Lockdown में खुल कर आने लगी सांस, तीन दिन में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली की हवा स्वच्छ
देशभर को लॉकडाउन के सिर्फ तीन दिन बीते हैं इस बीच सभी फैक्ट्रियां वाहन और कचरे को जलाने आदि जैसे काम पूरी तरह से बंद हैं। इससे प्रदूषण बेहद कम हो गया है।
हिसार [वैभव शर्मा] देशभर को लोकडाउन हुए सिर्फ तीन दिन अभी बीते हैं, इस बीच सभी फैक्ट्रियां, वाहन और कचरे को जलाने आदि जैसे काम पूरी तरह से बंद हैं। यह कोरोना के चलते लिया गया कड़ा रुख है मगर इस कदम ने हरियाणा सहित दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों की हवाओं को लगभग साफ कर दिया है। देश में 15 शहर ही ऐसे हैं जहां प्रदूषण अभी भी लाल निशान पर है। बाकी सभी शहरों में हवा गुरुवार को पूरी तरह से साफ दिखाई दी।
गुरुवार को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी किये गए आंकड़ों पर गौर करें तो हरियाणा के 22 में से 22 जिलों की हावाओं में से प्रदूषण और धूल के कण काफी कम हो गए हैं। जिन मानकों के हिसाब से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यह मापता है कि कहां प्रदूषण अधिक है और कहां कम वह आंकड़े सभी 100 से नीचे हैं अंक ला रहे हैं। या यूं कहें कि जैसे-जैसे हम लॉकडाउन के दिनों को पार कर रहे हैं प्रदूषण का स्तर घट रहा है। प्रदेश के कैथल, मानेसर, नारनौल में सबसे कम प्रदूषण दर्ज किया गया। वहीं अन्य स्थानों पर संतोषजन स्थिति रही।
देश के इन शहरों में हवा हुई साफ
लखनऊ, आगरा, दिल्ली, पंजाब, जयपुर, अजमेर, कोटा, कानपुर, पटना, गया, उदयपुर, अहमदाबाद, इंदौर, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, भिवाड़ी, ग्वालियर, सतना, मैहर, जबलपुर, भोपाल, उज्जैन, नागपुर, नासिक, पुणे, सोलापुर, मुंबई आदि शहरों की हवा पूरी तरह साफ है।
हरियाणा के शहरों में सबसे साफ हवा वाले शहर
नारनौल- 29
कैथल- 49
मानेसर- 46
अंबाला- 58
वह शहर जहां हवाओं में प्रदूषण 100 से भी नीचे
फतेहाबाद- 62
बहादुरगढ़- 65
जींद- 68
हिसार- 73
कुरुक्षेत्र- 52
मेवात- 73
पलवल- 76
पानीपत- 90सिरसा- 85
भिवानी- 98
यमुनानगर- 54
गुरुग्राम- 61
रोहतक- 62
पंचकूला- 85
फरीदाबाद- 88
वह शहर जहां 100 से अधिक प्रदूषण
करनाल- 101
सोनीपत- 105
नोट- यह आंकडे हवा में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 व पीएम 10 के हैं।
एयर क्वालिटी इंडेक्स को ऐसे समझें
एक्यूआई- श्रेणी
0 से 50- अच्छी
51 से 100- संतोषजनक
101 से 200- मध्यम
201 से 300- खराब
301 से 400- बेहद खराब
401 से 500- गंभीर
500 से अधिक- आपातकाल
क्या होते हैं पार्टिकुलेट मैटर
पीएम 2.5 और पीएम 10 हवा में मौजूद गाद व लोहे के छोटे कण होते हैं। जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती है। पीएम 10 का सामान्य स्तर 100 माइक्रो ग्राम क्यूोबिक मीटर और पीएम 2.5 का लेवल 60 माइक्रो ग्राम क्यूलबिक मीटर होना चाहिए।