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संयुक्त किसान मोर्चा के फैसलों से हरियाणा के संगठनों में बढ़ रही है नाराजगी, बैठकों से कर रहे हैं किनारा

हरियाणा के किसान संगठनों में नाराजगी बढ़ रही है। पिछले दिनों मोर्चा की ओर से लिए गए कई फैसलों से आंदोलन में सक्रिय हरियाणा के इन संगठन में नाराजगी इतनी बढ़ी कि उन्होंने मोर्चा की बैठकों से दूरी ही बना ली है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 09:59 AM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 09:59 AM (IST)
संयुक्त किसान मोर्चा के फैसलों से हरियाणा के संगठनों में बढ़ रही है नाराजगी, बैठकों से कर रहे हैं किनारा
कई किसान संगठन पिछले सप्ताह हुई बैठक में शामिल नहीं हुए, आगे भी आसार कम हैं

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : संयुक्त किसान मोर्चा के फैसलों को लेकर हरियाणा के संगठनों में नाराजगी बढ़ रही है। पिछले दिनों मोर्चा की ओर से लिए गए कई फैसलों से आंदोलन में सक्रिय हरियाणा के इन संगठन में नाराजगी इतनी बढ़ी कि उन्होंने मोर्चा की बैठकों से दूरी ही बना ली है। पिछले सप्ताह हुई बैठक में जहां हरियाणा के कई संगठन शामिल नहीं हुए तो वहीं पंजाब की चार जत्थेबंदियों के खिलाफ मोर्चा की कार्रवाई को लेकर भाकियू (चढृूनी) के प्रमुख गुरनाम चढूनी भी बीच में ही बैठक का बहिष्कार करके बाहर आ गए थे। बाद में वे मोर्चा के फैसलों को लेकर मुखर भी हुए थे।

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उन्होंने संयुक्त मोर्चा में पंजाब के संगठनों द्वारा भेदभावपूर्ण और मनमानी पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था और तब तक बैठकों में शामिल न होने का ऐलान किया था, जब तक की भेदभाव और मनमानी पूर्ण रवैया नहीं बदला जाता। हालांकि उन्होंने संयुक्त मोर्चा के फैसलों पर अमल करने और आंदोलन में लगातार सक्रिय रहने की बात जरूर कही थी। दूसरी तरफ हरियाणा के जो संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में बढ़-चढ़कर भाग लेते रहे हैं, उनमें भी अब नाराजगी है। इसका कारण मनमानी और भेदभाव पूर्ण रवैया ही बताया जा रहा है। पिछले दिनों जब संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गुरनाम चढूनी को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया। तब भी यह मसला उठा था कि उसी तरह का कसूर जब योगेंद्र यादव ने भी किया था, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्याें नहीं हुई।

अकेले गुरनाम चढूनी काे ही निशाना क्यों बनाया गया। जबकि आंदोलन में कोई भी नेेेता न तो किसान हित से बड़ा है और न ही कोई एक दूसरे से छोटा है। हरियाणा के संगठनों की ओर से उठाई गई इन बातों पर संयुक्त मोर्चा ने कोई ध्यान नहीं दिया। इससे उनमें नाराजगी बढ़ना स्वाभाविक है। यही वजह रही कि पिछले सप्ताह सिंघु बार्डर पर हरियाणा से मोर्चा की बैठक में कई संगठन शामिल नहीं हुए थे। अब 13 अगस्त को फिर से मोर्चा की बैठक प्रस्तावित है। उसमें भी इन संगठनों के शामिल होने की कोई संभावना नहीं है। इस बीच टीकरी बार्डर पर बुधवार को हरियाणा के संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक बुला रखी है।


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