झज्जर के सेवानिवृत फौजी को आरटीआई के जवाब का इंतजार, कारगिल के युद्ध में दी थी जवान ने सेवाएं
बॉर्डर पर दुश्मनों की गोली से नहीं घबराने वाले इस जवान को आज व्यवस्था की बेरुखी से बेचैनी हो रही है। जुलाई 2020 में इन्होंने पहली दफा गांव भदाना में करवाए गए विकास कार्य एवं अन्य गतिविधियों को लेकर एक आरटीआई लगाई थी। जिसका जवाब नहीं आया है
झज्जर, जेएनएन। झज्जर के गांव भदाना निवासी एवं सेवानिवृत फौजी जयभगवान 1999 में कारगिल की लड़ाई में द्रास क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बॉर्डर पर दुश्मनों की गोली से नहीं घबराने वाले इस जवान को आज व्यवस्था की बेरुखी से बेचैनी हो रही है। कारण कि पिछले साल जुलाई 2020 में इन्होंने पहली दफा गांव भदाना में करवाए गए विकास कार्य एवं अन्य गतिविधियों को लेकर अपनी ओर से एक आरटीआई लगाई थी।
जुलाई से दिसंबर तक का अरसा बीत जाने के बाद तक उन्हें माकूल जवाब नहीं मिल पाया है। जबकि, इस दरमियान में वे सीएम और पीएम के यहां भी अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं। व्यक्तिगत तौर पर भी उपायुक्त को इस संदर्भ में इन्होंने ज्ञापन सौंपा है। फौजी के मुताबिक उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि सरकार के स्तर पर बनाई गई व्यवस्था के साथ इस तरह से भी खिलवाड़ होगा।
आरटीआई में उठाए गए विषय :
- सन 2011 में बिजली घर वाली पंचायती जमीन की बैंक में एफडी हुई थी। चार करोड़ रूपये की इस एफडी को कितनी दफा तुड़वाया गया। निकाले गए रूपयों को कब, कहां और किन कार्यों के लिए खर्च किया गया।
- जय भगवान के मुताबिक हाई-मास्ट लाइट का कनैक्शन कटे काफी समय हो चुका है। कनैक्शन कटने के बाद भी वर्तमान पंचायत ने रिपेयर व नई लाइट खरीदने पर कितना पैसा खर्च किया।
- पुस्तकालय, खेल व जिम का सामान खरीदने पर लाखों रुपये खर्च किए गए। इसके रख-रखाव के लिए किसकी जिम्मेवारी है। सामान कहां से कितना और कब खरीदा गया। भुगतान किस तरह से किया गया।
- जेसीबी व हाईवा तथा ग्रीन बेल्ट के नाम पर कितनी राशि खर्च की गई। खरीदे गए सामान को चेक किया जाए। मेला मैदान व जोहड़ के नाम पर कितना खर्च हुआ और बिलों की जांच करवाई जाए।
- लोहे व आरसीसी के कितने बैंच खरीदे गए। जिनकी फिजिकल वैरीफिकेशन के साथ गिनती करवाई जाए। पशु मेले से मिलने वाले राजस्व को कितना खर्च किया गया।
- पार्क का रख-रखाव और मौजूदा समय में पार्क की स्थिति अच्छी नहीं होने का कौन जिम्मेवार है।
इस तरह से जवान बना प्रक्रिया का हिस्सा :
- आरटीआई अपील की तिथि : 14 जुलाई 2020
- पहली अपील : 27 अगस्त
- पहली अपील पर दो दफा हुई सुनवाई : दोनों दफा दूसरा पक्ष अनुपस्थित : तिथि 3 सितंबर तथा 16 सितंबर
- दूसरी अपील : 26 नवंबर
- सीएम विंडो पर डाली गई शिकायत : 4 दिसंबर
- प्रधानमंत्री के यहां भेजी गई शिकायत : 15 दिसंबर
- उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने की तिथि : 15 दिसंबर
प्रतिक्रिया
आरटीआई से जानकारी लेना संवैधानिक अधिकार है। एक फौजी होने के नाते मैने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि व्यवस्था के स्तर पर इस तरह का व्यवहार भी हो सकता है। लेकिन, इतना जरूर है कि जवाब लेने के लिए जहां पर भी अपील करनी पड़ेगी, जरूर करुंगा।
जय भगवान, सेवा निवृत फौजी, गांव भदाना, झज्जर