यहां ऐसा क्या हुआ कि 15 फीट गहरा गड्ढा खोद दबाने पड़े बैंगन के पौधे, आप भी संभल जाइए
हरियाणा के फतेहाबाद में किसानों को अपने बैंगन के पौधे 15 फीट गहरा गड्ढा करके उसके नीचे दबाने पड़े। जानें क्या है इसके पीछे कारण और यह कितना घातक हो सकते थे आपके लिए।
फतेहाबाद [राजेश भादू]। जिस बैंगन की सब्जी आपके घर में आमतौर पर बनती रहती है, हरियाणा के फतेहाबाद जिले में उसी बैंगन की सब्जी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सुनने में भले ही अजीब लगे मगर बात सौ फीसदी सच है। दरअसल बैंगन की एक अनाधिकृत किस्म से सेहत को लेकर खतरा है और इसकी खेती किसान कर रहा था। इस किस्म का नाम बीटी बैंगन है और इससे शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंच सकते हैं।
फतेहाबाद जिले में बीटी बैंगन की खेती करने वाले किसान जीवन सिंह पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने फसल को उखड़वा दिया है। खतरनाक बीटी का प्रकोप ज्यादा न फैले इसलिए उखाड़ी गई फसल करीब 15 फीट गहरे गड्ढे में दबा दी है। मगर खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि फसल को उखाड़ने से पहले ही किसान ने बैंगन की सब्जी को मार्केट में सप्लाई कर दिया है। चार कैनाल में करीब 18 क्विंटल फसल हुई है। यह सब्जी आपके घर में भी पहुंच सकती है। ऐसे में आप भी संभल जाइए।
बता दें कि बीटी बैंगन की खेती करने वालों के खिलाफ दो महीने पहले कृषि विभाग व बागवानी विभाग के डायरेक्टर को शिकायत रोहतक निवासी राजेंद्र चौधरी ने की थी। अब जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बीटी बैंगन की फसल को शुक्रवार को उखड़वा दिया। इस दौरान नोडल एवं नायब तहसीलदार अधिकारी गोपीचंद, कृषि विभाग के एसडीओ भीम सिंह व पटवारी मदन मौजूद रहे। बीटी बैैंगन की खेती पर भारत में रोक लगाई। उसके बाद भी रतिया के निकटवर्ती गांव नथवान के एक किसान ने चार कनाल में बीटी बैंगन लगाया हुआ था।
हो सकता है कैंसर, वायरस फैलने तक की आ सकती है नौबत
एचएयू कृषि विशेषज्ञ एसके सेठी ने बताया किसी भी संशोधित किस्म के उत्पादन के लिए पहले भारत सरकार की कमेटी और फिर राज्य सरकार स्वीकृति लेनी होती है। बीटी बैंगन को यह स्वीकृति नहीं है। अभी यह केवल बिना खाए जाने वाली किस्म के लिए स्वीकृत है। बीटी बैंगन की सब्जी खाने से कैंसर, किडनी फेलीयर तक हो सकता है। वहीं पौधों को इसलिए दबाया गया है ताकि किसी तरह का वायरस हो तो वह नुकसान न पहुंचाए। किसान की बेची गई बीटी बैंगन की सब्जी को खाने से नुकसान हो सकता है, इसलिए लोग सजगता बरतें।
सैंपल पास होने के बाद की कार्रवाई
शिकायत के बाद बीटी बैंगन का सैंपल लेने के लिए रतिया में चंडीगढ़ से बागवानी विभाग की टीम आई थी। टीम ने बीटी बैंगन के सैंपल लिए। जिसकी जांच मुख्यालय पंचकुला में हुई। जांच रिपोर्ट में बीटी बैंगन की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को उपायुक्त द्वारा बनाए गए नोडल अधिकारी नायब तहसीलदार गोपीचंद की देखरेख में बीटी की फसल उखाड़ दी गई। इस मौके पर कृषि एवं बागवानी विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
उत्पादन अधिक पर किसान करते है बीटी फसलों की खेती
देश में खाद्यान में शामिल फसलों की खेती करते समय बीटी बीज का प्रयोग नहीं किया जा सकता। भारत में खाद्यान फसलों में बीटी की रोक है। बैंगन के अलावा टमाटर सहित अन्य फसलों पर रोक लगाई हुई है। उसके बाद भी किसान अधिक उत्पादन लेने के चक्कर में बीटी खाद्यान फसलों की खेती करते है। जो कानून गलत है। बीटी फसल में भारत में मुख्यत कपास बोई जाती है।
फसल को उखाड़ने से पहले ही बेच दी मार्केट में
गांव नथवान के किसान ने छह महीने पहले बैंगन की खेती की थी। प्रशासन के अधिकारियों को उसने बताया कि वह बैंगन की पौध डबवाली से लेकर आया था। किसान ने माना कि उसे जानकारी नहीं थी कि जो पौध खरीदकर लाया हैं, वह बीटी बैंगन के है। बीटी फसल को पिछले दो महीनों से बैंगन लग रहे थे। जो किसान ने रतिया के अलावा फतेहाबाद की मंडी में बेच दिए। ऐसे में अब खतरनाक बीटी बैंगन का सेवन करने से बीमारी फैलने का प्रकोप बढ़ गया है।
15 फीट गहरे गड्ढे में दबाया है
नोडल अधिकारी एवं नायब तहसीलदार गोपीचंद ने कहा कि दो दिन पूर्व चंडीगढ़ से आई टीम ने बैंगन की फसल के सैंपल लिए थे। अब सैंपल रिपोर्ट में सामने आया कि नथवान के जिस किसान ने बैंगन लगाए हुए थे वो बीटी बैंगन है। ऐसे में हमने किसान की फसल को उखाड़वाते हुए नष्ट करवा दी। बीटी बैंगन की फसल को उखाड़कर करीब 15 फीट गहरे गड्ढ़े में दबाया गया है।
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