पर अस्पताल पहुंचने के लिए आह्वान कर रहे हैं। बताया कि अधिकतर लोग घर में खाली रहने के चलते तनाव, रात में नींद न आने, चिड़चिड़ापन, एन्जाइटी डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।
लॉकडाउन के बाद स्थिति संभालने को छह टीमें गठित
लॉकडाउन के बाद अचानक से मरीजों की संख्या में इजाफा होगा। पुराने मरीज जहां फॉलोअप के लिए संस्थान पहुंचेंगे तो बड़ी संख्या में नए मरीज भी संस्थान में पहुंचेंगे। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए अभी से योजना बनाई गई है। बताया जा रहा है कि चिकित्सकों की छह टीमों का गठन किया गया है। इनमें चाइल्ड एवं एडल्ट्स, ओल्ड ऐज, नशा मुक्ति, जनरल एडल्ट्स, साइकोलॉजिकल काउंसिङ्क्षलग व साइको सोशल कम्युनिटी स्तर के उपचार के लिए टीमें बनाई गई हैं।
'' बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन सोशल मीडिया और फोन कॉल के माध्यम से तनाव मुक्ति के उपाय पूछ रहे हैं। जिसके चलते सभी चिकित्सकों को 24 घंटे फोन कॉल पर उपलब्ध रहने और लोगों की काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। आमतौर पर चिकित्सकों द्वारा मरीजों को फोन पर परामर्श देना बंद रहता है। लॉकडाउन खुलने के बाद स्थिति नियंत्रित करने के लिए छह टीमों का गठन किया गया है।
- डा. राजीव गुप्ता, निदेशक व सीईओ, स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ।
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