चाइनीज राखियों को टक्कर देंगी हिसार की महिलाओं द्वारा तैयार स्वदेशी राखियां
राखियां खरीदने को बाजार का रुख करते हैं तो उन्हें बाजार में चाइनीज राखियों की भरमार मिलती है। इन चाइनीज राखियों को टक्कर देने के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यलाय ने देसी रास्ता तैयार किया है। एचएयू की महिला विज्ञानी ग्रामीण महिलाअों व बेटियों को राखी बनाना सिखा रही हैं
जागरण संवाददाता, हिसार। रक्षाबंधन का त्योहार निकट हैं। ऐसे में लोग राखियां खरीदने को बाजार का रुख करते हैं तो उन्हें बाजार में चाइनीज राखियों की भरमार मिलती है। इन चाइनीज राखियों को टक्कर देने के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यलाय ने देसी रास्ता तैयार किया है। एचएयू की महिला विज्ञानी ग्रामीण महिलाअों व बेटियों को राखी बनाना सिखा रही हैं ताकि लोग बाजार में इस बार चीन की राखी न खरीदकर हिसार की ग्रामीण परिवेश से जुड़ी महिलाओं और बेटियों के द्वारा बनाई राखियां खरीदें। यह काम महिलाअों को सशक्त करने के साथ आर्थिक रूप से सबल बनाएगा। इसके लिए एचएयू के विज्ञानी बुड़ाक गांव में महिलाओं को राखी बनाना सिखा रहे हैं।
एचएयू के होम साइंस कालेज ने उठाया है यह बीड़ा
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय के विज्ञानियों द्वारा गांव बुड़ाक में कौशल विकास एवं पौधारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया। यहां पर ग्रामीण लड़कियों व महिलाओं को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया । कालेज के पारिवारिक संसाधन विभाग की डा. किरण सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय कृषि एवं विज्ञान कोष (आईसीएआर) की परियोजना के तहत यह इनीशिएटिव लिया जा रहा है। अगस्त माह में राखी का त्यौहार आने वाला है। ऐसे में महिलाओं को कम लागत में राखी बनाने का प्रशिक्षण बहुत ही कारगर साबित हो सकता है।
आने वाले समय में इस प्रकार के प्रशिक्षण की कर रहे तैयारी
विज्ञानी भविष्य में भी इसी प्रकार कौशल विकास कार्यक्रम के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। इस प्रशिक्षण के तहत महिलाओं को उत्पादों की मार्केटिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। महिलाओं को व्हाटशप, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल साइटस के माध्यम से मार्केटिंग करने के तरीकों से अवगत कराया गया।