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दो दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में 423 विद्वानों ने शिक्षा, स्वास्थ्य व तकनीक पर किया मंथन

इंटरनेशनल काउंसिल फार एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेंनिग व फतेहचंद महिला महाविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ट्रांसफार्मेशन इन एजुकेशन लैंग्वेजिज सोशल साइंस व साइंस एंड टेक्नोलाजी विषय पर दो दिवसीय इंटरनेशनल वेब कान्फ्रेंस सम्पन्न हुई। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रो. डा. टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि रहे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:42 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:42 PM (IST)
दो दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में 423 विद्वानों ने शिक्षा, स्वास्थ्य व तकनीक पर किया मंथन
दो दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में 423 विद्वानों ने शिक्षा, स्वास्थ्य व तकनीक पर किया मंथन

जागरण संवाददाता, हिसार : इंटरनेशनल काउंसिल फार एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेंनिग व फतेहचंद महिला महाविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ट्रांसफार्मेशन इन एजुकेशन लैंग्वेजिज, सोशल साइंस व साइंस एंड टेक्नोलाजी विषय पर दो दिवसीय इंटरनेशनल वेब कान्फ्रेंस सम्पन्न हुई। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रो. डा. टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि रहे। आइसीईआरटी के चेयरमैन डा. एस. के. सिंहमार ने कान्फ्रेंस की अध्यक्षता की। एफसी कालेज की प्राचार्या डा. अनीता सहरावत राजकीय महाविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष लेफ्टिनेंट डा. स्नेहलता व बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक की एजुकेशन विभाग पैटर्न रहे। दो दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में सरोजनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट काउंसिल मलेशिया की एग्जीक्यूटिव मेंबर डा. नवनीत कौर, क्वींसलैंड ऑस्ट्रेलिया से कैप्टन गीतिका सिंह, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से डा. दिनेश चहल, सिगापुर से अश्विनी, सनफ्रांसिस्को केलिफोर्निया यूएसए से मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डा. जसबीर लोहान व रोहिलखंड मेडिकल कालेज के क्लिनिकल साइकोलाजिस्ट एवं सहायक प्रो. डा. पूनम मौजूद रही। एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फाइनेंस सिमरन मेहता व सीमा बब्बर ने कांफ्रेस का संचालन किया। कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार ने कहा कि वर्तमान दौर में शोध को बढ़ावा देने की जरूरत है। इस दिशा में आइसीइआरटी के प्रयास सराहनीय है। आइसीइआरटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन डा. जे. वाई रेड्डी ने बताया कि कान्फ्रेंस में भारत के अलावा फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, कीनिया, इथोपिया, थाईलैंड, इंग्लैंड, अमेरिका, सिगापुर, वियतनाम, बांग्लादेश, बर्मा व मारिशस से 423 शिक्षाविदों, चिकित्सकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य व तकनीक पर मंथन किया। 3 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें 96 रिसर्च स्कालर व प्रोफेसर्स ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। डा.अनीता गोस्वामी, डा. अरुणांचल व लेफ्टिनेंट डा. स्नेहलता ने चेयरपर्सन की भूमिका निभाई। डा. सतीश कुमार, प्रो. विपुला बिश्नोई व डा. आरती कार्डिनेटर रहे।

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