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बनियानी से निकला मनोहर बना हरियाणा का चौथा लाल, आइए जानें गांव की कहानी

अनुसूचित जाति बाहुल्य 6200 की आबादी के मनोहल लाल के बनियानी गांव में करीब 3700 वोटर हैं। एससी के बाद राजपूत पंजाबी और ब्राह्मण जाति तथा गिने-चुने परिवार ही जाट जाति से हैं।

By manoj kumarEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 11:17 AM (IST)
बनियानी से निकला मनोहर बना हरियाणा का चौथा लाल, आइए जानें गांव की कहानी
बनियानी से निकला मनोहर बना हरियाणा का चौथा लाल, आइए जानें गांव की कहानी

रोहतक [ओपी वशिष्‍ठ]  बनियानी। हरियाणा प्रदेश के सीएम मनोहर लाल का गांव। जिला मुख्यालय से मात्र 13 किलोमीटर दूर। 2014 तक राजनीतिक ही नहीं, विकास के मामले में भी पिछड़ा था यह गांव, अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस गांव की सुध ली है। स्थितियां बदलने लगी हैं। पंचायत भवन बन चुका है। स्कूल भवन निर्माणाधीन है तो कई प्रोजेक्ट पाइप लाइन में हैं।

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2014 के विधानसभा चुनाव में इस गांव से निकले मनोहर लाल ने न केवल राजनीति में पदार्पण किया , बल्कि एक ही झटके में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए। अनुसूचित जाति बाहुल्य 6200 की आबादी के इस गांव में करीब 3700 वोटर हैं। एससी के बाद राजपूत, पंजाबी और ब्राह्मण जाति तथा गिने-चुने परिवार ही जाट जाति से हैं। पूर्व में कांग्रेस समर्थित इस गांव में अब भाजपा समर्थित परिवार भी हैं।

ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय खेती और पशुपालन है। सेना में भी इस गांव का प्रतिनिधित्व रहा है। बरखत लाल विज के परिवार का गांव की पंचायत पर ज्यादा समय नेतृत्व रहा है। वर्तमान में तीसरी पीढ़ी की बहु रीमा विज गांव की सरपंच हैं। सरपंच के अलावा 17 पंचायत प्रतिनिधि हैं, जो मिलकर गांव के विकास को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को छोड़ दिया जाए तो इस गांव से कोई जिला स्तर का नेता भी नहीं निकला है।

रोहतक से भिवानी की तरफ चलते ही 10 किलोमीटर पर गांव डोभ आता है। डोभ गांव में ही बनियानी गांव की तरफ मुड़ते ही लाला बरकत लाल विज प्रवेश द्वार बना हुआ है,यहां से तीन किलोमीटर अप्रोच रोड पर गांव बनियानी है। गांव में पहुंचते ही दाहिने हाथ में श्मशानघाट और बस स्टैंड है। लेकिन दोनों की स्थिति बेहद खराब है। इसके आगे चलते ही तालाब है, जिसका पानी खराब होकर काला और हरा हो चुका है। थोड़ा आगे चलते ही गांव का राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल है, जहां पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पांचवीं कक्षा तक पढ़े हैं। आगे बढ़ते गए तो मुख्यमंत्री का पैतृक घर मिला, जिसका लोहे का गेट भाजपा के झंडे के रंग में रंगा हुआ था और ऊपर कमल के फूल का डिजाइन बना हुआ था। गेट के बाहर ताला लगा हुआ था क्योंकि इस घर में अब मुख्यमंत्री का परिवार नहीं रहता। लोहे के गेट के अंदर झांक कर देखा तो एक आटो रिक्शा खड़ी थी।

गांव की गलियां पक्की, लेकिन पेयजल और बिजली की किल्लत

बनियानी गांव की अधिकतर गलियां सीमेंटेड हैं लेकिन पीने के पानी की समस्या गंभीर है। गांव का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है। लेकिन सिंचाई और तालाबों की खराब स्थिति के कारण अब ग्रामीण इस व्यवसाय को घाटे का सौदा मानने लगे हैं। दो तालाब है, दोनों ही तालाब के घाट पूरी तरह से टूट चुके हैं। दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले संजय का कहना है कि पीने का पानी नहीं है। रोहतक में प्राइवेट नौकरी करने वाले राजीव शर्मा ने बताया कि बिजली भी दिन में मात्र दो घंटे ही आती है।  

ग्रामीणों का है आरओ प्राजेक्ट की दरकार

मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर लाल गांव में गए थे। ग्रामीणों ने स्वच्छ पानी की मांग रखी थी। सीएम ने वाटर वक्र्स पर दो आरओ लगाने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक गांव में आरओ नहीं लग पाया है। पब्लिक हेल्थ विभाग की सप्लाई से जो पानी ग्रामीणों को मिल रहा है, वो पीने योग्य नहीं है। महिलाओं को गांव के बाहरी क्षेत्र में सिर पर पीने का पानी लाना पड़ रहा है। काफी लोग तो कैंपर खरीदकर पानी पी रहे हैं। बिजली का काम करने वाले नरेश कुमार ने बताया कि सुकैम कंपनी ने गांव को गोद लिया था। लेकिन कुछ जगह पर सौर ऊर्जा के सिस्टम लगाकर इतिश्री कर दी। अब कंपनी के प्रतिनिधि गांव की तरफ मुंह तक नहीं करते हैं। गांव में कंपनी की तरफ से कोई काम ही नहीं किया। कंपनी ने सरकार की तरफ से वाहवाही लूटने के लिए गोद तो ले लिया। लेकिन विकास के लिए कुछ नहीं किया।

