International Daughter Day: सोच के अंधेरे में उजाला भर रही है टोहाना की ज्योति, भारतीय सेना में कैप्टन पद पर हैं तैनात
टोहाना की ज्योति चौहान लखनऊ में भारतीय सेना में कैप्टन पद पर तैनात है। उनकी इस उपलब्धि पर ना केवल उनके माता-पिता बल्कि टोहाना वासियों को भी उस पर नाज है। साथ ही वह संदेश दे रही है कि बेटे-बेटियों कोई भेद नहीं है।
सतभूषण गोयल, टोहाना। वह टोहाना की बेटी हैं। पूरे समाज की लाडली हैं। समाज से आगे देश के लिए भी। उन पर देश को नाज है। उनका नाम है ज्योति चौहान। भारतीय सेना में कैप्टन पद पर प्रतिष्ठित ज्योति बेटे-बेटियों में विभेद करने वाले समाज की दकियानूसी सोच के अंधेरे में उजाला भर रही हैं। इस संदेश के साथ कि आइये, इस अंतरराष्ट्रीय दिवस विशेष पर जेंडर गैप को कम करने में भरपूर योगदान दें।
भारतीय सेना में कैप्टन के पद तैनात है ज्योति
खुद ज्योति का मानना है कि बेटियों को किसी भी क्षेत्र में कमतर नहीं आंका जा सकता। टोहाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के डीपीई व जिला स्काऊट प्रशिक्षण आयुक्त बलवान सिंह चौहान की 25 वर्षीय पुत्री ज्योति चौहान इन दिनों उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर देशसेवा में अपनी भूमिका अदा कर रही हैं। उनकी इस उपलब्धि पर ना केवल उनके माता-पिता बल्कि टोहाना वासियों को भी उस पर नाज है।
2014 में लेफ्टिनेंट पद की प्रवेश परीक्षा पास की थी
उल्लेखनीय है कि माडल केएम स्कूल की छात्रा ज्योति चौहान ने वर्ष 2014 में लेफ्टिनेंट पद की प्रवेश परीक्षा पास की थीं। वहीं जुलाई 2014 में लखनऊ में साक्षात्कार व मैडीकल के बाद वह प्रशिक्षण लेने के लिए मुंबई रवाना हो गई थीं। वहां चार वर्ष के प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2018 में उसे अंडमान-निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात किया गया। था। वहां वह अगस्त 2020 में कैप्टन के पद पर पदोन्नत हुई। ज्योति चौहान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विशाखापट्टनम में की थी। उसके बाद टोहाना के डीएवी स्कूल में चतुर्थ से आठवीं। जबकि नौवीं से दसवीं तक की पढ़ाई केएम सरस्वती स्कूल व बाद में बारहवीं कक्षा की पढ़ाई माडल केएम स्कूल टोहाना से की 88थी।
भारतीय नौसेना में पीटी ऑफिस के पद तैनात थे ज्योति के पिता
ज्योति चौहान के पिता बलवान चौहान भारतीय नौसेना में पीटी ऑफिस के पद पर 15 वर्ष कार्य करने के बाद टोहाना में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में डीपीई व स्काऊट मास्टर के पद पर कार्यरत रहे। वर्ष 2019 में वह गांव रत्ताखेड़ा के सरकारी स्कूल में कार्यरत हैं। जबकि उनकी माता कृष्णा देवी आंगनवाड़ी वर्कर के तौर पर सेवारत है। ज्योति चौहान को सेना में सेवाएं देने के संस्कार उन्हें उनके परिवारजनों से प्राप्त हुए। वहीं उनके पिता ने प्रेरणा दी कि महिलाएं भी इस क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे सकती हैं। ज्योति चौहान के पिता बलवान सिंह चौहान ने बेटियों को संदेश देते हुए कहा कि वह भी देश सेवा में कदम बढ़ाते हुए इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा आगे आये। उन्होंने कहा कि माता-पिता को भी बेटियों को आगे बढ़ाने में सहयोग देना चाहिये। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी एनडीए में जाने के लिए लड़कियों के लिए रास्ते खोल दिये है। जबकि पहले केवल लड़के ही एनडीए में जाते थे। उन्होंने कहा कि आज उनकी बेटी ज्योति चौहान भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात है, जिसके लिए उसे अपनी बेटी पर गर्व है।