वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जो आज तक नहीं हुआ उसके होने की अमित पंघाल से उम्मीद
अमित के बड़े भाई मुक्केबाज अजय पंघाल ने बताया कि वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अब तक भारत को गोल्ड मेडल नहीं मिला है। लेकिन अमित से इस बार इस चैंपियनशिप में गोल्ड की ही उम्मीद है
रोहतक, जेएनएन। रोहतक के अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर अमित पंघाल के पंच का दम अब वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दिखेगा। रूस में रविवार से शुरू हुई चैंपियनशिप 21 सितंबर तक चलेगी। मायना गांव निवासी अमित पंघाल इस साल से 52 किलोग्राम भार वर्ग में भाग ले रहे हैं।
अमित के बड़े भाई मुक्केबाज अजय पंघाल ने बताया कि वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अब तक भारत को गोल्ड मेडल नहीं मिला है। लेकिन अमित से इस बार इस चैंपियनशिप में गोल्ड की ही उम्मीद है। गोल्ड मेडल के लिए अमित ने विशेष तैयारी की हुई है। हालांकि अमित ने 2017 में भी वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भाग लिया था लेकिन मेडल से चूक गए थे। इस बार सोने पर उनकी निगाह है।
बता दें कि भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल ने 18वें एशियन गेम्स में भारत को 14वां गोल्ड मेडल दिलाया था। 49 किलोग्राम भारवर्ग के मुक्केबाजी फाइनल प्रतियोगिता में अमित का सामना रियो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट उजबेकिस्तान के हसनबॉय दुश्मातोव के साथ हुआ था।
अमित ने इससे पहले इस वर्ष गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में लाइट फ्लाइवेट मुक्केबाजी प्रतियोगिता में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था। इससे पहले पिछले वर्ष यानी 2017 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था।
अमित पंघाल का जन्म हरियाणा के रोहतक जिले के मायना में 16 अक्टूबर 1995 को हुआ था। अमित के पिता किसान हैं जबकि उनके बड़े भाई अजय भारतीय आर्मी में है। उन्होंने ही अमित को बॉक्सर बनने के लिए प्रेरित किया और वर्ष 2009 में अमित ने बॉक्सिंग ग्लप्स थाम लिया। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप प्रतियोगिता में अपने डेब्यू में ही अमित ने गोल्ड मेडल जीता।
वर्ष 2017 में एशियन एमैच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता और उन्होंने एआईबीए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई भी किया। इस प्रतियोगिता में वो क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे और यहां उन्हें ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट हसनबॉय दुश्मातोव के हाथों उजबेकिस्तान में हार झेलनी पड़ी।
2018 के फरवरी महीने में अमित ने सोफिया में आयोजित स्ट्रैंडझा कप में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं इसी वर्ष उन्होंने लाइट फ्लाइवेट कैटेगरी में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।