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हरियाणा के हिसार की निवेशक कंपनी ने 31 लाख लोगों को ठगा, ईडी ने चार्जशीट दायर की

हरियाणा के हिसार की एक निवेशक कंपनी ने लाखाें लाेगों को ठगी का शिकार बनाया। कंपनी ने लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने पचकूला की विशेष अदालत में आराेप पत्र दाखिल किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 11:21 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 08:30 AM (IST)
हरियाणा के हिसार की निवेशक कंपनी ने 31 लाख लोगों को ठगा, ईडी ने चार्जशीट दायर की
प्रवर्तन निदेशालय ने हिसार की निवेशक कंपनी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़/हिसार, जेएनएन। हरियाणा के हिसार की एक निवेशक कंपनी और उसके निदेशकों ने करीब 31 लाख निवेशकों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों राधेश्याम व बंसीलाल के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत पंचकूला की विशेष अदालत मे शिकायत दर्ज कराते हुए चार्जशीट दाखिल की है। यह कंपनी तेलंगाना में भी काम करती है। वहां उसके खिलाफ पहले से मुकदमा दर्ज हो चुका है।

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प्रवर्तन निदेशालय ने पंचकूला की विशेष अदालत में दायर की चार्जशीट

कंपनी और उसके निदेशकों पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए और धन दोगुना करने के साथ ही पोंजी तथा विभिन्न तरह की मार्केट स्कीम में पैसा लगाने के लिए प्रेरित करते हुए उनके साथ बड़े स्तर की धोखाधड़ी की है। कंपनी की ठगी का शिकार 31 लाख लोग हुए हैं, जो न केवल हरियाणा बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में रहते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल कोर्ट से 261.35 करोड़ की संपत्ति अटैच करने की अनुमति मांगी है, जो कि कंपनी व उसके निदेशकों के नाम है।

263 करोड़ रुपये से अधिक की संपति अटैच करने की मांगी अनुमति

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार राधेश्याम और बंसीलाल हरियाणा के हिसार में फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड तथा एफएमएलसी ग्लोबल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी चलाते हैं। इन कंपनियों के माध्यम से उन्होंने अपने एजेंटों के जरिये भोले-भाले लोगों को विभिन्न मार्केट स्कीम में उलझा लिया। कंपनी की ओर से विभिन्न पोंजी स्कीम का संचालन किया जा रहा था, जिसमें लोग फंस गए।

धन को पांच से आठ गुणा तक बढ़ोतरी के वापस करने का दिखाते थे सपना

प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में आरोप लगाया कि एमएलएम योजना एक पिरामिड संरचना की तरह काम करती है, जिसमें व्यक्तियों द्वारा वहन किए गए नुकसान के आधार पर अधिकतम लाभ देने का दावा किया जाता रहा है। हरियाणा पुलिस ने आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आरोपों के तहत विभिन्कोन थानों में मुकदमे दर्ज किए। बाद में ईडी ने अपनी जांच में पाया कि करीब 31 लाख निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की गई है। इन लोगों ने इन कंपनियों में अपना पैसा निवेश किया था, जो अब डूबता नजर आ रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार योजना के तहत शुरुआती निवेशकों को अधिक से अधिक नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रेरित किया जाता था। पुराने निवेशक जितने नए लोगों को इस स्कीम में जोड़ते थे, उसकी एवज में उन्हें अधिक से अधिक लाभ (उच्च रिटर्न) देने का भरोसा दिलाया जाता था। ईडी का मानना है कि जब किसी स्कीम में कुछ निवेशक भाग लेते हैं तो दूसरे स्वाभाविक तौर पर उसमें आकर्षित हो जाते हैं। इन कंपनियों में भी ऐसा ही हुआ।

कंपनी के निदेशकों ने दो साल में निवेश का पांच से आठ गुना तक रिटर्केन (वापसी) का भरोसा दिलाया था। इसके लिए कंपनी ने देश के विभिन्न हिस्सों में सेमिनारों का आयोजन किया तथा लोगों को आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ईडी के मुताबिक बंसीलाल वित्तीय घोटाले का मास्टर माइंड रहा। उसने निवेशकों से जमा की गई राशि को अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में डाल दिया और फिर बेईमानी से प्राप्त धन का उपयोग कर संपत्ति अर्जित की। निदेशकों का चंडीगढ़ में एक फ्लैट, दिल्ली में दो संपत्तियां, कुछ कृषि भूमि, बैंक खातों में शेष राशि और कुछ नकदी शामिल है, जिसे जब्त किया जाता है।

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