एचएयू विज्ञानी को मरणोपरांत दिया लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, रिटायरमेंट के बाद भी देते रहे सेवा
एचएयू से सेवानिवृत्त होने के 10 वर्ष बाद तक गांव-गांव किसानों को किया था जागरूक। कॉटन विज्ञानी रहने के दौरान कॉटन की 10 नई किस्में और कई रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किए
हिसार, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में कार्य कर चुके कॉटन विज्ञानी स्व. डा. प्रेम दत्त शर्मा को मरणोपरांत लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया है। यह पुरस्कार ओडिशा के भुवनेश्वर में कॉटन रिसर्च डिवलपमेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा ओडिशा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. प्रफुल्ल व उदयपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. नरेश राठौर की मौजूदगी में हिसार के सेक्टर- 13 निवासी डा. शर्मा के पुत्र विवेक शर्मा व बहु अनु शर्मा ने ग्रहण किया।
खास बात है कि स्व. डा. शर्मा ने कॉटन विज्ञानी रहने के दौरान 10 कॉटन की उन्नत किस्मों की खोज की थी। इसके साथ ही 2005 में एचएयू से रिटायर होने के बाद वह 10 वर्षाें तक किसानों को गांव-गांव जाकर कॉटन में बचाव और फायदों को लेकर जागरूक करते रहे। इनके इसी कार्य को देखते हुए डा. शर्मा के स्वर्गवास के दो साल बाद कॉटन रिसर्च डिवलपमेंट एसोसिएशन ने उन्हें इस अवार्ड से नवाजा है।
पंजाब में जन्मे डा. शर्मा 1969 में पहुंचे थे एचएयू
विज्ञानी डा. पीडी शर्मा का जन्म एक अक्टूबर 1945 को पंजाब के होशियारपुर जिले के गांव घागवाल में हुआ था। इन्होंने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से बीएससी एग्रीकल्चर व एंटोमोलॉजी डिपार्टमेंट से एमएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की। इसके बाद एचएयू को 1969 में ज्वाइन किया। यहां पर पढ़ाते हुए पीएचडी की पढ़ाई की। इसके साथ ही इन्होंने कई बड़े संस्थानों में अपना योगदान दिया। कॉटन विज्ञानी के रूप में कई बड़ी रिसर्च को आयाम तक पहुंचाया। एक इकॉनोमिक एंटोमोलॉजिस्ट के रूप में डा. शर्मा ने 76 रिसर्च पेपर, 260 टेक्निकल, चर्चित आर्टिकल, सेमिनार व दूसरे कार्यक्रमों में 42 रिसर्च पेपर सहित विभिन्न प्लेटफार्म पर अपना योगदान दिया।
वर्ष 2000 में मिला था नेशनल टीम अवार्ड
कॉटन के क्षेत्र में लंबे समय तक काम करने को लेकर डा. पीडी शर्मा को वर्ष 2000 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने नेशनल टीम अवार्ड से नवाजा। यह अवार्ड इन्हें कॉटन प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी में रिसर्च एवं डिवलपमेंट के लिए दिया गया। इसके साथ ही 12 प्रकार की सिफारिशें फसलों की पैकेजिंग प्रैक्टिस के क्षेत्र में दी गई हैं।