रिश्वत केस मामला: इंस्पेक्टर सरोज और सब इंस्पेक्टर संतोष समेत नौ सस्पेंड मुलाजिम बहाल
विभाग ने नगर निगम चुनाव के मद्देनजर पुलिस कर्मचारियों की ज्यादा जरूरत होने को लेकर मुख्यालय को पत्र लिखा था। पत्र में सस्पेंड चल रहे मुलाजिमों को बहाल करने की मंजूरी मांगी थी।
जागरण संवाददाता, हिसार : पुलिस प्रशासन ने इंस्पेक्टर सरोज और सब इंस्पेक्टर संतोष समेत नौ पुलिस कर्मियों को बहाल कर दिया है। ये पुलिस कर्मचारी अलग-अलग मामलों के चलते सस्पेंड चल रहे थे। विभाग ने नगर निगम चुनाव को लेकर पुलिस कर्मियों की कमी को देखते हुए मुख्यालय से उनकी बहाली की अनुमति मांगी थी। पुलिस विभाग ने अलग-अलग मामलों के चलते नौ पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था।
इनमें इंस्पेक्टर सरोज, इएचसी सुरेंद्र कुमार, एसआइ संतोष, इएसआइ रणधीर सिंह तथा एएसआइ जयबीर सिंह, मुकेश, सज्जन, विकास और मनोज शामिल हैं। विभाग ने नगर निगम चुनाव के मद्देनजर पुलिस कर्मचारियों की ज्यादा जरूरत होने को लेकर मुख्यालय को पत्र लिखा था। पत्र में सस्पेंड चल रहे मुलाजिमों को बहाल करने की मंजूरी मांगी थी। विभाग से मंजूरी के बाद उनको बहाल कर दिया गया। विभाग ने इन कर्मचारियों से मतदान के दौरान ड्यूटी ली है।
मामलों की विभागीय जांच जारी रहेगी
पुलिस विभाग ने सस्पेंड नौ पुलिस कर्मियों को बहाल कर दिया है। इनमें दो महिला पुलिस अधिकारियों समेत चार पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था। उनके मामलों की विभागीय जांच जारी रहेगी। विभाग जांच पूरी होने के बाद फैसला करेगा। विभाग जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर परिणाम देगा।
इंस्पेक्टर पर रिश्वत लेने का केस बना था
विजिलेंस ने 29 अप्रैल को महिला थाना की तत्कालीन एसएचओ सरोज के ड्राइवर ईएचसी सुरेंद्र कुमार और मोरका गांव के योगेश को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। इस बारे में डाबड़ा चौक के एक होटल के मैनेजर राजेश कुमार ने विजिलेंस को शिकायत दी थी। सुरेंद्र और योगेश ने विजिलेंस को बयान देकर कहा था कि हमने एसएचओ के कहने पर रिश्वत ली है। हमारे हिस्से में तो पांच-पांच हजार रुपये आने थे। तब एसएचओ भूमिगत हो गई थी। उस मामले में तत्कालीन एसएचओ और सिरसा रोड की कालोनी की एक महिला की अग्रिम जमानत उच्च न्यायालय में मंजूर हो चुकी है। इसका मुकदमा अब यहां कोर्ट में विचाराधीन है। पुलिस ने इंस्पेक्टर और ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया था।
आरोपित महेंद्र को मिली उच्च न्यायालय से राहत
महिला थाने के रिश्वत प्रकरण के आरोपित उकलाना निवासी महेंद्र की अग्रिम जमानत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंजूर कर ली है। आरोपित केस दर्ज होने के बाद से भूमिगत था। विजिलेंस की टीम ने उसकी तलाश में कई जगह छापे मारे थे। मगर वह हाथ नहीं लगा था। उसने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
संतोष की रिश्वत लेते वायरल हुई थी वीडियो
छह महीने पहले सदर थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर संतोष देवी की रिश्वत लेती की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। वह वीडियो में 1200 रुपये की नकदी लेती दिखी थी। यह कह रही थी कि ये तो जूती-चप्पलों के रुपये हैं। वह उसी मामले में पहले नकदी लेने की बात भी कहती दिख रही थी। इस बारे में आर्यनगर गांव के विनोद कुमार ने पुलिस और विजिलेंस को शिकायत दी थी। उसने कहा था कि एक परिचित ने मेरी परचून की दुकान की चाबी ली थी। परिचित बाद में एक युवती दुकान में ले आया था और युवती ने परिचित के खिलाफ सदर थाना में दुष्कर्म की शिकायत दे दी थी। विनोद ने कहा था कि जांच अधिकारी संतोष ने उस मामले में फंसाने का दबाव बनाकर रिश्वत ली है। सदर थाना पुलिस ने एसआइ के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।