Hisar Coronavirus Update: सेशन जज के परिवार के पांच सदस्यों सहित मिले नौ कोरोना पॉजिटिव
वहीं कोरोना से हिसार में छह मौत हो चुकी है। जबकि तीन दिन में पांच मौतें हुईं। मरने वालों में तीन बुजुर्ग शामिल हैं। वहीं कोरोनों की वजह से मौतों से प्रशासन अलर्ट हो गया है।
हिसार, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव तेजी से फैल रहा है। शुक्रवार को सेशन जज के परिवार के पांच सदस्यों समेत नौ कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। सेशज जज के परिवार की ट्रेवल हिस्ट्री दिल्ली की है। बाकी केसों में 2 बीएसएफ हिसार,एक गांधी कॉलोनी हांसी, एक उमरा गांव से पॉजिटिव मिले हैं। अब तक हिसार में 170 कोरोना पॉजिटिव केस आ चुके हैं। इसमें 90 केस ठीक हो चुके हैं तो 76 केस एक्टिव हैं। वहीं पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं अब तक कोरोना से हिसार जिले में 6 मौते हो गई हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात है कि तीन दिन में 5 लोग कोरोना बीमारी के दौरान दम तोड़ चुके हैं। मरीजों का आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। राहत की बात यह कि मरीज भी उसी गति से ठीक भी हो रहे हैं। मगर तीन दिन में पांंच मौतों ने प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को भी चिंता में डाल दिया है।
कोरोना मरीजों की संख्या हिसार जोन में लगातार बढ़ती जा रही है। इसका एक बड़ा कारण बाहर से आने वाले लोग हैं। इन लोगों की सही से ट्रेसिंग हो इसके लिए मंडल स्तर पर प्रशासन विशेष तैयारी कर रही हैं। इसके तहत सामुदायिक रूप से जानकारियां हासिल करने को विभिन्न क्षेत्रों में 150 से 200 घरों का क्लस्टर हब बनाने की तैयारी है। शुक्रवार भिवानी के कोरोना संक्रमित की मौत हो गई। उसका इलाज हिसार के जिंदल अस्पताल में चल रहा था।
बृहस्पतिवार को आंबेडकर बस्ती 70 वर्षीय बुजुर्ग और सैनिक विहार कॉलोनी का नोएडा से आया 42 वर्षीय व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। दोनों मृतकों का दाह संस्कार शहर के ऋषि नगर स्थित शमशान घाट में स्वास्थ्य विभाग ने किया। टीम में जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया, हेल्थ इंस्पेक्टर जयबीर वर्मा, एमपीएचडब्ल्यू नूर मोहम्मद और नगर निगम कर्मचारियों सफाई दरोगा राजेश बागड़ी, प्रवीण कुमार, सफाई कर्मी पवन, अमित, बबलू और प्रमोद ने पीपीई किट पहनकर कोविड 19 के दिशानिर्देशों अनुसार संपन्न करवाया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो एक कोरोना पॉजिटिव का अंतिम संस्कार करने आए परिचित भी पॉजिटिव है। रस्म पूरी होने के बाद विभाग के अधिकारी उसको पहले वहीं छोड़ गए। बाद में निगम अधिकारियों ने एंबुलेंस को बुलाकर उसको भिजवाया।
फेफड़े की बीमारी से ग्रस्त था बुजुर्ग
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आंबेडकर बस्ती का 70 वर्षीय बुजुर्ग पिछले कई वर्षों से दिल, फेफड़ों संबंधी बीमारी से ग्रस्त था। इसको पहले शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन बाद में इसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ले गए थे। ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसी प्रकार एक अन्य कोविड मरीज की निजी अस्पताल में मौत हो गई। सैनिक विहार कॉलोनी के मृतक का अंतिम संस्कार उसके परिचित ने किया। इसके इलावा शहर में कोरोना पॉजिटिव केस पाए जाने पर न्यू मॉडल टाउन और शिव कॉलोनी में टीम ने होम क्वारंटाइन के पोस्टर चस्पा किया।
