कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है सांप, घटते वन क्षेत्र से जीवन चक्र हो रहा प्रभावित
घटते वन क्षेत्र से वन्य जीवों का जीवन चक्र भी प्रभावित हो रहा। वन्य जीव प्रेमी लोगों से इनके संरक्षण की अपील कर रहे हैं। कई वाहन चालकों की लापरवाही से सांप नेवला गिलहरी सहित कई जीवों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। रिहायशी क्षेत्र के लगातार हो रहे फैलाव और घटते वन एरिया से वन्य जीवों की जान पर बन आई है। अब चूंकि बारिश का दौर शुरू हो रहा है ऐसे में विभिन्न तरह के जीव सड़कों पर वाहनों से कुचले जा रहे हैं। रोजाना ऐसे जीव मृत मिल रहे हैं। ऐसे में वन्य जीव प्रेमियों की ओर से लोगों से अपील की जा रही है की वे इन जीवों को बचाने के लिए आगे आए और जहां तक हो सके प्रकृति के जीवन चक्र को प्रभावित न होने दें।
दरअसल, झज्जर जिले में वन क्षेत्र पहले से ही कम है। अगर दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ की बात करें तो यहां पर रिहायशी क्षेत्रों का वैध-अवैध रूप से लगातार विस्तार हो रहा है। इसके साथ ही कई नई सड़कें भी बन रही है। ऐसे में यहां पर वन क्षेत्र लगातार कम हो रहा है। ऊपर से औद्योगिक एरिया भी लगातार बढ़ रहा है। इसी कारण एक तरफ प्रदूषण बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ वन्यजीवों के लिए भी समस्याएं खड़ी हो रही हैं। अब बरसात का मौसम शुरू होते हैं वन्य जीवों के लिए ज्यादा ही समस्या आ रही है। खेतों में पानी जमा होने से बहादुरगढ़ के तमाम मार्गो पर इन दिनों सांप और दूसरे जीव वाहनों की चपेट में आ रहे हैं। यह देख जीव प्रेमियों को अत्यधिक पीड़ा हो रही है।
हजारों सांपों की बचा चुके है जान
बहादुरगढ़ के मांडौठी गांव के सोनू दलाल वन्य जीव संरक्षक हैं और अब तक हजारों सांपों को बचा चुके हैं। वे कहते हैं प्रकृति ने जो भी जीव पैदा किए हैं वे जीवन चक्र को जारी रखने के लिए बनाए हैं। इसलिए जहां तक हो सके हमें इन जीवों को बचाए रखना चाहिए। कई बार वाहन चालकों की लापरवाही की वजह से भी ऐसे जीव मौत का शिकार हो जाते हैं। सड़कों पर गिलहरी, नेवला, सांप, गिरगिट और दुसरे जीव मृत मिल रहे हैं। जबकि इस तरह के तमाम जीवों से कहीं ना कहीं इंसान को फायदा होता है ।
कृषि के लिए फायदेमंद होते है सांप
अगर सांपों की बात की जाए तो कुछ प्रजातियों को छोड़कर बाकी सब जहरीले भी नहीं होते हैं। वे कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद होते हैं। क्योंकि वे चूहों की संख्या बढ़ने से रोकते हैं। जबकि यह स्पष्ट है कि हर साल कृषि क्षेत्र को चूहे बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। यदि चूहों की संख्या नियंत्रण में न हो तो वे कृषि के बड़े हिस्से को वे चट कर जाते हैं। इसी तरह दूसरे जीव की अपनी भूमिका निभाते हैं । वन क्षेत्र घटने के कारण दूसरे पक्षी भी इस एरिया की तरफ रुख नहीं करते हैं। झज्जर जिले में जहां पर भी छोटे छोटे वन है वे लगातार कम हो रहे हैं । इसके लिए सरकार को भी प्रभावी कदम उठाना चाहिए।