पहले कर्फ्यू फिर बर्फबारी ने रोकी राह, कश्मीरी छात्राओं ने तीन दिन अभ्यास कर जड़े चौके-छक्के
कश्मीर में सब कुछ बंद होने के कारण माता-पिता को टूर से थी आपत्ति कोच ने घर-घर जाकर समझाया। इंटरनेट बंद होने से ट्रेन की टिकट नहीं हुई तो हजार किलोमीटर से ज्यादा बस से किया सफर
हिसार, जेएनएन। लक्ष्य पाने का निश्चय दृड़ हो तो विकट हालात भी राह का रोड़ा नहीं बन सकते हैं। ऐसा ही साबित कर दिखाया है कश्मीरी छात्राओं ने। जिन्होंने महज तीन दिन अभ्यास कर क्रिकेट मैच में जीत हासिल की। खेल के हिसाब से ये जीत भले ही देश की सबसे बड़ी जीत नहीं थी, मगर जुनून के मुताबिक इसका कोई जवाब ही नहीं था।
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही कश्मीर में सभी सेवाएं बंद होने और समय में पहले की बर्फबारी ने कश्मीर के विभिन्न कालेजों में क्रिकेट मैच की बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली छात्राओं के कदम रोक दिए थे। मगर इन सब चुनौतियों को कश्मीर विश्वविद्यालय की 16 छात्राओं ने मात देते हुए खेल में सर्वोच्च प्रदर्शन कर साबित कर दिया कि वह किसी भी परिस्थिति को झेलकर आगे बढ़ सकती हैं। जबकि खिलाड़ी एक दूसरे को जानती तक नहीं थी। अभ्यास के दौरान मिलीं और एकजुट हो गई।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने हिसार में नॉर्थ जोन की इंटरयूनिवर्सिटी क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित की। जिसमें कश्मीर विश्वविद्यालय को भी आमंत्रित किया गया। कश्मीर विवि की छात्राओं के खेल के लिए इस प्रतियोगिता में शामिल होना जरूरी था। ऐसे में छात्राओं और उनके कोच ने एक-दो नहीं बल्कि कई बाधाओं को पार कर हिसार तक का सफर तय किया है। जीजेयू के स्टेडियम में इन छात्राओं का मुकाबला कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ हुआ। जहां कश्मीरी छात्राओं ने हर किसी को हैरान कर दिया। इन छात्राओं की गेंदबाजी और बल्लेबाजी के सामने कुरुक्षेत्र की टीम कमजोर दिखाई दी।
बर्फबारी की वजह से नहीं कर पाईं प्रैक्टिस
कश्मीर टीम की खिलाड़ी बताती हैं कि अक्सर वह मैच की प्रैक्टिस कर लिया करती थीं, मगर अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बाहर निकलना भी कम कर दिया। ऐसे में प्रैक्टिस नहीं हो सकी। सोचा नवंबर से पहले तैयारी कर लेंगे तो इस बार बर्फबारी भी नवंबर से पहले हो गई, जिसके कारण हम मैच की प्रैक्टिस नहीं कर सके। कोच शकीना बताती हैं कि उन्हें सिर्फ तीन दिन का ट्रायल के लिए समय मिला, इसी में तैयारी की। टीम में कैप्टन इरफाना, वाइस कैप्टन लाली जान, विकेट कीपर सवा मेहराज, उमत उल मिया, मरियम हसन, ईसा जावेद, निज्मा बशीर, इफात जान आदि खिलाड़ी उपस्थित रहे।
माता-पिता को कोच ने मनाया
कश्मीर की टीम कोच शकीना अख्तर बताती हैं कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद सब बंद है। मार्केट, दुकानें, इंटरनेट जैसी जरूरी सेवाएं भी प्रभावित हैं। ऐसे माहौल को देखते हुए नई खिलाडिय़ों के माता-पिता के अंदर डर था कि कहीं कुछ गलत न हो जाए। मगर छात्राएं प्रतिभाग करना चाहती थीं तो हमने इन छात्राओं के घर-घर जाकर माता-पिता को भरोसा जताया कि छात्राएं सुरक्षित रहेंगी।
ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं हुआ तो बस से किया हजार किलोमीटर का सफर
कश्मीर में इंटरनेट बंद होने के कारण इन खिलाडिय़ों का ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं हो सका। ऐसे में अब इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उनके पास सड़क मार्ग ही था। इसके लिए कई प्रकार की चेकिंग व कागजी कार्यवाही को पूरा करते हुए होकर गुजरना पड़ता। इन सभी प्रक्रियाओं को जल्दी से जल्दी पूरा किया फिर शनिवार तड़के श्रीनगर से एक बस के माध्यम से 16 घंटे से भी अधिक का समय तय करते हुए हिसार पहुंचे।