दानवीर और समाजसेवियों का रहा है गांव

गांव में प्रवेश करते ही गौरव पट लगा है। इस पट पर नजर दौड़ाई गई तो अधिकतर नाम दानवीर व समाजसेवियों के अंकित थे। एक राजनेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नाम सबसे ऊपर लिखा था। दूसरे नंबर पर लाला बरकत राम विज का नाम था, जो लगातार 15 साल गांव के सरपंच रहे। दो बार उनके बेटे और वर्तमान में पौत्रवधु गांव  की सरपंच हैं। इसके बाद कृष्ण लाल विज, जीवनदास मग्गु, सतपाल विज, ठाकुर रामचंद्र समाजसेवी, अशोक सिक्का, रामकुमार नाई, मुगनी  नंबरदार व देशराज निंदानिया के नाम गौरव पट पर हैं।

गांव वालों की राजनीति में नहीं कोई खास दिलचस्पी, वोटर भी कई पार्टियों के

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पड़ोसी हरिकिशन का कहना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर लाल गांव में केवल दो बार आए हैं। मनोहर लाल के पिता जब तक गांव में रहे तो उनकी देखभाल के लिए आते रहते थे। उनका परिवार में काफी आना-जाना रहता है। लेकिन अब तो सीएम से मुलाकात किए ही लंबा समय हो गया है। पांच एकड़ जमीन है, लेकिन सिंचाई की दिक्कत है। जमीनी पानी खराब हो गया, नहरी पानी पर ही आश्रित है। राजनीतिक बात की तो उन्होंने कहा कि यह गांव कांग्रेस समर्थित रहा है।

वर्तमान में विधायक कांग्रेस से शकुंतला खटक है और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा। मुख्यमंत्री गांव का बनने के बाद वोट को लेकर उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है। लेकिन अब मोदी के नाम पर भाजपा को वोट मिल सकती है। इसी तरह पड़ोसी राजकुमार के बेटे सुनील यादव बीएससी पास कर चुके हैं। दोपहरी में पशु को नहला रहे थे। नौकरी के बारे में बात की तो बोले, रोहतक में कोचिंग ले रहे हैं। अभी तक नौकरी नहीं मिली है। उधर, दुकानदार तिलकराज से बात की तो उन्होंने कहा कि गांव में गलियां बेहतर बनी है। मुख्यमंत्री गांव का होने के बाद फायदा हुआ है।

दो साल तक नहीं मिली ग्रांट, अब तेजी से हो रहा काम : विज

सरपंच रीमा देवी के पति बंसी विज का कहना है कि सरपंच बनने के बाद दो साल तक तो ग्रांट ही नहीं मिली। इसके बाद सरकार से ग्रांट मिली तो गांव में निर्माण कार्य शुरू किए। 60 फीसद गलियां पक्की बनाई जा चुकी हैं। 84 लाख रुपये की लागत से कम्युनिटी सेंटर भी तैयार हो चुका है। वाटर वक्र्स  में भी पहले से काफी सुधार किया गया है। ढाई करोड़ रुपये की ग्रांट मिली थी, जिसमें डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके अलावा अन्य स्कीम की ग्रांट भी खर्च की जा रही है। स्कूल के लिए भी अलग से छह करोड़ रुपये की ग्रांट है, पुराने भवन को तोड़ कर नया बनाया जा रहा है।

कम्यूनिटी सेंटर और स्कूल में चल रहा निर्माण

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दो साल पहले बनियानी गांव की गलियों को पक्का करने के लिए 50 लाख रुपए, पार्क के निर्माण के लिए सात लाख रुपए, बुड्ढा तालाब व गऊ घाट के जीर्णोद्धार के लिए 16 लाख रुपए, पंचायती जमीन का गांव के साथ लगती जमीन के साथ बदला करने पर 2 एकड़ में बनने वाली व्यायामशाला के लिए 24 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। इसी प्रकार कक्षा छठी से 12वीं तक लड़कियों के लिए अलग स्कूल बनाने व पेयजल आपूर्ति के लिए नहर पर ट्यूबवेल लगवाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गांव में गली निर्माण के दौरान कोई भी गली को ऊंचा न उठाया जाए, ताकि ग्रामीणों के मकान नीचे न हो पाएं और उन्हें कोई परेशानी न हो। उन्होंने गांव में सीवरेज की व्यवस्था पर कहा कि आगामी दिनों में इसके लिए करीब 8 से 10 करोड़ रुपए की योजना बनाई जाएगी। अब कम्युनिटी सेंटर बनकर लगभग तैयार हो चुका है। स्कूल में निर्माण चल रहा है।

पांचवीं तक बनियानी के स्कूल में पढ़े थे मनोहर  

इस गांव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल का परिवार 1956 में आकर बसा था। मनोहर लाल ने पांचवीं कक्षा तक गांव के ही स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद साथ लगते गांव भाली से 12वीं की पढ़ाई पूरी की।


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