नैनो फोटोनिक्स से कोविड वायरस का होगा निदान : प्रो. बीबी तिवारी
लेजर और डिटेक्टर टेक्नोलॉजी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान संदर्भ में यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है। समाज कल्याण में प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा क्षेत्र है। एफडीडीटी सॉफ्टवेयर ऑनलाइन मोड का उपयोग कर फोटोनिक सेंसर पर एक व्याख्यान दिया गया।
जागरण संवाददाता, हिसार : वर्तमान जमाना इंटरनेट का है। इसके लिए फाइबर ऑप्टिक्स जरूरी है। हम सभी वर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिए काम कर रहे हैं। नैनो फोटोनिक्स ने कोविड सहित अन्य वायरस के लिए वास्तविक समय व प्रारंभिक निदान के लिए रास्ता दिया है। यह बातें पूर्वाचल विश्वविद्यालय जौनपुर के प्रोफेसर प्रो. बीबी तिवारी ने कही। वह गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के भौतिकी विभाग के सौजन्य से रिसेंट एडवांसिस इन फोटोनिक्स एंड कम्युनिकेशन विषय पर आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में नित्य नए-नए शोध हो रहे हैं। फोटोनिक्स एंड कम्युनिकेशन का वर्तमान में विशेष महत्व है। इंजीनियरिग के छात्रों के लिए यह उपयोगी क्षेत्र है। यूटीएम के डा. एसके घोषल ने दृष्टि से लेकर संवेदना तक के जीवन पर प्रकाश डाला।
आइआइएससी बेंगलुरु के डा. गोपाल हेगड़े व आइआइटी रुड़की के डा. विपुल रस्तोगी ने नैनो-फोटोनिक्स और फाइबर ऑप्टिक्स पर विस्तृत जानकारी दी। आइईईई यूएसए के नरेश चंद ने खुशी और आत्म-सशक्तीकरण की कला एवं विज्ञान पर चर्चा की। लेजर और डिटेक्टर टेक्नोलॉजी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान संदर्भ में यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है। समाज कल्याण में प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा क्षेत्र है। एफडीडीटी सॉफ्टवेयर ऑनलाइन मोड का उपयोग कर फोटोनिक सेंसर पर एक व्याख्यान दिया गया।
अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. सुजाता गांधी ने कहा कि फोटोनिक्स का जब से निर्माण हुआ है तब से हमारे विभाग के अग्रणी क्षेत्रों में से एक है। समन्वयक प्रो. देवेंद्र मोहन ने कहा कि फोटोनिक्स एक उभरता हुआ क्षेत्र है। जीवन के हर क्षेत्र में फोटोनिक्स का उपयोग किया जा रहा है। यह वर्ष फोटोन को समर्पित है। हम समाज के लिए रोबोटिक्स और सेंसर के युग में प्रवेश कर रहे हैं। 14 सत्रों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।