क्रिकेटर युवराज सिंह के खिलाफ एससीएसटी मामले में हाईकोर्ट सख्त, हांसी एसपी को स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
क्रिकेटर युवराज सिंह के खिलाफ हांसी के एक्टिविस्ट व अधिवक्ता रजत कलसन ने शिकायत दर्ज करवाई थी। युवराज सिंह पर अनुसूचित जाति से संबंधित सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इस मामले में केस दर्ज हाेने के बाद से ही कोर्ट में सुनवाई चल रही है
हिसार/हांसी, जेएनएन। क्रिकेटर युवराज सिंह पर अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में शिकायतकर्ता रजत कलसन के वकील अर्जुन शओरण की तरफ से हांसी पुलिस पर आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई जांच नहीं की है जबकि जांच पर रोक के बारे में हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं किया है।
जवाब में हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले में युवराज सिंह की विवादित वीडियो जांच के लिए एफएसएल चंडीगढ़ व गुड़गांव को भेजी गई थी, इस पर बेंच ने कहा कि जब युवराज सिंह खुद मान रहे हैं कि यह वीडियो उन की है तब इस वीडियो की लैब में जांच कराने की क्या जरूरत है।
न्यायाधीश अमोल रतन सिंह ने स्पष्ट किया कि कोर्ट ने जांच पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई है उन्होंने केवल पुलिस द्वारा याचिकाकर्ता युवराज सिंह के खिलाफ सख्त एक्शन पर रोक लगाई है।
न्यायाधीश अमोल रतन सिंह ने सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को आदेश दिए कि युवराज सिंह द्वारा अपनी टिप्पणी में अपमानजनक शब्द के इस्तेमाल के बारे में शिकायतकर्ता की मंशा के बारे में अगली सुनवाई पर हांसी पुलिस अधीक्षक का शपथ पत्र पेश किया जाए। इसके अलावा शिकायतकर्ता के वकील को भी निर्देश दिए कि वे इस बारे में अपना औपचारिक जवाब पेश करें तथा मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद मुकर्रर कर दी। अदालत ने साफ किया कि युवराज सिंह के खिलाफ सख्त एक्शन ना लेने का आदेश केवल अगली तारीख पेशी तक है। अदालत अगली तारीख पेशी पर इस बारे में पुनर्विचार करेगी। मामले को दो सप्ताह बाद अर्जेंट लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया है।
गौरतलब है कि पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम पर यजुवेंद्र चहल से वीडियो चैटिंग करते हुए अनुसूचित जाति से संबंधित टिप्पणी करने का आरोप है। जिस पर हांसी थाना शहर में उसके खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के खिलाफ दर्ज मुकदमा दर्ज हुआ था इस मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिस पर पिछली तारीख पेशी पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस को युवराज सिंह के खिलाफ कोई सख्त एक्शन ना लेने के आदेश जारी किए थे।