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Kisan Andolan News: आंदोलन को पूरे होने जा रहे 11 महीने, हर किसी के मन में सवाल कब खुलेंगे बार्डर

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा आंदोलन अब 11 माह पूरे करने जा रहा है। ठीक दो दिन बाद यह आंदोलन 12वें महीने में प्रवेश कर जाएगा। अब जो हालात दिखाई दे रहे हैं उसमें यह आंदोलन एक साल भी पूरा कर ही लेगा

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 08:21 AM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 08:21 AM (IST)
Kisan Andolan News: आंदोलन को पूरे होने जा रहे 11 महीने, हर किसी के मन में सवाल कब खुलेंगे बार्डर
27 अक्‍टूबर को किसान आंदोलन के 11 महीने पूरे होने जा रहे हैं, बार्डर के पास लोग परेशान हैं

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा आंदोलन अब 11 माह पूरे करने जा रहा है। ठीक दो दिन बाद यह आंदोलन 12वें महीने में प्रवेश कर जाएगा। अब जो हालात दिखाई दे रहे हैं उसमें यह आंदोलन एक साल भी पूरा कर ही लेगा, क्योंकि न तो आंदोलनकारी अपनी जिद छोड़ रहे हैं और न ही सरकार की तरफ से कोई बातचीत की पेशकश की जा रही है।

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ऐसे में स्वाभाविक है कि आंदोलन अभी जल्दी से खत्म भी नहीं होगा, लेकिन इस स्थिति में हर किसी के मन में यह सवाल भी है कि आखिर दिल्ली बार्डर की सड़कें कब तक ऐसे ही बंद रहेंगी। इधर, आंदोलन खत्म न होने की सूरत में बहादुरगढ़ के जो उद्यमी, व्यापारी और आम लोग टीकरी बार्डर से रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं उन्हें भी कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है। सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई दिसंबर तक टल गई है।

हाल ही में बहादुरगढ़ के उद्यमियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उस पर सुनवाई की अगली तारीख 15 नवंबर तय हो रखी है। जाहिर है कि तब तक तो आंदोलन अपना एक साल पूरा करने के नजदीक पहुंच जाएगा। उसके बाद भी बार्डर खुल जाए, यह तय नहीं है, क्योंकि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह साफ कर दिया था कि आंदोलन का सभी को अधिकार है, लेकिन सड़कों को अनिश्चिततकाल तक बंद नहीं रखा जा सकता। इसका आंदोलनकारियों पर कोई असर नहीं हुआ।

विगत में हरियाणा सरकार की तरफ से भी हाई पावर कमेटी गठित की गई लेकिन उस कमेटी से किसी तरह की बातचीत आंदोलनकारियों ने नहीं की थी।। ऐसे में रास्ते नहीं खुल पाए। बहादुरगढ़ के उद्यमियों को आशा थी कि यदि कुंडली बार्डर से दिल्ली का रास्ता खुल जाए तो फिर टीकरी बार्डर से भी रास्ता खुलना आसान हो जाएगा। मगर अभी तो इन दोनों बार्डरों से रास्ता खुलने की संभावना नहीं बन रही है। इस स्थिति में दिल्ली से सटा औद्योगिक शहर बहादुरगढ़ हर दिन नुकसान झेल रहा है। अब त्योहार चल रहे हैं तो यह नुकसान बढ़ रहा है।


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