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कोरोना में मिनी बसें एंबुलेंस में की थीं तब्दील, अब छात्राएं बसें शुरू करने के लिए डिपों के चक्कर काट रहीं

कोरोना की दूसरी लहर में रोडवेज की ओर से पांच मिनी बसें एंबुलेंस में तब्दील की गई थी लेकिन अभी तक यह बसें उसी हालत में है। अब छात्राओं को बसों की सुविधा नहीं मिल पा रही है जिस कारण छात्राएं हिसार डिपो के चक्कर लगा रही है। प्रत्येक रूटों की छात्राएं हर रोज रोडवेज अधिकारियों को अपनी शिकायत देती है। वह बसों में लटक-लटक कर सफर करने को मजबूर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:13 PM (IST)
कोरोना में मिनी बसें एंबुलेंस में की थीं तब्दील, अब छात्राएं बसें शुरू करने के लिए डिपों के चक्कर काट रहीं
कोरोना में मिनी बसें एंबुलेंस में की थीं तब्दील, अब छात्राएं बसें शुरू करने के लिए डिपों के चक्कर काट रहीं

जागरण संवाददाता, हिसार : कोरोना की दूसरी लहर में रोडवेज की ओर से पांच मिनी बसें एंबुलेंस में तब्दील की गई थी, लेकिन अभी तक यह बसें उसी हालत में है। अब छात्राओं को बसों की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिस कारण छात्राएं हिसार डिपो के चक्कर लगा रही है। प्रत्येक रूटों की छात्राएं हर रोज रोडवेज अधिकारियों को अपनी शिकायत देती है। वह बसों में लटक-लटक कर सफर करने को मजबूर हैं। ऐसे में हादसा होने का भी डर रहता है। हिसार डिपो में कुल 7 मिनी बसें है। इनमें से पांच बसें एंबुलेंस में बनी है और दो बसों का फ्लाइंग व अन्य कामों में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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रोडवेज पहले इन मिनी बसों को स्पेशल छात्राओं के लिए ग्रामीण रूटों पर चलाता था। यह बसें सुबह व शाम दोनों समय चलती थी, ताकि छात्राओं को आवागमन में परेशानी ना हों। जब अप्रैल माह में कोरोना के केस बढ़ते देख सरकार ने प्रदेश के सभी डिपों को पांच-पांच मिनी बसों को एंबुलेंस में तब्दील करने के आदेश दिए थे, क्योंकि कोरोना मरीजों को लाने-ले-जाने में स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस की काफी कमी थी। जून माह में कोरोना केसों से राहत मिल गई थी। उसके बाद से यह बसें डिपों में खड़ी धूल फांक रही है।

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बसों में चढ़ने से करते है मना

छात्राओं की यह शिकायत है कि निजी बस चालक उनको बसों में भी चढ़ने से मना करते है और पास भी नहीं मानते है। कहते है कि अगर बस में जाना है तो किराया लगेगा। कुछ छात्राएं किराय देकर चली जाती है और कुछ सरकारी बसों का इंतजार करती है।

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वर्जन

हमारे पास सरकार से इन मिनी बसों को शुरू करने के आदेश नहीं है। अगर केस बढ़े तो बार-बार सीटें बदलना भी मुश्किल होता है। छात्राओं की शिकायत आती है। रूट बनाएं जा रहे है। आदेश आने वाले है। जल्द ही बसों को शुरू किया जाएगा।

राहुल मित्तल, महाप्रबंधक, हिसार डिपो।

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रिसीट के नाम पर छात्र-छात्रओं को बसों से वंचित न करे रोडवेज अधिकारी : राजपाल नैन

रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश प्रभारी राजपाल नैन ने ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को बसें न मिलने की परेशानी पर चिता जताते हुए रोडवेज प्रशासन से पर्याप्त मात्रा में बसें उपलब्ध करवाने की मांग की है। उन्होंने डिपो अधिकारी पर आरोप लगाया कि रिसीट कम आने के गलत आंकड़े पेश करके उच्चाधिकारियों को गुमराह कर छात्र-छात्राओं को बस सुविधा से वंचित कर रहे हैं। जो निदनीय है। निदेशालय ने भी छात्राओं की मांग पर बसों के संचालन के निर्देश भी दे दिए हैं। राजपाल नैन ने कहा कि परिवहन विभाग के राष्ट्रीयकरण के समय तय किया गया था कि यह सेवा जनता की सुविधा के लिए होगी। डिपो की वर्कशॉप में अनेक बसें खड़ी है और छात्राओं के लिए आई स्पेशल बसें भी खड़ी धूल फांक रही है।


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