जजपा की रैली में तब्दील हुआ इनसो का स्थापना दिवस, बेकाबू भीड़ ने तोड़ी मेज-कुर्सियां
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में सोमवार क
जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में सोमवार को इनसो (इंडियन नेशनल स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन) का 17वां स्थापना दिवस नशा छोड़ो अभियान के रूप में मनाया गया। करीबन 2000 लोगों की क्षमता वाले इस ऑडिटोरियम में दोगुनी संख्या में युवा व जननायक जनता पार्टी (जजपा) के कार्यकर्ता पहुंचे। जिसके कारण इनसो का यह स्थापना दिवस समारोह जजपा की रैली में तब्दील हो गया। पूरे कार्यक्रम के दौरान अव्यवस्था बनी रही और अधिक भीड़ के कारण लोग स्टेज पर चढ़ गए। कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार समझाए जाने के बाद भी युवा स्टेज से नहीं उतरे। कार्यक्रम के अंत में पंजाबी सिगर द्वारा प्रस्तुति के दौरान युवा कुर्सियों पर चढ़ गए, तो कुछ स्टेज पर पहुंच गए। बेकाबू भीड़ को संभालने में कार्यकर्ताओं और इनसो और जजपा नेताओं ने खूब प्रयास किए, लेकिन स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका। हालात ये रहे कि बेकाबू भीड़ ने ऑडिटोरियम के ग्रीन रूम का दरवाजा, मेज और कुर्सिया तोड़ दी। कार्यक्रम में बेकाबू हुई भीड़ के बाद पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला भी कार्यक्रम को छोड़कर चले गए। हालांकि इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह अंत तक वहीं पर डटे रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में इनसो और जजपा के नेता और कार्यकर्ता पहुंचे थे। युवाओं से 6 लाख शपथ पत्र भरवाएगी इनसो
इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन एक साल के अंदर प्रदेश भर के 6 लाख युवाओं से नशा नहीं करने का शपथ पत्र भरवाएगी। प्रदेश का युवा अब जाग चुका है और उड़ता पंजाब की तरह दूध-दही के इस प्रदेश को उड़ता हरियाणा नहीं बनने देंगे। यह बात इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा नशे की आग में जल रहा है और प्रत्येक युवा का कर्तव्य है कि वह नशे की इस आग को आगे बढ़ने से रोकें। उन्होंने कहा कि नशा करना युवाओं का एक फैशन बन गया है, जिसे तुरंत रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नशे के खात्मे के लिए इनसो का प्रत्येक कार्यकर्ता गांव-गांव, गली-गली जाकर कार्य करेगा। संघीकरण के कारण संविधान खतरे में : दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों को संघ का ठिकाना बना दिया है और अब यहां संघ के एजेंडों पर काम होने लगा है। ऐसे में संघीकरण बड़ी चुनौती है। गाय, गीता, नदी और संस्कृत आदि सरकार के मुख्य एजेंडे हो गए हैं। इन एजेंडों में लगने वाले अरबों-खरबों रुपये यहां के टीचर्स की भर्तियों और विद्यार्थियों को सुविधाएं देने में लगने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है और एक साजिश के तहत प्रदेश के साढ़े चार सौ के करीब स्कूलों से विज्ञान की पढ़ाई न करवाने के आदेश हरियाणा सरकार ने दे दिए हैं, ताकि गांव का पढ़ने वाला गरीब बच्चा डाक्टर व इंजीनियर न बन सके। चौटाला ने कहा कि प्रदेश में जेजेपी की सरकार बनने पर कड़े कानून बना कर नशे को जड़मूल से खत्म किया जाएगा। चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा की भागीदारी 40 प्रतिशत सुनिश्चित की जाएगी। लड़कियों की पहली से पीएचडी तक की शिक्षा मुफ्त होगी और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को दाखिले में 10 फीसद बोनस अंकों का लाभ देंगे।