चार दशक में सेक्टरों का बढ़ा एरिया, कर्मचारी बचे सिर्फ पांच
इन कर्मचारियों के पास भी कोई मशीन या बड़ा औजार नहीं है जिससे वह सीवरेज की सफाई कर सके। विभाग की तरफ से इनको फट्टी ही मिलती हैं, जिससे वह सफाई का काम करते हैं।
हिसार, जेएनएन। सेक्टरों की सीवरेज सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। चार दशक पहले हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) का गठप किया गया। अर्बन एस्टेट को भी इसमें शामिल किया गया। उसके बाद लगातार सेक्टरों की संख्या बढ़ती गई, लेकिन सीवरेज साफ करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की बजाय कम होती चली गई। हालात यह है कि हिसार में सिर्फ पांच कर्मचारी बचे हुए हैं। एक कर्मचारी के हिस्से दो सेक्टर आते हैं।
इन कर्मचारियों के पास भी कोई मशीन या बड़ा औजार नहीं है जिससे वह सीवरेज की सफाई कर सके। विभाग की तरफ से इनको फट्टी ही मिलती हैं, जिससे वह सफाई का काम करते हैं। यदि बड़े स्तर पर सेक्टर में सफाई करवानी होती है तो प्राधिकरण को टेंडर लगाना पड़ता है। 1977 में अर्बन एस्टेट सेक्टर प्राधिकरण को दिया गया था। उस समय 12 कर्मचारियों की पोस्ट होती थी। उसके बाद सेक्टर 15 और 13 बसाए गए, लेकिन कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी। सीवरेज सिस्टम की बदहाली को सुधारने के लिए लगातार सेक्टर एसोसिएशन शिकायत कर रही है। मगर हालात नहीं सुधरे।
टेंडर पर निर्भर एचएसवीपी
सफाई कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण शुरू से ही एचएसवीपी टेंडर पर निर्भर है। लाखों रुपये के टेंडर आज भी सफाई करवाने के लिए लगाए हुए है, लेकिन कोई उनको लेने के लिए तैयार नहीं है। सीवरेज चौक होने की शिकायत पर कर्मचारी को फट्टी लेकर भेजा जाता है। यदि वह खुल जाता है तो ठीक नहीं तो मशीन से सफाई करवाई जाती है। बाक्स. एक मशीन के भरोसे पांच जिले एचएसवीपी के पास पांच जिलों हिसार के अलावा भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद और जींद पर एक मशीन हैं। हाइड्रोलिक सीवर क्लि¨नग मशीन 2002-03 में विभाग को मिली थी। इस मशीन के जरिए पानी का प्रेशर मार कर सीवरेज लाइन को खोला जाता हैं। हालांकि मशीन पुरानी होने के कारण खराब होती रहती है। इसके पार्ट्स दिल्ली में मिलने के कारण ठीक करने में कई दिन लग जाते हैं।
ये है सेक्टर
शहर के अर्बन एस्टेट, पीएलए, मेला ग्राउंड, सेक्टर-15, 13, 16-17, 9-11, 14 डेवलप सेक्टर है। इनके अलावा सेक्टर 1-4, 3-5, सेक्टर 14 पार्ट दो, सेक्टर 33 अभी डेवलप हो रहे हैं। इन सेक्टरों पर सिर्फ पांच कर्मचारी हैं। बाक्स. करीब चार किलोमीटर की लाइन एक सेक्टर में सीवरेज की करीब चार किलोमीटर की लंबी लाइन हैं। इन सेक्टरों में गलियों में लाइन बिछाने के साथ मुख्य लाइन भी बिछाई गई हैं। इन सेक्टरों की लाइनों को साफ करने के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं होने से इनमें गंदगी भरी है।