हांसी के व्यक्ति ने सबसे पहले तोड़ा था दम
7 जून रविवार को अग्रोहा मेडिकल में हांसी निवासी एक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत हुई थी। 42 वर्षीय व्यक्ति हांसी से एक दिन पहले शनिवार रात को अग्रोहा मेडिकल रेफर किया गया था। इस व्यक्ति को अग्रोहा के आइसोलेशन वार्ड के आईसीयू में दाखिल किया गया था। जहां सीबीनेट मशीन से कोरोना सैंपल का टेस्ट करवाया गया था जो पॉजिटिव आया था।
18 जून को दो की हुई थी मौत
अग्रोहा मेडिकल में बुधवार को दो कोरोना पॉजिटिव लोगों की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मृतकों में अग्रोहा कोविड हॉस्पिटल में भर्ती दो कोरोना संक्रमित मरीजों में 70 वर्षीय सेक्टर-14 निवासी व्यक्ति और 60 वर्षीय शाहदरा, पूर्वी दिल्ली निवासी एक महिला की मौत हो गई थी।
बाहर से आने वालों की कड़ी निगरानी
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के पीछे बाहर से आने वाले लोग हैं। इन लोगों की सही से ट्रेङ्क्षसग हो इसके लिए मंडल स्तर पर प्रशासन विशेष तैयारी कर रही है। इसके तहत सामुदायिक रूप से जानकारियां हासिल करने को विभिन्न क्षेत्रों में 150 से 200 घरों का क्लस्टर हब बनाने की तैयारी है। जिसके तहत आशा, आंगनबाड़ी, पटवारी, ग्राम सचिव आदि की जिम्मेदारी लगाई जाए। यह लोग इन क्षेत्रों में भेजे जाएं जिससे यह पता चल सके कि किसी को करोना जैसी समस्या तो नहीं है। कोई परिवार या व्यक्ति बाहर से तो नहीं आया, अगर आया है तो उसकी जांच कराई जाए। 200 घरों के कलस्टर रहेंगे तो समय से सर्विलांस करने में आसानी रहेगी। इस प्रक्रिया के तहत सर्विलांस पूरा होने पर लोगों को विश्वास रहेगा क वह संक्रमित नहीं है।
इस अभियान के तहत जो शुरुआती प्लान तैयार हुआ है उसमें जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाएगा। क्योंकि इन्हें अपने क्षेत्र और वहां से जुड़े परिवारों के बारे में अधिक जानकारी रहती है।
सर्विलांस में इन कार्यों पर देना होगा ध्यान
- उन 200 घरों में से अगर किसी घर में नवजात बच्चा है तो उसका इम्युनाइजेशन हुआ है या नहीं। इसकी जानकारी रखनी होगी।
- अगर कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो उसके बारे में जानकारी उपलब्ध कराना।
- बच्चों, गर्भवती महिला व बुजुर्गों की स्थिति क्या है, उनकी सूची तैयार की जाए।
- कैंसर, एडस, किडनी आदि गंभीर बीमारियों के मरीज हैं, क्या उन्हें दवाओं की सप्लाई हो रही है या नहीं।
- अगर कोई लक्षण वाला व्यक्ति या बाहर की हिस्ट्री वाला व्यक्ति पाया जाता है तो वहीं के पीएचसी व सीएचसी पर चैकअप कराया जाए।
क्लस्टर आधारित प्रबंधन सामुदायिक सर्विलांस में काफी मदद कर सकता है। इसके लिए उपायुक्तो को निर्देशित किया गया है। यह उन पर निर्भर होता कि वह किस प्रकार से इस प्लानिंग को धरातल पर रूप देते हैं। इस प्रक्रिया से लोगों का खुद पर विश्वास बढ़ेगा और वह सावधानी के साथ बाहर निकल पाएंगे।
विनय सिंह, मंडलायुक्त, हिसार