जानें हरियाणा में पौष-माघ महीेने में सावन की तरह क्यों हो रही बारिश, आगे कैसा रहेगा मौसम
हरियाणा राज्य में 21 जनवरी देर रात्रि व आज 22 जनवरी को उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्रों में तेज हवा के साथ कहीं हल्की व कहीं मध्यम बारिश दर्ज की गई। इस पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 23 जनवरी तक बने रहने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, हिसार। पिछले छह से सात महीनों से हरियाणा की आबोहवा में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। कभी बारिश इतनी होती है कि पिछले रिकार्ड तोड़ देती है तो कभी सर्दी रिकार्ड तोड़ देती है। सर्दी में भी लगातार सूर्य न निकलना और बारिश आना सर्दी को और बढ़ा रहा है। इसके पीछ पश्चिमी विक्षोभ एक बड़ी वजह हैं। दरअसल 2021 से अभी तक इस बार सर्वाधिक पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। इसके साथ ही यह प्रदेश पर सक्रिय भी हुए हुए हैं जिससे पिछले दिनों अतिवृष्टि भी हुई।
अब यही पश्चिमी विक्षोभ जनवरी में भी अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं। आमतौर पर तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आते हैं। मगर यह गारंटी नहीं कि वह सक्रिय भी होंगे। इस बार पश्चिमी विक्षोभ अधिक आ रहे हैं और सक्रियता के साथ मौसम को भी परिवर्तित कर रहे हैं। इसके साथ ही साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से भी मौसम प्रभावित हो रहा है।
आगे इस प्रकार का रहेगा मौसम
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव तथा राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से हरियाणा राज्य में 21 जनवरी देर रात्रि व आज 22 जनवरी को उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्रों में तेज हवा के साथ कहीं हल्की व कहीं मध्यम बारिश दर्ज की गई। इस पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 23 जनवरी तक बने रहने की संभावना है। जिससे राज्य के उत्तर पश्चिमी तथा दक्षिण क्षेत्रों में हवायों के साथ कहीं कहीं बूंदाबांदी व हल्की बारिश की संभावना है। मगर 24 जनवरी को उतरी हरियाणा के कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी व अन्य क्षेत्रों में आंशिक बादलवाई रहने की संभावना है। प्राय इस बार देखा गया है कि हरियाणा में सर्वाधिक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए। पिछले छह माह में पश्चिमी विक्षोभ आने से मौसम में काफी परिवर्तन देखा गया। पहले तो बारिश ने रिकार्ड तोड़, फिर सर्दी भी चरम पर है।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात मैदानी क्षेत्रों में बारिश तो पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। यह ईरान ईराक अफगानिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश करते हैं। हर माह में पश्चिमी विक्षोभ तीन से चार आते हैं।
क्या होता है साइक्लोनिक सर्कुलेशन
जब भी पश्चिमी विक्षोभ गुजरता है तब हवाओं के एक चक्रवात बन जाता है जिसे साइक्लोनिक सर्कुलेशन कहते हैं। यह सर्कुलेशन हवा व नमी का मिश्रण होता है जो आगे जाकर बारिश करने का काम करता है।