11 ईट-भट्ठों पर मारे छापे, नौ को दिया जाएगा बंद का नोटिस
नॉन एनसीआर क्षेत्र में होने के बावजूद एनजीटी की तरफ से ईट-भट्ठों में जिग जैग तकनीकी को लगाने के आदेश दिए थे। इसके तहत चिमनी को बदलना पड़ता है। इसमें सीढ़ी नुमा चिमनी बनाई जाती है
जागरण संवाददाता, हिसार : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर जिले में बिना जिग जैग तकनीक के चल रहे ईट-भट्ठों पर छापे मारे गए। बृहस्पतिवार को भी तीन गांवों में चल रहे 11 ईट-भट्ठों की जांच की गई। इसमें नौ भट्ठे प्रदूषण फैलाते हुए मिले। अब उनको बंद करने का नोटिस दिया जाएगा। जांच करने के लिए डीसी ने पिछले दिनों पर्यावरण विभाग, डीएफएससी और तहसीलदार की कमेटी का गठन किया जो यह कार्रवाई कर रही है। इसकी रिपोर्ट डीसी को भी सौंपी जाएगी जो एनजीटी को जाएगी। एनजीटी की तरफ पर्यावरण प्रदूषण होने के कारण सख्ती बरती जा रही है। नॉन एनसीआर क्षेत्र में होने के बावजूद एनजीटी की तरफ से ईट-भट्ठों में जिग जैग तकनीकी को लगाने के आदेश दिए थे।
इस आदेश के तहत चिमनी को बदलना पड़ता है। इसमें सीढ़ी नुमा चिमनी बनाई जाती है जिससे धुंआ बाहर निकलता है। इस तकनीक में धुएं में मौजूद खतरनाक कण हवा में नहीं आ पाते। एनजीटी के आदेश के बावजूद भट्ठा मालिकों की तरफ से इस तकनीक को अपनाया नहीं जा रहा था। इसके कारण पर्यावरण प्रदूषण ज्यादा हो रहा था। इस पर एनजीटी ने ऐसे भट्ठों को बंद करने के आदेश दिए थे। डीसी ने उस आदेश के बाद पर्यावरण विभाग, डीएफसी और तहसीलदार की कमेटी बनाई थी।
इन कमेटी ने बृहस्पतिवार को हरिता, मंगाली और लाडवा गांव के 11 भट्ठों पर जांच की। इसमें दो भट्ठे बंद मिले और और से धुआं निकल रहा था। विभाग की तरफ से जांच के बाद इसकी वीडियोग्राफी भी की गई है। अब पर्यावरण विभाग की तरफ से इन भट्ठा मालिकों को इसे बंद करने के नोटिस दिए जाएंगे। एनजीटी को जानी है रिपोर्ट सभी भट्ठों की जांच करने के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट डीसी को प्रस्तुत की जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट को एनजीटी में जमा करवाया जाएगा। इसमें कितने पर कार्रवाई हुई और कितने ने यह तकनीकी अपनाई इसका पूरा उल्लेख होगा।